Lucknow Rain: लखनऊ में हुई गुरुवार रात हुई भारी बारिश के चलते शहर के कई इलाके जलभराव के कारण डूब गए. लोगों ने शुक्रवार सुबह आँखें खोलीं तो पता चला कि घर से निकलना मुश्किल था. दिलकुशा क्षेत्र में दीवार गिरने के हादसे ने 9 लोगों को मौत की नींद सुला दिया, लेकिन इस बीच एक अधिकारी का वीडियो भी वायरल हो गया. वो अधिकारी अपने सुरक्षाकर्मी के साथ एक हाथ से चप्पल उठाए और एक हाथ से अपने स्टाफ का सहारा लिए हुए घुटनों तक पानी में चल कर जाती हुई दिखाई दीं. ये अधिकारी लखनऊ की कमिश्नर रोशन जैकब हैं. लोगों ने सोशल मीडिया पर इस अधिकारी की कर्मठता को सलाम किया है.
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बता दें कि रात भर से भारी बारिश हो रही थी और शहर के कई जिससे जलभराव में डूबे थे. ऐसे में सुबह होने से पहले ही कमिश्नर लखनऊ रोशन जैकब स्थिति का मुआयना करने निकल गईं. उसके बाद दिन भर में रोशन जैकब खुद फ्रंट से लीड करते हुए कभी पम्प से जलभराव का पानी निकलवाते हुए तो मातहतों को निर्देश देती नजर आईं.
ये पहला मौका नहीं है जब रोशन जैकब चर्चा में आई हैं. 2004 बैच की आईएएस अधिकारी रोशन जैकब जहां-जहां पोस्टिंग में रहीं, वह अपनी कार्यशैली की वजह से चर्चा में रहीं .आईएएस सर्कल में उनको एक कर्मठ अधिकारी के तौर पर जाना जाता है. मूलतः केरल की रहने वालीं रोशन जैकब की शिक्षा तिरुअनंतपुरम में हुई है. गैर हिंदी भाषी होते हुए भी उन्होंने अलग-अलग परिवेश वाले यूपी जैसे बड़े राज्य में पिछले डेढ़ दशक से ज्यादा समय में काम के दौरान अपनी अलग छाप छोड़ी है.पर उनकी सबसे बड़ी पहचान उनकी कर्मठता रही.
हाल ही में लखनऊ के लेवाना होटल में हुई दुर्घटना की जांच रोशन जैकब ने ही की थी, जिसमें अधिकारियों को भी दोषी पाया गया था और उसी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई थी.
जहां-जहां रोशन जैकब रहीं, उन्होंने कुछ नया करने की कोशिश की. रोशन जैकब कानपुर, बस्ती, गोंडा, बुलंदशहर जैसे जिलों में जिलाधिकारी भी रही हैं. कानपुर में डीएम रहते हुए रोशन जैकब ने नागरिक शिकायतों की सुनवाई के लिए एक पहल शुरू की थी, तो वहीं उन्होंने 2013 में गोंडा की जिलाधिकारी रहते हुए उन्होंने एलपीजी वितरण जा काम शुरू कराया था. इसके साथ ही रोशन जैकब यूपी के माइनिंग विभाग में पहली महिला डायरेक्टर बनीं. इस पद पर उनके ही नेतृत्व में यूपी कोविड काल में माइनिंग का काम शुरू करवाने वाला पहला राज्य बना.
रोशन जैकब की सबसे ज्यादा सराहना कोविड काल में हुई, जब उन्होंने लखनऊ की प्रभारी जिलाधिकारी के तौर पर काम संभाला. रोशन जैकब ने घरों में हाउस हेल्प या मेड के तौर पर काम करने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण के जरिए कोविड की स्थिति पर नियंत्रण के लिए कदम उठाए थे.
वरिष्ठ पत्रकार ज्ञान प्रकाश मिश्रा बताते हैं कि ‘एक बार निरीक्षण के दौरान रोशन जैकब अपना पेन ले जाना भूल गईं. जब वो रिपोर्ट लिखने लगीं तो उनको इसका ध्यान आया. उस समय मौजूद कई लोगों ने पेन देना चाहा, लेकिन रोशन जैकब ने अपने गार्ड को भेज कर दुकान से पेन मंगवाया और फिर लिखा.
रोशन जैकब मूल रूप से केरल की रहने वाली हैं. उन्होंने केरल यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. बता दें कि उनके पति अरिंदम भट्टाचार्य भारतीय विदेश सेवा में हैं और इस समय केंद्र सरकार के साथ Ministry of External Affairs (MEA) में नियुक्त हैं.
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