IIT गांधीनगर कैंपस में मिल रहा AI पर ये शानदार डिप्लोमा कोर्स करने का मौका, इससे मिलेगी धांसू नौकरी

IIT गांधीनगर टेक्नोलॉजी की दुनिया में AI की तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए तीन नए 6 महीने के पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स शुरू करने जा रहा है. ये सभी कोर्स फरवरी 2026 से शुरू होंगे.

IIT Gandhinagar is launching three new AI course

दीक्षा सिंह

11 Nov 2025 (अपडेटेड: 11 Nov 2025, 06:39 PM)

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IIT गांधीनगर टेक्नोलॉजी की दुनिया में AI की तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए तीन नए 6 महीने के पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स शुरू करने जा रहा है. इन सभी कोर्स का मकसद स्टूडेंट्स को AI, डेटा साइंस और क्लाउड इंजीनियरिंग जैसे आधुनिक क्षेत्रों में इंडस्ट्री के लिए तुरंत तैयार करना है. यह पहल Futurense Technologies के साथ मिलकर की गई है. बता दें कि ये सभी कोर्स फरवरी 2026 से शुरू होंगे. आज के समय में AI कोर्सेज की डिमांड काफी ज्यादा है. इस तरह के कोर्स करने वाले स्टू़डेंट्स को अच्छे पैकेज वाली नौकरी मिलने का भी शानदार मौका मिल सकता है.

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कौन से हैं ये नए कोर्स?

IIT गांधीनगर द्वारा शुरू होने वाले ये 3 कोर्सेज काफी खास हैं. इनमें PG डिप्लोमा इन AI और एजेंटिक AI इंजीनियरिंग, PG डिप्लोमा इन GenAI और डेटा साइंस इंजीनियरिंग और PG डिप्लोमा इन AI-पावर्ड सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग विद क्लाउड जैसे कोर्स शामिल हैं. बता दें कि ये सभी कोर्स पूरी तरह से आवासीय हैं.यानी छात्रों को आईआईटी कैंपस में ही रहकर पढ़ाई करनी होगी. इन कोर्स को पूरा करने वाले छात्रों को 100% प्लेसमेंट सपोर्ट मिलेगा और उन्हें आईआईटी गांधीनगर के एग्जीक्यूटिव अलुमनी का दर्जा भी प्राप्त होगा. 

एडमिशन और ट्रेनिंग

हर कोर्स में सिर्फ 60 छात्रों को ही लिया जाएगा.छात्रों का चयन ऑल इंडिया नेशनल प्रोफिशिएंसी टेस्ट और उसके बाद एक मल्टी स्टेज इंटरव्यू के जरिए होगा. सभी कोर्स में 600 घंटे से ज्यादा की बूटकैम्प लर्निंग शामिल होगी. इसमें कक्षा आधारित शिक्षण के साथ-साथ गहन प्रोजेक्ट कार्य शामिल होगा जो लगभग दो सालों के औद्योगिक अनुभव के बराबर कौशल प्रदान करता है. 

छात्रों को क्या मिलेगा?

छात्रों को आईआईटी गांधीनगर के 400 एकड़ के कैंपस में आईआईटी प्रोफेसरों और इंटरनेशनल तकनीकी विशेषज्ञों से सीखने का मौका मिलेगा.पाठ्यक्रम में AI क्लिनिक, आइडियाज लैब और प्रोडक्ट डीकंस्ट्रक्शन वर्कशॉप जैसे इनोवेटिव प्रोजेक्ट शामिल हैं. ताकि छात्र केवल सीखें नहीं बल्कि नई तकनीक को लागू करना भी सीखें.

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