घोड़े पर सवार होकर शादी के लिए पहंचे 66 के मुन्नालाल, लाल रंग के लहंगे में थीं 57 साल की प्रमिला, ऐसे हुआ दोनों में प्यार

Agra News: सोशल मीडिया पर आज कल एक तस्वीर जबरदस्त वायरल हो रहा है। इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि एक 66 साल के बुजुर्ग एक 57 साल की महिला के साथ बड़े धूम धाम से शादी रचा रहे हैं.

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अरविंद शर्मा

• 03:42 PM • 21 Mar 2025

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उम्र महज एक नंबर है, यह कहावत उत्तर प्रदेश के आगरा में उस वक्त सच साबित हुई जब 66 साल के मुन्नालाल और 57 साल की प्रमिला ने पूरे जोश के साथ शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया. यह अनोखी शादी रामलाल वृद्धाश्रम में हुई, जहां दोनों लंबे समय से रह रहे थे. आश्रम के बुजुर्गों ने इस जोड़े के लिए बाराती और घराती की भूमिका निभाई, जिससे यह मौका और भी खास बन गया. इस शादी ने न केवल आश्रम में खुशियां बिखेरीं, बल्कि यह साबित कर दिया कि प्यार और साथ की कोई उम्र नहीं होती.

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घोड़े पर सवार दूल्हा और लाल जोड़े में दुल्हन

शादी का माहौल तब रंगीन हो गया जब मुन्नालाल ने सिर पर पगड़ी और शेरवानी पहनकर घोड़े पर सवार होकर आश्रम के भीतर ही अपनी दुल्हन प्रमिला के दरवाजे तक बारात ले गए. दूसरी ओर, प्रमिला लाल रंग की दुल्हन की पोशाक में नजाकत के साथ आश्रम के हॉल में पहुंचीं और स्टेज पर कदम रखा. दोनों ने एक-दूसरे को जयमाला पहनाई और जैसे ही यह पल आया. हॉल में मौजूद दर्जनों बुजुर्गों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ इस जोड़े को आशीर्वाद दिया. आश्रम में चारों तरफ खुशी का माहौल छा गया.

मुन्नालाल और प्रमिला की कहानी

जालौन जिले के रहने वाले मुन्नालाल अपनी 90 साल की मां कांची देवी के साथ आगरा के रामलाल वृद्ध आश्रम में रहते हैं. दावों की मानें तो उनके पैतृक सम्पत्तियों को उनके रिश्तेदारों ने जबरदस्ती कब्जा कर लिया और उन्हें और उनकी मां को घर से बाहर निकाल दिया. वहीं प्रमिला बुलंदशहर की रहने वाली हैं. उनके पति का देहांत हो चुका है और उनकी दोनों बेटियां भी अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनके घर पर रिश्तेदारों का कब्जा है, इसलिए वे भी आश्रम में रहने लगीं. दोनों की मुलाकात यहीं हुई और एक-दूसरे के प्रति लगाव ने शादी का रूप ले लिया.

वृद्धाश्रम बना साक्षी

रामलाल वृद्धाश्रम में कुल 307 बुजुर्ग रहते हैं, जिनमें 166 पुरुष और 141 महिलाएं शामिल हैं. यहां रहने वाले ज्यादातर लोग 55 साल से अधिक उम्र के हैं, जिन्हें या तो परिवार ने ठुकरा दिया या जिनके अपने नहीं बचे. ऐसे में यह आश्रम उनके लिए एक नया परिवार बन गया है. इस शादी में आश्रम के बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और इसे यादगार बनाया. आश्रम संचालक शिवकुमार शर्मा ने बताया, "शादी से पहले हमने वकील से कानूनी सलाह ली थी. जब कानूनी मंजूरी मिल गई, तब यह शादी संपन्न हुई."

खुशियों की नई शुरुआत

इस शादी को लेकर रूढ़िवादी समाज भले कुछ भी बोले लेकिन मुन्नालाल और प्रमिला ने ये साबित तो कर दिया कि खुश रहने के लिए उम्र कोई बाधा नहीं होती. मुन्नालाल और प्रमिला की शादी उन सभी बुजुर्गों के लिए प्रेरणा है जो अकेलेपन से जूझ रहे हैं और ये हर शख्स को समझना होगा कि जिंदगी के किसी भी मोड़ पर इंसान को खुश रहने का हक है.

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