उत्तर प्रदेश के झांसी में एक दिल दहलाने वाली वारदात का खुलासा हुआ है. यहां जिस रचना यादव नाम की औरत का बेरहमी से कत्ल हुआ, पुलिस ने अब उसका पूरा केस खोलकर रख दिया है. पुलिस ने इस मामले में पूर्व प्रधान आरोपी प्रेमी के अलावा दो आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है. अभी इस मामले का तीसरा आरोपी फरार है. इस वारदात की जो कहानी अब सामने आई है, वो रूह को कंपाने वाली है. आइए आपको सिलसिलेवार बताते हैं कि आखिर रचना यादव कौन थी और क्यों इतनी क्रूरता कर उसकी हत्या की गई.
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7 टुकड़ों में मिला था रचना यादव का शव
चलिए इस क्राइम कथा की शुरुआत शुरू से करते हैं. 13 अगस्त को झांसी के टोड़ीफतेहपुर थाना क्षेत्र के किशोरपुर गांव में एक किसान अपने खेत में लगी फसल देखने गया. उसे आसपास से तेज दुर्गंध का एहसास हुआ. इसके बाद उसने खेत में बने अपने कुएं में देखा तो उसमें दो बोरियां तैरती हुई नजर आईं. उसने इसकी सूचना पुलिस को दी और गांव वालों की मदद से दोनों बोरियों को कुएं से बाहर निकाला. जब बोरियों को खोला गया तो वहां पर मौजूद सभी के दिल दहल गए, क्योंकि दोनों बोरियों में महिला के शरीर के टुकड़े रखे हुए थे. एक बोरी में गर्दन से लेकर कमर तक का हिस्सा था, दूसरी बोरी में कमर से घुटनों के ऊपर तक का हिस्सा था. महिला के दोनों हाथ दोनों पैर और सिर गायब थे. पूरे गांव में सनसनी फैल गई.
कैसे पता चला कि ये रचना यादव की ही बॉडी है?
पुलिस के लिए भी इस ब्लाइंड मर्डर को सुलझाना बड़ी चुनौती बन गया. झांसी एसएसपी ने 8 अलग-अलग टीमों का गठन किया. इसके बाद इस मामले की बारीकी से जांच की जाने लगी. जांच के दौरान ही इस कुएं को खाली किया गया. पुलिस को कुएं में एक बोरी और प्राप्त हुई जिसमें महिला के दोनों हाथ रखे हुए थे लेकिन उसका सिर और पैर अभी भी गायब थे. अब पुलिस के लिए यह बड़ा रहस्य बन गया क्योंकि बिना सिर वाली लाश की शिनाख्त करना बेहद मुश्किल लग रहा था.
बॉडी मिलने के लगभग 72 घंटे बीत जाने के बाद 18 अगस्त को पुलिस ने महिला के मिले हुए शव के टुकड़ों का पोस्टमार्टम करा कर उसका अंतिम संस्कार करा दिया. लेकिन घटना की तह तक जाने के लिए पुलिस लगातार प्रयास करती रही. पुलिस ने 100 से ज्यादा गांवों में पूछताछ की और 200 से ज्यादा CCTV कैमरों की फुटेज भी खंगाले गए. इसके बाद भी पुलिस के हाथ कुछ नही लगा.
फिर पुलिस की ये ट्रिक काम कर गई
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए झांसी एसएसपी ने बताया कि लगातार पुलिस टीम हत्या का खुलासा करने के लिए खोजबीन कर रही थी. पुलिस ने महिला का शव जिस बोरी में मिला था उसके धागे के आधार पर दुकानों में भी जांच की. बोरियों के अंदर जो ईंट पड़ी हुई थीं, उसकी मिट्टी की भी जांच कराई गई तो वह मिट्टी भी गांव के आसपास की ही पाई गई. इससे पुलिस को यह समझने में देरी नहीं लगी की मामला आस पास का है.
इसी बीच पुलिस ने शिनाख्त के लिए आसपास के क्षेत्र में लगभग 1000 पोस्टर भी लगवाए. इन्ही में से किसी पोस्टर को देखकर एक व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति को जानकारी दी. उस शख्स की बहन चार दिन से गायब थी. वह शख्स पुलिस के पास पहुंचा. उसने भी पुलिस से जानकारी दी, इसके बाद महिला की शिनाख्त टीकमगढ़ की रहने वाली रचना यादव के रूप में हुई.
विधवा थी रचना यादव, पूर्व प्रधान से बने संबंध
एसपीपी ने आगे बताया कि महिला महिला विधवा थी और उसका अपने जेठ से एक मुकदमा चल रहा था. इस मामले में महेवा गांव का पूर्व प्रधान संजय पटेल महिला का साथ दे रहा था. इस बीच महिला और संजय पटेल में निजी संबंध भी स्थापित हुए. बाद में महिला पूर्व प्रधान संजय पटेल पर शादी का दबाव बनाने लगी. इसके बाद संजय पटेल ने अपने भतीजे संदीप पटेल और एक दूसरे साथी प्रदीप अहिरवार के साथ मिलकर उसको मारने की योजना बनाई. 8 अगस्त को उसकी हत्या कर शव को कार में रखकर रात में कुएं के पास ले जाकर शव के कई टुकड़े कर दिए गए. फिर कुएं में और पुल के पास फेंक दिया गया.
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शानदार टीम वर्क के लिए डीआईजी ने पुलिस टीम को 50 हजार का इनाम दिया है. फिलहाल तीसरा आरोपी प्रदीप अहिरवार अभी फरार है. इस पर 25 हजार का इनाम रखा गया है. जांच में ये भी पता चला आरोपी संजय ने प्रदीप को हत्या के पैसे भी दिए हैं.
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