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रामपुर की जिला जज की अदालत ने आखिरकार नवाब खानदान के संपत्ति बंटवारे मामले में फैसला सुना ही दिया.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में 2600 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति का बंटवारा कुल 18 पक्षकारों के बीच होगा.
आजादी के बाद नवाब रजा अली खान ने अपनी रियासत रामपुर का भारत गणराज्य में विलय कर दिया था. जिसके बाद समझौते के तहत उनके हिस्से में यहां की कई बड़ी संपत्तियां आई थीं.
इन संपत्तियों में कोठी खासबाग, कोठी लखीबाग, कोठी बेनजीर, नवाब रेलवे स्टेशन और नवाबों वाला कुंडा शामिल हैं. इसके अलावा हथियारों का जखीरा, पुरानी पेंटिंग, बर्तन आदि भी संपत्तियों में शामिल हैं.
आजादी के बाद यह पहली रियासत थी जो भारत गणराज्य में विलय हो गई और इसका अस्तित्व आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया था.
संपत्ति बंटवारे को लेकर नवाब खानदान के कुल 18 वारिसान अपना-अपना अधिकार जताते हुए कोर्ट की शरण में पहुंच गए थे.
49 सालों से लगातार चली आ रही इस लंबी लड़ाई का अब लगभग अंत हो चुका है. कोर्ट ने आदेश में 2600 करोड़ रुपये की संपत्ति को 18 पक्षकारों के बीच बांटा है.
अगली स्लाइड में देखिए कि कैसे 2600 करोड़ रुपये की कीमत की इस संपत्ति का आकलन कोर्ट ने किया है.
कोर्ट ने कोठी खास बाग की 1435 करोड़, लखीबाग कोठी की 721 करोड़, कोठी बेनजीर, नवाब रेलवे स्टेशन और नवाबों वाला कुंडा की कीमत 432 करोड़ होने का आकलन किया.
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