UP Lok Sabha elections 2024 Phase 3 : तीसरे चरण में यादव परिवार के दमखम की होगी परीक्षा , जानिए यूपी के 10 सीटों का समीकरण

यूपी तक

02 May 2024 (अपडेटेड: 02 May 2024, 04:57 PM)

10 UP Lok Sabha constituencies : यूपी में तीसरे चरण के चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं. तीसरे चरण के लिए 7 मई को वोट डाले जाएंगे. इस चरण में भी यूपी की 10 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा. 

सपा प्रमुख अखिलेश यादव. (फाइल फोटो)

सपा प्रमुख अखिलेश यादव.

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UP Lok Sabha elections 2024 Phase 3 : उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले दो चरण के लिए वोटिंग खत्म हो गई है. पहले और दसरे चरण में कई सीटों पर कम मतदान ने लोगों को चौंकाया है. वहीं अब यूपी में तीसरे चरण के चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं. तीसरे चरण के लिए 7 मई को वोट डाले जाएंगे. इस चरण में भी यूपी की 10 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा. 

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तीसरे चरण में अखिलेश की साख दांव पर

बता दें कि लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में उत्तर प्रदेश के जिन सीटों पर मतदान होने वाला है उसमें- संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं आंवला, और बरेली शामिल है. आइए आपको सिलसिलेवार इन सभी 10 सीटों पर चुनावी हाल क्या है. तीसरे चरण में जिन सीटों पर चुनाव हैं उन्हें  यादव-मुस्लिम बहुलता है और इसे 'यादव लैंड' के नाम से भी जाना जाता है. ये चरण अखिलेश यादव के लिए किसी कठीन परीक्षा से कम नहीं है. आइए जानते हैं इस सीटों पर बीजेपी, सपा, कांग्रेस और बसपा ने इन सीटों पर किसे कैंडिडेट बनाया है. इन सीटों पर पिछले चुनावी परिणाम कैसे रहे हैं. साथ ही यह भी जानिए कि इन सीटों पर किस जाति, धर्म के कितने वोट हैं. 

संभल लोकसभा सीट की पूरी रिपोर्ट 

2019 में लोकसभा चुनाव जीतने वाले दिग्गज नेता डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क के निधन के बाद सपा ने उनके पोते जियाउर्रहमान बर्क पर दांव लगाया है. सपा प्रत्याशी जियाउर्रहमान बर्क कुंदरकी के विधायक हैं. वहीं भाजपा ने परमेश्वर लाल सैनी पर और बसपा ने पूर्व विधायक सौलत अली पर दांव लगाया है. भाजपा ने सपा के किले में सेंध लगाने के लिए बेताब दिख रही है तो वहीं बसपा भी अपना पूरा जोर लगा रही है. 

वहीं बात अगर संभल के जातीय समीकरण की करें तो यहां  सबसे बड़ी आबादी मुस्लिमों की है, इसके अलावा दलित 3 लाख, सैनी 1.5 लाख, जाट 1 लाख, ठाकुर 1 लाख, यादव 80 हजार, वैश्य 80 हजार, ब्राह्मण 70 हजार मतदाता हैं. आधे से ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले संभल सीट पर इस बार का चुनाव बेहद रोमांचक होने की उम्मीद है. 

हाथरस सीट की पूरी रिपोर्ट 

हाथरस लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. इस लोकसभा सीट से भाजपा ने मौजूदा सांसद राजवीर सिंह दिलेर का टिकट काटकर अलीगढ़ की खैर सीट के विधायक अनूप वाल्मीकि को प्रत्याशी बनाया है. बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही राजवीर सिंह की हार्ट अटैक से निधन हो गया था. वहीं बसपा ने इस बार यहां से साफ्टवेयर इंजीनियर हेमबाबू धनगर और सपा ने जसवीर वाल्मीकि को प्रत्याशी घोषित किया है. इस सीट पर 2024 का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. 

बदायूं लोससभा की पूरी रिपोर्ट 

तीसरे चरण में बदायूं सीट पर बेहद कांटे की टक्कर होने जा रही है. सपा ने बदायूं सीट से पहले धर्मेंद्र यादव, फिर शिवपाल यादव और बाद में उनके बेटे आदित्य यादव को कैंडिडेट बनाया है.  उधर, बीजेपी ने मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट काटकर दुर्विजय शाक्य को प्रत्याशी घोषित किया है. बसपा ने मुस्लिम खान को उतार कर मुस्लिम कार्ड खेल दिया है.  फिलहाल इस सीट पर सपा और बीजेपी के बीच ही कांटे की टक्कर देखी जा रही है.

आंवला की पूरी रिपोर्ट 

बरेली के तीन और बदायूं के दो विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनी है आंवला लोकसभा सीट. 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद धर्मेन्द्र कश्यप को मैदान में उतारा है. वहीं  समाजवादी पार्टी ने नीरज मौर्य को मैदान में उतारा है. बसपा ने इस सीट पर सपा छोड़कर आए आंवला नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष सैयद आबिद अली को प्रत्याशी बनाया है.

एटा लोकसभा की पूरी रिपोर्ट 

एटा लोकसभा सीट से भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद राजवीर सिंह पर दांव लगाया है. राजवीर सिंह  पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र हैं. वहीं सपा ने शाक्य बिरादरी के देवेश शाक्य पर भरोसा जताया है. देवेश शाक्य औरैया से दो बार जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। बसपा ने कांग्रेस छोड़कर आए पेशे से वकील मोहम्मद इरफान को उम्मीदवार बनाया है. एटा लोकसभा सीट पर जहां सबसे ज्यादा मतदाता लोधी समाज के हैं. यहां पर शाक्य भी काफी मात्रा में हैं. बीजेपी सवर्ण, लोधी और शाक्य वोटरों के समीकरण यहां हार-जीत में बड़ी भूमिका निभाती हैं. 

मैनपुरी लोकसभा सीट की पूरी रिपोर्ट

मैनपुरी लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. बीते 10 चुनाव में यहां से सपा प्रत्याशी ही जीतता आ रहा है. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बाद 2022 में इस सीट पर उपचुनाव हुए. तब भी यह सीट सपा की झोली में गई थी. बता दें कि इस चुनाव में डिंपल यादव सपा के सिंबल पर मैदान में हैं तो बसपा ने गुलशन कुमार शाक्य को प्रत्याशी बनाया है. 
 उधर, बीजेपी ने योगी सरकार में मंत्री एवं मैनपुरी सदर सीट से विधायक जयवीर सिंह को उतार कर सपा को उसके गढ़ में टक्कर देने की कोशिश की है.

मैनपुरी लोकसभा सीट पर 4 लाख से अधिक यादव मतदाता हैं. यहां सपा काफी मजबूत मानी जाती है. मंदिर लहर और मोदी लहर में भी भाजपा मैनपुरी का किला नहीं जीत पाई. ऐसे में इस बार भाजपा चाहती है कि मैनपुरी सीट से यादव परिवार को कांटे की टक्कर दी जाए और ये सीट फंसाई जाए.

फिरोजाबाद की पूरी रिपोर्ट 

बता दें कि फिरोजाबाद लोकसभा सीट भी यादव परिवार का एक मजबूत गढ़ है. 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से सपा को हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि सपा ने इस बार परिवार से ही अक्षय यादव को मैदान में उतारा है. वहीं  भाजपा ने इस बार फिरोजाबाद से चंद्र सेन जादौन का टिकट काटकर विश्वदीप सिंह को प्रत्याशी बनाया है. गौरतलब यही कि 2019 के लोकसभा चुनाव में चंद्र सेन जादौन ने सपा के अक्षय यदा को चुनाव हराया था.

आगरा लोकसभा की पूरी रिपोर्ट 

आगरा लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, इसमें पांच पांच विधानसभा सीटें शामिल हैं. जिसमें एत्मादपुर विधानसभा , आगरा दक्षिण विधानसभा , आगरा उत्तर विधानसभा , आगरा छावनी विधानसभा और एटा जनपद की जलेसर विधानसभा हैं. अगर विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों पर नजर डालें तो केंद्रीय राज्य मंत्री और मौजूदा सांसद एसपी सिंह बघेल इस सीट पर बतौर भाजपा प्रत्याशी फिर ताल ठोंक रहे हैं. बसपा ने पूजा अमरोही को टिकट थमाया है. सपा ने पुराने बसपाई रहे जूता कारोबारी सुरेश चंद कर्दम पर भरोसा जताया है. 

बरेली लोकसभा की पूरी रिपोर्ट 

बरेली लोकसभा सीट से बसपा ने छोटेलाल गंगवार को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर सपा के प्रवीण कुमार ऐरन और बीजेपी के छत्रपाल सिंह गंगवार के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है. ये सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. हालांकि, बीजेपी ने मौजूदा सांसद का टिकट काट दिया है.  

 

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