Up Political News: सुनील बंसल के उत्तर प्रदेश से दायित्व मुक्त होने की चर्चा तो पिछले कई हफ्तों से थी, लेकिन उनकी जगह कौन लेगा इस पर कोई कयास नहीं लगाए जा रहे थे. बता दें कि सुनील बंसल की जगह धर्मपाल सिंह सैनी को उत्तर प्रदेश का संगठन महामंत्री बनाया गया है, जिसके बाद तमाम नजरें उनकी ओर टिक गई हैं. सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि क्या धर्मपाल, सुनील बंसल के उस सफल सांगठनिक विरासत हो आगे ले जा पाएंगे, क्या वह जीत फार्मूला यूपी में दोहरा पाएंगे?
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जैसे ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की वह चिट्ठी जारी हुई, जिसमें धर्मपाल सिंह को उत्तर प्रदेश का नया संगठन महामंत्री बनाया गया, वैसे ही उत्तर प्रदेश में सभी इस बात को जानने को उत्सुक दिखे कि आखिर ये धर्मपाल सिंह हैं कौन?
तो बता दें कि एक बार फिर एबीवीपी के संगठन कौशल पर बीजेपी ने दांव लगाया है और सुनील बंसल की तरह ही धर्मपाल सिंह एबीवीपी के बैकग्राउंड से ही आते हैं. लंबे समय तक धर्मपाल सिंह का एबीवीपी में काम करने का अनुभव है और वह पिछले 7 सालों से झारखंड में बीजेपी के संगठन महामंत्री हैं. मूल रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले धर्मपाल सिंह, सैनी बिरादरी से आते हैं जो कि उत्तर प्रदेश में और खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ओबीसी की बड़ी प्रभावी जाति है.
क्या है धर्मपाल सिंह सैनी संघ बैकग्राउंड?
धर्मपाल सिंह सैनी 1984 में एक कार्यकर्ता के तौर पर एबीवीपी में शामिल हुए और 6 सालों में अपनी मेहनत और लगन से वह एबीवीपी के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए. बीजेपी में आने से पहले उनका पूरा जीवन एबीवीपी के इर्द-गिर्द ही रहा. कम ही लोग जानते हैं कि उनका कार्यक्षेत्र लगभग उत्तर प्रदेश ही रहा है. अपने एबीवीपी के कार्यकाल के दौरान धर्मपाल सिंह ने उत्तर प्रदेश में प्रांत संगठन मंत्री के तौर पर लंबे समय तक काम किया. एबीवीपी में ही पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्र संगठन मंत्री के तौर पर भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाई और उसके बाद एबीवीपी के उत्तर प्रदेश के क्षेत्र संगठन मंत्री भी रहे.
इसके अलावा एबीवीपी मे रहते हुए कृषि क्षेत्र में भी उन्होंने काम किया. वह एबीवीपी के ऑल इंडिया एग्रोविजन चैप्टर के संयोजक भी रहे.
धर्मपाल सिंह के साथ संघ से जुड़े रहे उनके एक साथी बताते हैं कि वह कार्यकर्ताओं के बीच बेहद सुलभ-सरल और सहज हैं. सभी कार्यकर्ताओं को नाम से बुलाने की उनकी अद्भुत क्षमता है और सुनील बंसल की तरह ही संगठन में माइक्रोमैनेजमेंट वाले संगठन मंत्री की पहचान रखते हैं. झारखंड में पिछले 7 सालों में संगठन महामंत्री के तौर पर काम करते हुए उन्होंने एक अलग छवि बनाई है. कार्यकर्ताओं से हमेशा मिलते हैं और वह सुनील बंसल की तरह सबकी सुनते भी हैं.
बेशक झारखंड में उनके संगठन मंत्री रहते रघुवरदास की सरकार दोबारा नही लौट पाई, लेकिन 2019 लोकसभा चुनावों में बीजेपी की 14 में से 12 सीटें भी बीजेपी ने जीतीं. इसके अलावा पंचायत और निकाय चुनावों में भी बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय उनको जाता है.
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