अस्पताल में घुसे अघोरियों ने नवजात को लिया हाथों में और कहा ये कल्कि अवतार? क्या है वायरल वीडियो की असली कहानी

वाराणसी के एक अस्पताल में भगवान कल्कि के अवतार लेने का दावा करने वाला वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में अघोरियों को एक नवजात को भगवान का रूप बताते हुए दिखाया गया है जिसने आस्था और चमत्कार के नाम पर सनसनी फैला दी है.

Fact check of viral video

गौरांशी श्रीवास्तव

31 Dec 2025 (अपडेटेड: 31 Dec 2025, 11:24 AM)

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Fact Check of viral video: भगवान विष्णु के अंतिम अवतार कल्कि को लेकर इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो ने कोहराम मचा रखा है. दावा किया जा रहा है कि वाराणसी के एक प्राइवेट अस्पताल में कल्कि अवतार ने जन्म लिया है. वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि बच्चे के जन्म के कुछ ही घंटे बाद अघोरियों का एक झुंड अस्पताल पहुंचता है और सीधे उस केबिन में दाखिल होता है जहां वह नवजात बच्चा है. फिर अघोरी उस नवजात बच्चे को गोद में लेकर कहते हैं कि ये साक्षात भगवान का अवतार है.

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वीडियो में क्या दिख रहा है

वीडियो देखकर पहली नजर में हर कोई चौंक जाता है.सवाल उठता है कि आखिर साधु संतों को यह कैसे पता चला कि वाराणसी के किसी निजी अस्पताल में किसी खास केबिन में एक बच्चे का जन्म हुआ है? जबकि हकीकत यह है कि वाराणसी जैसे बड़े शहर में हर दिन सरकारी और निजी अस्पतालों में दर्जनों बच्चों का जन्म होता है. फिर यह खबर इतनी खास कैसे हो गई? सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आस्था, चमत्कार और भविष्यवाणी का ऐसा तड़का लगाया गया कि देखने वाला बिना सवाल किए मानने को मजबूर हो जाए. लेकिन कहते हैं ना कि सोशल मीडिया पर दिखने वाली हर कहानी सच नहीं होती. कई बार आस्था के नाम पर लोगों को गुमराह किया जाता है. जब इस वीडियो की फैक्ट चेक शुरू की गई तो तस्वीर धीरे-धीरे साफ होती चली गई. 

AI की मदद से बनाया गया वीडियो फेक

जांच में सामने आया कि सोशल मीडिया पर किए जा रहे सारे दावे पूरी तरीके से गलत और भ्रामक हैं. ना तो वाराणसी के किसी अस्पताल में कल्कि अवतार का जन्म हुआ है और ना ही किसी नवजात को साधु संतों ने चमत्कारी रूप से गोद में लिया है. फैक्ट चेक में यह भी सामने आया कि वायरल किया जा रहा वीडियो असली नहीं है. इस वीडियो को एआई वीडियो मेकर से तैयार किया गया है. तकनीक की मदद से ऐसा दृश्य रचा गया जिससे लोगों को लगे कि यह कोई वास्तविक घटना है. आस्था और भावनाओं को छूने वाली कहानी बनाकर इसे जानबूझकर वायरल किया गया.

फैक्ट चेक के दौरान यह साफ हो गया कि वीडियो पूरी तरीके से फेक है और उसका किसी भी वास्तविक घटना से कोई संबंध नहीं है. ना कोई अस्पताल, ना कोई नवजात और ना ही कोई कल्कि अवतार. यह पूरा मामला सोशल मीडिया पर सनसनी फैलाने और लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने का उदाहरण है. इस फैक्ट चेक का निष्कर्ष साफ है कि वाराणसी में कल्कि अवतार होने का दावा झूठा है. वायरल वीडियो एआई तकनीक से बनाया गया है और इसे भ्रामक तरीके से फैलाया गया. ऐसे में जरूरी है कि किसी भी चौंकाने वाले दावे पर आंख बंद करके भरोसा ना किया जाए बल्कि सच जानने के बाद ही उसे आगे बढ़ाया जाए. सोशल मीडिया पर वायरल हर वीडियो सच नहीं. होता और यह मामला इसका ताजा उदाहरण है. 

यहां देखें पूरी वीडियो रिपोर्ट

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