कानपुर : मौत का कारण पूछने पर भड़के डॉक्टर्स, कर दी मृतक के परिजनों की पिटाई, पुलिस पर भी लगा आरोप

सिमर चावला

16 Mar 2024 (अपडेटेड: 16 Mar 2024, 02:07 PM)

उत्तर प्रदेश के कानपुर में डॉक्टरों की दबंगई का मामला सामने आया है, जहां मौत का कारण पूछने डॉक्टर इतना भड़क गए कि उन्होंने मरीज के परिजनों की पिटाई कर दी.

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के कानपुर में डॉक्टरों की दबंगई का मामला सामने आया है. बता दें कि शुक्रवार की शाम कार्डियोलॉजी में इलाज के दौरान एक बुजुर्ग की मौत हो गयी. आरोप है कि जब परिजनों ने डॉक्टरों से मौत का कारण पूछने की कोशिश की तो उन्होंने गुस्से में आकर सीसीटीवी कैमरे से दूर ले जाकर परिवार के लोगों की पिटाई कर दी.  तीमारदारों का मोबाइल छीन लिया. मृतक के बेटे ने पुलिस को सूचना दी, मौके पर पहुंची पुलिस परिवार के सदस्यों को थाने ले गई. पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने जबरन समझौता करा दिया.

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डॉक्टरों पर मारपीट का आरोप

बता दें कि फतेहपुर निवासी चंद्रपाल निषाद को तीन दिन पहले सीने में दर्द हुआ. परिजनों ने उन्हें कार्डियोलॉजी में भर्ती कराया था. शुक्रवार शाम इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. चंद्रपाल के बेटे आदित्य का आरोप है कि जब उनके पिता की तबीयत खराब हुई तो उन्हें डॉक्टरों से सलाह लेने के लिए कहा गया. लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. उसकी दिल की धड़कनें अचानक बंद हो गई. डॉक्टरों की लापरवाही से पिता की मौत हो गई जब डॉक्टरों ने मौत का कारण पूछा तो वे नाराज हो गये.

वीडियो बनाने पर छीन लिया मोबाइल

आदित्य का आरोप है कि जब बहन संध्या, रानी और अंजू ने विरोध किया तो डॉक्टरों ने उनके साथ अभद्रता की. इसके बाद वे मुझे सीसीटीवी कैमरे से दूर ले गये और पीटना शुरू कर दिया. बहनें मोबाइल से वीडियो बनाने लगीं. डॉक्टरों ने उनके मोबाइल फोन छीनकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया और गाली-गलौज करने लगे. किसी तरह वह डॉक्टरों के चंगुल से भाग निकला और पुलिस को सूचना दी.

पुलिस पर भी लगे आरोप

आदित्य का कहना है कि सूचना पर पुलिस पहुंची और मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों को पकड़कर थाने ले गई. थाने में पुलिस ने परिवार को कार्रवाई की धमकी दी. इसके बाद पुलिस ने समझौते का दबाव बनाया. कार्डियोलॉजी निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने पूरे प्रकरण की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की है. जांच टीम दो दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. जांच में दोषी पाए गए डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो.

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