Mayawati News: दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने सियासी हलचल मचाते हुए अपने ही परिवार में बड़ा झटका दे दिया है. उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. मालूम हो कि अशोक सिद्धार्थ की बेटी से ही आकाश आनंद की शादी हुई है, जिससे यह फैसला और भी चौंकाने वाला बन गया है. दिलचस्प बात यह है कि अशोक सिद्धार्थ के पिता कभी बसपा संस्थापक कांशीराम के करीबी सहयोगी रहे थे. इस फैसले को बसपा में अनुशासन लागू करने और आंतरिक गुटबाजी खत्म करने की दिशा में मायावती का कड़ा संदेश माना जा रहा है.
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मायावती ने पार्टी से निकालने की बताई ये वजह
मायावती ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, "बीएसपी की ओर से ख़ासकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डा अशोक सिद्धार्थ, पूर्व सांसद व श्री नितिन सिंह, ज़िला मेरठ को, चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है."
दिल्ली चुनाव में मिली असफलता है इस फैसले का कारण?
वहीं, ये भी कहा जा रहा है कि दिल्ली चुनाव में बीएसपी के अबतक के सबसे खराब प्रदर्शन का ठीकरा इन नेताओं पर फूटा है. पहली बार बीएसपी की दिल्ली की लगभग सभी सीटों पर जमानत जब्त हुई है.
कौन हैं नितिन सिंह जिनपर भी गिरी गाज
नितिन सिंह मेरठ के रहने वाले हैं और बसपा के दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के प्रभारी रह चुके हैं. दोनों नेताओं को पहले चेतावनी दी गई थी, लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता जारी रहने पर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
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