कौन हैं अनीस अहमद उर्फ 'फूल बाबू' जिन्हें बसपा ने पीलीभीत से उतरा है मैदान में?

सौरभ पांडेय

15 Mar 2024 (अपडेटेड: 15 Mar 2024, 12:22 PM)

मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पीलीभीत से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है. बता दें कि बसपा ने यहां से अनीस अहमद खान उर्फ फूल बाबू को मैदान में उतारा है.

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UP Political News: लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसै-वैसे चुनावी सरगर्मियां तेज हो रही हैं. लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करनी शुरू कर दी है. लोकसभा चुनाव के हिसाब से उत्तर प्रदेश सबसे महत्वपूर्ण राज्य माना जाता है, क्योंकि यहां 80 सीटें हैं. इन 80 सीटों में कई हाई प्रोफाइल भी हैं जिनमें पीलीभीत शामिल है. वर्तमान में पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरुण गांधी सांसद हैं. फिलहाल, इस सीट पर न तो NDA न ही सपा-कांग्रेस वाले INDIA गठबंधन ने प्रत्याशी का ऐलान किया है. मगर यहां मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है. बता दें कि बसपा ने यहां से अनीस अहमद खान उर्फ फूल बाबू को मैदान में उतारा है. खबर में आगे जानिए कौन हैं अनीस अहमद खान.

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कौन हैं अनीस अहमद जो बसपा के पीलीभीत से हैं उम्मीदवार

बसपा की ओर से पीलीभीत उम्मीदवार अनीस अहमद बीसलपुर कस्बे के रहने बाले हैं. कद-काठी से मजबूत, लंबे चौड़े अनीस इस समय 57 साल के हैं. इन्होंन ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है. वहीं, अनीस वॉलीबॉल के अच्छे खिलाड़ी भी रहे चुके हैं. राजनीति इन्हें विरासत में मिली है. पिता शफी अहमद खान बीसलपुर नगर पालिका के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. साल 1989 में जब शफी अहमद का निधन हो गया तो घर के साथ-साथ राजनीति की जिम्मेदारी भी फूल बाबू पर आ गई. इसके बाद से यह राजनीति में सक्रिय हैं.


अनीस अहमद का बसपा में राजनीतिक सफर

बता दें कि अनीस अहमद ने अपनी राजनीति की शुरूआत यूथ कांग्रेस से की थी. यूथ कांग्रेस में रहते हुए इन्हें लगा कि गरीबों के लिए राजनीति की जाए. ऐसे में वह साल 1989 में बसपा पार्टी से जुड़ कर जिले में राजनीति करने लगे. बता दें कि फूल बाबू बीसलपुर विधानसभा से तीन बार बसपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं.

नसीमद्दीन सिद्दीकी से हुआ विवाद तो छोड़ी बसपा

गौरतलब है कि अनीस अहमद खान का बसपा के कद्दावर नेता नसीमद्दीन सिद्दीकी से विवाद हुआ और उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. हालांकि कुछ सालों के बाद ही मायावती ने सिद्दीकी को बाहर का रास्ता दिखा दिया और अनीस अहमद को दोबारा बसपा में शामिल किया. बसपा ने 1996 में यूपी स्टेट एग्रो इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन का अनीस अहमद को अध्यक्ष बनाया और बाद में मंत्री के पद से भी नवाजा. 

बीते तीन लोकसभा चुनाव में नहीं रहा अच्छा प्रदर्शन

अनीस अहमद अब तक तीन बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार वह चौथी दफा मैदान में हैं. अगर चुनाव में अनीस अहमद के प्रदर्शन की बात की जाए, तो इनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है. बता दें कि अनीस अहमद तीसरी फिर बसपा से 2014 में लड़े और तीसरे नंबर पर रहे. अब 2024 में देखना दिलचस्प होगा कि फूल बाबू का प्रदर्शन कैसा रहता है?

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