यूपी: 2024 में BJP को टक्कर देने के लिए मैनपुरी मॉडल अपनाएगी सपा, शिवपाल थामेंगे कमान!

कुमार अभिषेक

14 Mar 2023 (अपडेटेड: 14 Mar 2023, 02:29 PM)

Uttar Pradesh News: समाजवादी पार्टी के भीतर इन दिनों मैनपुरी मॉडल की बड़ी जबरदस्त चर्चा है. कोलकाता में सपा के 3 दिनों के राष्ट्रीय कार्यकारिणी…

shivpal

shivpal

follow google news

Uttar Pradesh News: समाजवादी पार्टी के भीतर इन दिनों मैनपुरी मॉडल की बड़ी जबरदस्त चर्चा है. कोलकाता में सपा के 3 दिनों के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संगठन के मॉडल पर चर्चा होगी कि आखिर कैसे मैनपुरी मॉडल पूरे उत्तर प्रदेश में 2024 के चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी लागू करे. पहले पार्टी के भीतर इस बात पर चर्चा हुई कि मैनपुरी के इस चुनाव संगठन मॉडल को क्यों ना पूरे प्रदेश में अपनाया जाए.

यह भी पढ़ें...
मैनपुरी मॉडल ने दिलवाई थी जीत

मैनपुरी मॉडल ने मुलायम सिंह के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी सीट पर समाजवादी पार्टी को बंपर जीत दिलवाई. इसी दौरान रामपुर सदर का उप चुनाव समाजवादी पार्टी हार गई. यही नहीं अखिलेश यादव की खाली की गई सीट आजमगढ़ भी समाजवादी पार्टी हार चुकी थी लेकिन मैनपुरी चुनाव की जीत के पीछे शिवपाल यादव के संगठन कौशल को माना गया और मैनपुरी सीट से डिंपल यादव की जबरस्त जीत ने समाजवादी पार्टी को एक मॉडल दिया. जो उनके चुनावी मशीनरी का नया मॉडल बताया जा रहा है.

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने यूपीतक को बताया कि शिवपाल यादव का इस्तेमाल पार्टी बड़े स्तर पर करने जा रही है. उनके इस संगठन कौशल के चलते मैनपुरी मॉडल की जिम्मेदारी शिवपाल यादव को दी जाएगी. जिसे वह आने वाले सभी चुनाव में पार्टी के संगठन के स्तर पर लागू करेंगे. बताते चलें कि अखिलेश यादव से भी पार्टी के भीतर इस मॉडल को लेकर चर्चा हुई है. जिसके बाद शिवपाल यादव को संगठन में जान फूंकने और खासकर चुनाव के दौरान बीजेपी के चुनावी माइक्रोमैनेजमेंट का जवाब देने के लिए इस मॉडल को उतारा जा रहा है.

क्या है यह मैनपुरी मॉडल?

समाजवादी पार्टी अब बूथ स्तर पर 10 यूथ खड़ा करेगी, जिनकी जिम्मेदारी अपने बूथ को जिताने की होगी. यह बहुत कुछ बीजेपी के पन्ना प्रमुख से मिलता जुलता होगा. हर लोकसभा क्षेत्र में 10 से ज्यादा लोगों की एक कोर कमेटी होगी जो सीधे ग्राउंड की रिपोर्ट पार्टी मुख्यालय में बनी कोर कमेटी को देगी. जिसमें प्रत्याशी के बारे में फीडबैक स्थानीय स्तर पर माहौल, सरकार के खिलाफ चलंत मुद्दे,अपने विपक्ष के उम्मीदवार के संभावनाओं की रिपोर्ट शामिल होगी. बता दें कि बीजेपी ने जिस तरीके से अपने विस्तारक हर जिले में तैनात किए हैं. उसी तर्ज पर हर लोकसभा क्षेत्र में यह कोर कमेटी बनी रहेगी जो सीधे पार्टी मुख्यालय को रिपोर्ट करेगी.

दूसरे जिलों के नेताओं को दूसरे जिलों के प्रभारी के तौर पर नियुक्त किया जाएगा. ऐसे नेता जिनका दूसरे जिले में अपना कोई एजेंडा ना हो वह निष्पक्ष रुप से प्रभारी के तौर पर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. इस पूरे मॉडल को शिवपाल यादव की देखरेख में तैयार किया जा रहा है और संगठन तैयार होने के बाद इस मॉडल पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं को सीधे तौर पर हाईकमान से जोड़ा जाएगा.

बीजेपी को टक्कर देने की तैयारी

दरअसल चुनाव के वक्त चाहे टिकट बंटवारा हो या फिर चुनाव प्रचार बिना किसी बड़े प्लानिंग के समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता जमीन पर उतरते हैं. जिसमें ज्यादातर प्लानिंग जब चुनाव की रणनीति खुद उम्मीदवार तय करते हैं. जबकि बीजेपी में इसके ठीक उलट होता है और बीजेपी का संगठन चुनाव मशीनरी की प्लानिंग करता है. समाजवादी पार्टी में इस मौलिक अंतर को समझते हुए अब चुनावी रणनीति को सिर्फ उम्मीदवार के भरोसे नहीं छोड़ेगा बल्कि पार्टी के संगठन की ताकतहर उम्मीदवार के पीछे लगाई जाएगी, जैसे मैनपुरी में लगाई गई. बहरहाल, सपा का ये मैनपुरी मॉडल फिलहाल खूब चर्चे में है लेकिन शिवपाल यादव इसमें कितना धार दे पाते हैं इसपर सबकी नजर रहेगी.

    follow whatsapp
    Main news