लखीमपुर हिंसा मामला: SC ने आशीष को मिली जमानत रद्द करने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

अनीशा माथुर

• 07:08 AM • 04 Apr 2022

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की…

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की ओर से दी गई जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सोमवार को फैसला सुरक्षित रख लिया. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में यह तय करेगा कि आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को जारी रखा जाए या फिर उसकी जमानत रद्द की जाए.

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आपको बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस सूर्यकांत की बेंच में लखीमपुर हिंसा मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता पीड़ित परिवारों के वकील दुष्यंत दवे ने आरोपी आशीष मिश्रा के खिलाफ दर्ज एफआइआर की तफसील पढ़ कर सुनाई.

दवे ने कहा कि हाईकोर्ट ने जमानत देने में कई तथ्यों में ध्यान नहीं दिया. यह हत्या का गंभीर मामला है. सुप्रीम कोर्ट में कुछ याचिकाकर्ताओं ने कहा कि आरोपी की जमानत रद्द की जानी चाहिए. इस पर कोर्ट ने कहा कि ‘हम जानते हैं कि हमें क्या करना है.”

वहीं, यूपी सरकार की तरफ से पेश वकील ने कहा कि हमें रिपोर्ट शुक्रवार को मिल गई थी. हमने राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज दी है.

दवे ने अनुसार, “एफआईआर में साफ लिखा है कि थार जीप भीड़ पर चढ़ा कर लोगों को कुचला गया. इस वाहन में आशीष मिश्रा बैठे थे. हाईकोर्ट ने जमानत देते समय बुलेट बाइक का जिक्र किया है, जबकि कार ने कुचला था. इस दौरान गोलियां भी चलीं.” उन्होंने आगे कहा, “साफ बताया गया था कि आशीष मिश्रा ने लोगों पर गाड़ी चढ़ाई, लेकिन हाई कोर्ट ने जमानत देते हुए कह दिया कि गोली चलने के सबूत नहीं हैं.”

दुष्यंत दवे ने दावा किया, “आशीष के पिता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा धमकी दे रहे थे. उपमुख्यमंत्री का यात्रा मार्ग बदलने के बावजूद आरोपी उस रास्ते पर गया जिस पर किसान थे.” दवे ने कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) ने विस्तृत तौर पर जांच की. वीडियो और ऑडियो, गवाहों, सभी पर गौर किया.

याचिकाकर्ता पीड़ित परिवारों के वकील दवे ने कहा कि यह मामला आरोपी कि जमानत खारिज करने के लिए बिलकुल उचित है.

आशीष के वकील रंजीत कुमार ने कहा, “पुलिस को किसानों की तरफ से दी गई रिपोर्ट में ही कहा गया है कि गोली से एक किसान मरा. तभी हाई कोर्ट ने गोली न चलने की बात कही, लोगों ने यह भी कहा कि आशीष गन्ने के खेत में भाग गया. घटनास्थल पर गन्ने का खेत था ही नहीं, धान का था.”

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