प्रयागराज: आरोपी जावेद का घर गिराने पर AIMPLB ने उठाए सवाल, मुस्लिमों से कहा- सबूत जुटाएं

शिल्पी सेन

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यूपी में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कई जिलों में भड़की हिंसा के मामले में प्रदेश सरकार की तरफ से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. इस बीच ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस मामले में एक बयान जारी किया है.

ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के ऑफ़िस सेक्रेटेरी डॉ वकारूद्दीन लतीफ़ी की ओर से जारी बयान में आरोपियों के घर गिराए जाने पर सवाल उठाए गए हैं. बता दें कि हिंसा के बाद से ही प्रशासन की तरफ से अलग-अलग जिलों में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत उनके ‘अवैध निर्माणों’ को बुल्डोजर से गिराया गया है. गौरतलब है कि प्रयागराज हिंसा मामले के मुख्य आरोपी मोहम्मद जावेद ऊर्फ पंप के मकान को रविवार को बुल्डोजर से ध्वस्त कर दिया गया.

बयान के मुताबिक, मुल्ज़िमों के साथ मुजरिमों जैसा सुलूक करना ग़ैर क़ानूनी और दहशतगर्दी है. पैगंबर इस्लाम को मुसलमान अपनी जान और अपनी औलाद से भी ज़्यादा अज़ीज़ रखते हैं. जिन लोगों ने गुस्ताख़ी की उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की जगह मुसलमानों के ज़ख्मों पर नमक छिड़का जा रहा है.

बयान में आगे कहा गया है, “जो लोग इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया जा रहा है. उन पर लाठीचार्ज किया जा रहा है और उन के घरों को मिस्मार (गिराया) जा रहा है. गुस्ताख़ी करने वालों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई नहीं करना यक़ीनन इंसाफ़ का क़त्ल है.”

बोर्ड की तरफ़ से सवाल उठाया गया है कि क्या क़ानून इस्लाम ज़िन्दाबाद के नारे लगाने पर गोली मार कर हलाक़ कर देने की इजाज़त देता है. बोर्ड ने मरकज़ी हुकूमत और दीगर सूबाई हुकूमतों से माँग की है, कि वो ऐसी ना-मुंसिफ़ाना हरकत से बाज़ आएं.

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ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुसलमानों से अपील की है कि सब्र से काम लें, गुस्ताखे रसूल के ख़िलाफ़ नाराज़गी ज़ाहिर करने के लिए मुक़ामी सरकारी ओहदेदारों को मेमोरेंडम दें. पुलिस मुज़ालिम के सबूत जमा कर मिल्ली तंज़ीमों के सुपुर्द करें, ताकि एफ़आईआर दर्ज कराई जा सके.

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