अखिलेश ने कहा, “हम न पैदल चलने से घबराते हैं, न साइकल चलाने से. हमें जेल भी भरनी पड़ी तो भरेंगे. नेताजी ने कई बार जेल भरी है. कोई भी आंदलोन छेड़ना पड़े, तो पीछे नहीं हटेंगे. देखो फिर राशन फ्री कर दिया है, लगता है कहीं चुनाव आया है. जब चुनाव आता है ये राशन फ्री कर देते हैं. हमारा कार्यकर्ता ये तय करके जाए कि अपने बूथ और गांव में वह इनको हराने का काम करेगा.”
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अखिलेश ने कहा, “अब तो रिजल्ट बदला नहीं जा सकता, रिजल्ट दिखाई दे रहा यही सामने, हमने और आपने अगर ये मुकाबला किया होता और अपने पक्के बूथों पर 2 या 3 परसेंट भी वोट बढ़ा दिया होता तो सपा की सरकार यूपी में होती. अपना बूथ सबसे मजबूत बनाना होगा, एक भी वोट बंटना नहीं चाहिए.”
सपा प्रमुख ने कहा,
“ये कौनसा लोकतंत्र है, ये कौनसी व्यवस्था है. अगर समाजवादी लोग झंडा दिखाएंगे, अगर आपके फैसलों का विरोध करेंगे, तो आपको बम लगाकर के जेल भेज दिया जाएगा. ये सरकार जनता की बनाई हुई नहीं है. जनता को भी भरोसा नहीं कैसे सरकार बन गई. समाजवादियों की सरकार बन गई थी उत्तर प्रदेश में. ये सरकार छीनी है इन्होंने. पूरी की पूरी मशीनरी लगाकर सरकार छीन ली. क्योंकि इन्हें पता था कि यूपी की सरकार गई तो दिल्ली की भी चली जाएगी. जिनसे हमें सबसे ज्यादा उम्मीद थी कि न्याय मिलेगा, इलेक्शन कमीशन उसने बीजेपी के इशारे पर यादव और मुसलमानों के वोट कोई ऐसी विधानसभा नहीं जहां 20 हजार कम न कर दिए हों.”
अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा, “जब से बीजेपी की सरकार आई है, आजम खान साहब के ऊपर अन्याय नहीं रुक रहा है. राजनीतिक इतिहास में कम लोग होंगे जिनके ऊपर इतने केस लगाए गए हों, झूठे मुकदमे लगाए गए हों. अधिकारियों से यह कहा गया है आपको अच्छी जगह पोस्टिंग और प्रमोशन तब मिलेगा जब आप अन्याय करेंगे. 2 साल तक उन्हें जेल में रहना पड़ा. उनके परिवार का कोई सदस्य नहीं बचा जिसके ऊपर झूठे मुकदमे न लगे हों. जहां भी वह न्याय के लिए गए, को सुनने वाला नहीं है.”
अखिलेश यादव ने सवाल करते हुए पूछा कि नोटबंदी से कितना काला धन वापस आया? उन्होंने कहा कि ‘जीएसटी लागू करके तमाम व्यापारियों को नुकसान पहुंचाया गया. काले कानों लाकर के इन्होंने बता दिए कि ये किसान के साथ नहीं हैं. ये काले कानून चुनाव के लिए वापस हुए हैं. अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ये कानून लाए जा रहे हैं.’
अखिलेश ने कहा, “अभी नवरात्रे चल रहे हैं. हम मां दुर्गा से यही मांग करें कि जो सत्ता में लोग हैं वो सच बोलने लगें. याद रखना जिस दिन ये सच बोलेंगे, ये राजनीति की धरातल में पहुंच जाएंगे, इनको कोई पूछने वाला नहीं मिलेगा.”
“आज जिन शक्तियों से हमारा मुकाबला है, जिनसे हमें संघर्ष करना है, वो लगातार झूठ का सहारा ले रहे हैं. देश नहीं दुनिया के इतिहास में झूठ बोलने वाला कोई दल नहीं होगा जो आज दिल्ली और देश की सत्ता में पहुंच गया है. हिटलर की सरकार में एक प्रोपोगेंडा मिनिस्टर हुआ करता था, इधर बीजेपी के लोग जिस तरह का प्रोपोगेंडा करते हैं, लगता तो ऐसा है कि पूरी की पूरी बीजेपी झूठ के प्रोपोगेंडा के सहारे चल रही है.”
अखिलेश यादव
सपा प्रमुख ने कहा, “आज संकल्प लेना है कि हम समाजवादियों को आने वाले पांच सालों में इतिहास बनाने का काम करना है. मुझे याद है कि नेताजी हमेशा चाहते थे कि सपा राष्ट्रीय पार्टी बने. हमने बहुत प्रयास किया. हम संकल्प लेते हैं, जब अगली बार हम मिलें को सपा राष्ट्रीय पार्टी बन जाए.”
अखिलेश ने कहा, “सबसे पहले आपका आभार प्रकट करना चाहता हूं. आपने मुझपर जो भरोसा जताया है, उसका मैं आभारी हूं. ये अध्यक्ष पद बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. ये जिम्मेदारी तब मिली है जब देश के लोकतंत्र और संविधान को खतरा है. लखनऊ और दिल्ली की सरकारों ने सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है.”
आपको बता दें कि अखिलेश यादव लगातार तीसरी बार समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं.
समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जया बच्चन भी अधिवेशन में पहुंच गई हैं.
मिली ताजा जानकारी के अनुसार, अधिवेशन में सपा प्रमुख अखिलेश यादव पहुंच गए हैं. इस दौरान उनके साथ सपा महासचिव राम गोपाल यादव और पार्टी के वरिष्ठ नेता अवधेश प्रसाद, स्वामी प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल समेत पार्टी सांसद और विधायक मौजूद हैं.
बिछड़े सभी बारी-बारी लेकिन अखिलेश ने याद दिलाई ‘यारी’, इन 3 बयानों में दिखी 2024 की तैयारी
अधिवेशन में मुख्य विपक्षी दल होने के नाते सत्तारूढ़ भाजपा से निपटने के लिए सपा अपनी कारगर भूमिका के बारे में चर्चा करेगी. साथ ही वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति पर भी गहन चर्चा होगी.
उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) का राष्ट्रीय अधिवेशन आज यानी गुरुवार 29 सितंबर को लखनऊ में आयोजित किया जाएगा. स्थानीय निकाय के आसन्न चुनावों और उसके बाद वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे इस अधिवेशन में अखिलेश यादव को लगातार तीसरी बार पार्टी का अध्यक्ष चुने जाने की संभावना है.
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