अश्लीलता फैलाते पाए गए तो...वैलेंटाइन डे से पहले मुजफ्फरनगर में 'लठ पूजा', किसने किया ये ऐलान?

मुजफ्फरनगर में क्रांति सेना की महिला कार्यकर्ताओं ने वैलेंटाइन डे के विरोध में लठ पूजा की. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सार्वजनिक स्थलों पर प्रेमी जोड़े दिखे, तो उन पर लाठीचार्ज किया जाएगा.

Muzaffarnagar News

संदीप सैनी

• 12:20 PM • 12 Feb 2025

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Muzaffarnagar News: वैलेंटाइन डे को लेकर देशभर में चर्चाएं तेज हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां क्रांति सेना की महिला कार्यकर्ताओं ने लठ पूजा कर ऐलान किया है कि अगर 14 फरवरी को कोई युवक-युवती सार्वजनिक स्थलों, होटलों या रेस्टोरेंट में "अश्लीलता फैलाते" पाए गए, तो उन्हें सजा देने के लिए लाठीचार्ज किया जाएगा.

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'लाठी से करेंगे इलाज'-क्रांति सेना का ऐलान

क्रांति सेना की महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष पूनम चौधरी ने इस लठ पूजा का नेतृत्व किया. उन्होंने कहा कि उनकी टीम वैलेंटाइन डे के दिन शहर के प्रमुख स्थानों पर तैनात रहेगी और किसी भी युवक-युवती को "आपत्तिजनक स्थिति" में पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा, "लड़कों को बहला-फुसलाकर होटल और रेस्टोरेंट में ले जाया जाता है. ययह विदेशी त्योहार है और भारतीय संस्कृति के खिलाफ है. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. होटल मालिकों पर भी कार्रवाई होगी."

नगर के प्रमुख स्थानों पर रहेंगी टीमें तैनात

क्रांति सेना की महिला कार्यकर्ताओं ने लाठियों का पूजन कर उन्हें तेल, कलावा और तिलक लगाया. उन्होंने कहा कि इस बार वैलेंटाइन डे पर उनकी चार से पांच सदस्यीय टीमें बस स्टैंड, सिनेमा हॉल, प्रकाश चौक और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर तैनात रहेंगी. अगर कहीं किसी होटल या सार्वजनिक स्थल पर प्रेमी जोड़ों को अश्लीलता फैलाते पाया गया, तो उन्हें "लाठी से सबक सिखाया जाएगा."

वैलेंटाइन डे का विरोध, लेकिन कानून व्यवस्था का सवाल?

क्रांति सेना की इस घोषणा से शहर में तनाव की स्थिति बन गई है. कुछ लोग इसे संस्कृति की रक्षा का प्रयास मान रहे हैं, तो कुछ इसे कानून अपने हाथ में लेने की मानसिकता बता रहे हैं. पुलिस प्रशासन की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ऐसी चेतावनी कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकती है. 

क्या होगा प्रशासन का अगला कदम?

वैलेंटाइन डे के विरोध में इस तरह की निगरानी और लाठीचार्ज की धमकी ने एक बहस छेड़ दी है, क्या सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं? क्या इस तरह का हस्तक्षेप व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं है? अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 14 फरवरी को प्रशासन क्या कदम उठाता है और यह लठ पूजा केवल प्रतीकात्मक रहती है या सच में कोई बड़ी कार्रवाई देखने को मिलती है. 

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