पल्लवी पटेल और सपा चीफ में नहीं हो रही बातचीत? सिराथू MLA बोलीं- मैं अखिलेश से मिलता चाहती थी...

समर्थ श्रीवास्तव

15 Feb 2024 (अपडेटेड: 15 Feb 2024, 12:01 PM)

अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल इन दिनों अपनी सहयोगी समाजवादी पार्टी (सपा) से नाराज चल रही हैं. नाराजगी की वजह है ...

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Pallavi Patel News: अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल इन दिनों अपनी सहयोगी समाजवादी पार्टी (सपा) से नाराज चल रही हैं. नाराजगी की वजह है राज्यसभा चुनाव के लिए सपा के उम्मीदवार. दरअसल, इस चुनाव के लिए सपा ने बॉलीवुड अभिनेत्री जया बच्चन, पूर्व सांसद रामजी लाल सुमन और पूर्व आईएएस अधिकारी आलोक रंजन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है और तीनों ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है. पल्लवी का आरोप है कि सपा चीफ अखिलेश सर पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) का नारा देते हैं, लेकिन उसे फॉलो नहीं करते. इस बीच पल्लवी पटेल ने यूपी Tak से खास बातचीत में अखिलेश यादव को लेकर सनसनीखेज बयान दिया है.

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पल्लवी ने कहा, "मैं राज्यसभा चुनाव को लेकर अखिलेश से मिलना चाहती थी, लेकिन उनकी व्यस्तता इतनी ज्यादा थी कि मिलने का समय ही नहीं मिला. अगर मैं अपनी मां के लिए राज्यसभा सीट मांग भी रही थी, तो इसमें गलत क्या था. वह तो पीडीए का हिस्सा हैं."   

 

 

अखिलेश यादव के पल्लवी को लेकर बयान कि 'यह लोग खुद को धोखा न दें' पर उन्होंने कहा, "मैं पलवी पटेल हूं. हमारे खून में चल-धोखा-छलावा नहीं होता है. अखिलेश को इन सब शब्दों से बचना चाहिए."

पल्लवी ने रामगोपाल यादव को निशाने पर लिया

सपा के वरिष्ठ नेता और अखिलेश के चाचा रामगोपाल यादव के बयान कि 'नहीं देना है वोट तो ना दें' पर पल्लवी ने कहा, "उनके बारे में क्या कहना. उनके बारे में तो मुलायम सिंह बहुत कुछ कह कर चले."

सपा के राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर पल्लवी ने कहा, "आलोक रंजन ने त्रिस्तरीय आरक्षण अखिलेश सरकार में लागू होने नहीं दिया और वही अब राज्यसभा के उम्मीदवार हैं. जया बच्चन अच्छी अभिनेत्री हैं, लेकिन यहां कोई फिल्म या नाटक नहीं चल रहा है. पीडीए में रंजन और बच्चन कहां से आ जाते हैं." 

 

 

पल्लवी ने किया स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन

पल्लवी पटेल ने कहा, "स्वामी प्रसाद मौर्य को मजबूर किया गया इस तरह का निर्णय लेने के लिए. किसी को हक नहीं है उन पर अनर्गल बयान बाजी करने का. अगर वह बातें पार्टी विरोधी होतीं, तो उन पर एक्शन लेने का अधिकार सिर्फ अखिलेश यादव का था."

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