नोएडा: ढाई साल का आर्यन हो गया था लापता, रिक्शेवाले की 14 साल की बेटी कशिश ने यूं बचा लिया

मनीष चौरसिया

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सच है की हिम्मत और साहस की कोई उम्र नहीं होती. एक 14 साल की बच्ची के हौसले की कहानी आप सुनेंगे तो हैरान हो जाएंगे. वह जिस परिस्थिति में थी उसकी जगह कोई और होता तो शायद इतना साहसिक कदम ना उठा पाता, लेकिन 14 साल की कशिश ने ऐसी हिम्मत दिखाई कि एक ढाई साल का मासूम गुम होने के बाद अब अपने माता-पिता के पास सुरक्षित पहुंच पाया. ढाई साल का आर्यन अपनी मां की गोद में फिर से सुरक्षित पहुंच पाया है तो सिर्फ 14 साल की कशिश की वजह से.

‘अफवाह ने बढ़ाई पुलिस और घरवालों की परेशानी’

ढाई साल का आर्यन अपने पिता धर्मेंद्र और मां काजल के साथ नोएडा के गिझौड़ गांव में रहता है. 13 तारीख की रात लगभग 8.30 बजे आर्यन खेलते-खेलते घर से बाहर आ गया और फिर थोड़ी दूर निकल गया.

दरअसल, परिवार के साथ रहने वाला एक लड़का घर से बाहर निकला था, जिसके पीछे-पीछे आर्यन चल पड़ा, लेकिन आगे जाकर वह भटक गया. इसी बीच एक अफवाह उड़ी जिसने पुलिस का काम और मुश्किल कर दिया. किसी ने ये अफवाह उड़ा दी कि आर्यन को एक महिला उठाकर ले गई. इसके बाद मासूम के मां-बाप और ज्यादा परेशान हो गए. लेकिन फिर पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज मिली, जिसमें उन्हे कशिश आर्यन से बात करते हुए दिखाई दी.

‘भीड़ में से सिर्फ कशिश ने समझा कि बच्चा भटक गया है’

सीसीटीवी फुटेज में दिखाई पड़ रहा है कि आर्यन के आस-पास बहुत सारे लोग आते-जाते हैं लेकिन कोई भी रुक कर बच्चे की तरफ नहीं जाता. कशिश अपनी मां के साथ उस रास्ते से निकलती है और फिर इंतजार करती है कि आखिर यह बच्चा किस तरफ जा रहा, लेकिन जल्द ही वह समझ जाती है कि बच्चा रास्ता भटक गया है. कशिश ने तुरंत बच्चे को संभाला और उसे लेकर घर आ गई.

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‘8 घंटे तक रखा बच्चे का ख्याल’

ढाई साल का आर्यन रात 8:30 बजे अपने घर से गायब हुआ था. कशिश आर्यन को अपने घर ले गई. इसके बाद कशिश आसपास के मोहल्ले में गई और लोगों से पूछा कि कहीं किसी का बच्चा तो नहीं खोया. जब कुछ पता नहीं चला तो कशिश वापस घर आई और बच्चे का ख्याल रखने लगी. बच्चे को दूध, बिस्किट खिलाया, पानी पिलाया और फिर उसे आराम से सुला दिया.

’12 साल पहले कशिश भी खोई थी’

कशिश की मां बताती हैं कि 12 साल पहले जब कशिश सिर्फ 2 साल की थी, तब यह भी इसी तरह खो गई थी. उस वक्त कशिश मंदिर मैं रहने वाली एक बुजुर्ग महिला के पास मिली थी.

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इतना ही नहीं कशिश का एक 5 साल का भाई था, जिसकी बीमारी के चलते कुछ साल पहले मौत हो गई थी. जब इस परिवार को बच्चा मिला तो यह सारी बातें कशिश की मां के सामने किसी फिल्म की तरह चलने लगी.

‘सेना में जाना चाहती है कशिश’

कशिश की मां बताती हैं कि कशिश इससे पहले वो एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ती थी लेकिन कोविड में स्कूल बंद हुआ और फिर स्कूल पूरे साल की फीस 12 हजार मांग रहा था, इतने पैसे उनके पास नहीं थे तो उन्होंने कशिश का एडमिशन सरकारी स्कूल में करवा दिया. हालांकि, अब कशिश की हिम्मत से खुश होकर नोएडा पुलिस ने उसकी पढ़ाई की जिम्मेदारी ली है.

एसीपी रजनीश वर्मा कहते हैं कि बच्ची की अच्छी पढ़ाई-लिखाई का इंतजाम किया जाएगा. साथ ही कशिश के पिता की भी आर्थिक मदद की जाएगी.

यह दो गरीब परिवारों की कहानी है. गुम हुए बच्चे आर्यन के पिता एक मामूली से पेंटर है, जबकि कशिश के पिता रिक्शा चलाते हैं और उसकी मां मेड है. आर्यन के माता-पिता भी कशिश का धन्यवाद करते नहीं थक रहे हैं.

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