बरेली में मोहम्मद आरिफ की 16 दुकानों वाली दो मंजिला कॉमर्शियल बिल्डिंग बुलडोजर से ध्वस्त, कौन हैं ये?

बरेली में 26 सितंबर के दंगे के मुख्य आरोपी मौलाना तौकीर के सबसे करीबी कॉलोनाइजर मोहम्मद आरिफ के खिलाफ लगातार एक्शन जारी है. बरेली विकास प्राधिकरण ने शनिवार की शाम मोहम्मद आरिफ की 16 दुकानों को तोड़ा था.

Bulldozer Action

कृष्ण गोपाल यादव

23 Nov 2025 (अपडेटेड: 23 Nov 2025, 12:18 PM)

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बरेली में 26 सितंबर के दंगे के मुख्य आरोपी मौलाना तौकीर के सबसे करीबी कॉलोनाइजर मोहम्मद आरिफ के खिलाफ लगातार एक्शन जारी है. बरेली विकास प्राधिकरण ने शनिवार की शाम मोहम्मद आरिफ की 16 दुकानों को तोड़ा था. हालांकि ये कार्रवाई अभी पूरी नहीं हुई थी. ऐसे में बरेली विकास प्राधिकरण की टीम ने रविवार सुबह पहुंचकर कार्रवाई को फिर से शुरू कर दिया. वहीं मार्केट में जिन लोगों की दुकान थी उन्हें समय दिया गया था कि वह अपना कीमती सामान बाहर निकल सकें. कुछ घंटे की मोहलत के बाद विकास प्राधिकरण के तीन बुलडोजर ने एक साथ कार्रवाई शुरू की.

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कौन है मोहम्मद आरिफ?

मोहम्मद आरिफ मौलाना तौकीर का करीबी है. मोहम्मद आरिफ के पास बरेली क्षेत्र के पुराने शहर जगतपुरइलाके में दो दर्जन से अधिक दो मंजिला वाला मार्केट है. इसके अलावा पीटर इंग्लैंड शोरूम की बिल्डिंग है जो कि अवैध तरीके से बनाई गई थी. गौरतलब है कि 26 सितम्बर को मौलाना तौकीर रजा खान और उनके साथियों ने उपद्रव किया था. आरोप ये भी है कि आरिफ बरेली में दंगा करने वाले उपद्रवियों को आर्थिक मदद कर रहा था. इसे लेकर प्रशासन ने सख्त कारवाई की है. बरेली के पुलिस और प्रशासन ने एक संदेश देने की कोशिश की है कि उपद्रवियों के सहयोगियों को भी छोड़ा नहीं जाएगा.

क्या है बरेली दंगे की कहानी

बरेली में जुमे की नमाज के बाद हिंसक टकराव देखने को मिला था जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. बाद में बरेली में बिना अनुमति विरोध प्रदर्शन के लिए मुस्लिम भीड़ को इकट्ठा करने और उन्हें उकसाने के आरोप में मौलाना तौकीर रजा समेत आठ लोगों को अरेस्ट किया गया. हालात ऐसे हो गए कि बरेली में 48 घंटे के लिए इंटरनेट बंद कर देना पड़ा था.

क्या है ‘आई लव मोहम्मद’ से जुड़ा विवाद?

उत्तर प्रदेश के उन्नाव, बरेली, कन्नौज, आगरा, गोंडा जैसे शहरों के अलावा उत्तराखंड के काशीपुर और तेलंगाना के हैदराबाद समेत देश के कई शहरों में I Love Muhammad के समर्थन में मुस्लिम समाज सड़कों पर उतर आया है. जगह-जगह जुलूस भी निकाले जा रहे हैं और हिंसक झड़पें देखने को मिल रही हैं. इस पूरे विवाद की पटकथा उत्तर प्रदेश के कानपुर में लिखी गई. यहां बारावफात के जुलूस के दौरान I Love Muhammad के साइन बोर्ड पर ऐसा विवाद हुआ, जिसका असर यूपी समेत देश के अलग-अलग शहरों में भी देखने को मिला था.

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