उत्तर प्रदेश अब सिर्फ राजनीति में ही नहीं बल्कि उच्च स्तरीय फॉरेंसिक शिक्षा के क्षेत्र में भी देशभर में अपनी अलग पहचान बना रहा है. लखनऊ में स्थित उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस (UPSIFS) देश का पहला ऐसा संस्थान है जो विज्ञान, तकनीक और कानून को जोड़कर युवाओं को नई तरीकों से अपराध की जांच करना सिखा रहा है और उन्हें एक सुरक्षित व बेहतर करियर की ओर ले जा रहा है.
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UPSIFS में ऐसे कोर्सेस तैयार किए गए हैं जो आज के डिजिटल और अपराध विज्ञान के युग में बेहद प्रासंगिक हैं. यहां फॉरेंसिक साइंस, साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और लॉ जैसे विषयों को न केवल थ्योरी के रूप में पढ़ाया जाता है बल्कि छात्रों को इनसे जुड़े प्रैक्टिकल केस वर्क और लैब ट्रेनिंग का भी अनुभव दिया जाता है.
क्या बोले UPSIFS में पढ़ने वाले छात्र
लखनऊ के रहने वाले शाश्वत पांडे, UPSIFS में बीएससी-एलएलबी (B.Sc.-LLB) फर्स्ट ईयर के छात्र हैं. उन्होंने बताया कि यह कोर्स बीएलएलबी (BALLB) और बीबीएएलएलबी (BBALLB) से काफी अलग है. इसमें लॉ के साथ-साथ कंप्यूटर और मैथ्स की भी पढ़ाई कराई जाती है जो इसे और खास बनाता है.
शाश्वत ने कहा, “अगर यह संस्थान उत्तर प्रदेश में नहीं होता, तो मुझे गुजरात जाकर यह कोर्स करना पड़ता जो मेरे लिए काफी मुश्किल होता. इसलिए मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं कि UPSIFS लखनऊ में खुला और मुझे यहां एडमिशन मिला.” उन्होंने आगे बताया कि UPSIFS का इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं बहुत ही बेहतरीन हैं और ऐसा माहौल बहुत कम सरकारी संस्थानों में देखने को मिलता है.
शाश्वत ने बताया कि शुरुआती तीन दिनों में ही उन्हें लीगल मेथड्स, साइबर वॉरफेयर, फॉरेंसिक स्ट्रैटेजीज और डीएनए की भूमिका जैसे अहम विषयों पर जानकारी दी गई. उन्हें यह भी सिखाया गया कि साइबर अटैक से कैसे बचा जा सकता है और कैसे लीगल सिस्टम को सही तरीके से इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्थान में रोबोटिक्स लैब और डीएनए लैब का उद्घाटन किया है जो बेहद हाईटेक हैं. ऐसी अत्याधुनिक सुविधाएं किसी भी संस्थान में बहुत ही कम देखने को मिलती हैं.
‘Law with Labs’ का अनोखा मॉडल बना बड़ी खासियत
UPSIFS का सबसे बड़ा आकर्षण इसका 'Law with Labs' मॉडल है. यहां कानून की पढ़ाई केवल किताबों तक सीमित नहीं रहती बल्कि छात्रों को फॉरेंसिक लैब्स में असली केस वर्क पर काम करने का भी मौका दिया जाता है. यह मॉडल छात्रों को थ्योरी और प्रैक्टिकल का संतुलन सिखाता है और उन्हें असल दुनिया की चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार करता है.
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