बिना कोचिंग कैसे IAS बन गईं अर्तिका शुक्ला...पहली बार में ही रैंक 4, जानिए इनकी कहानी
निष्ठा ब्रत
10 Sep 2025 (अपडेटेड: 10 Sep 2025, 06:28 PM)
IAS अर्तिका शुक्ला की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो बिना कोचिंग केवल मेहनत और आत्म-अध्ययन से UPSC की तैयारी करते हैं. डॉक्टर से IAS बनने तक का उनका सफर अनुशासन, समर्पण और परिवार के मार्गदर्शन की मिसाल है.
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IAS अर्तिका शुक्ला की सफलता की कहानी उन लाखों युवाओं के लिए एक मिसाल है, जो कठिन परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं और सोचते हैं कि बिना कोचिंग या बड़ी सुविधाओं के सफलता पाना मुश्किल है.


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IAS अर्तिका शुक्ला ने बिना किसी कोचिंग संस्थान की मदद के अपने पहले ही प्रयास में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में चौथी रैंक हासिल की. उन्होंने केवल सेल्फ स्टडी और परिवार के मार्गदर्शन से इस कठिन परीक्षा को पास किया.
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अर्तिका का जन्म 5 सितंबर 1990 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में हुआ था. उनकी शुरुआती पढ़ाई सेंट जॉन्स स्कूल में हुई, जहां वे हमेशा क्लास की टॉप स्टूडेंट रहीं. पढ़ाई के प्रति उनकी यह गंभीरता बाद में काम आई.


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उन्होंने दिल्ली के मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज से MBBS और फिर PGIMER, चंडीगढ़ से MD (बाल रोग) की पढ़ाई शुरू की थी. लेकिन बीच में ही उन्होंने मेडिकल फील्ड छोड़कर UPSC की ओर रुख किया.
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उनके बड़े भाई गौरव शुक्ला खुद एक IAS अधिकारी हैं. भाई की सफलता ने अर्तिका को गहराई से प्रेरित किया और उन्होंने 2014 में MD की पढ़ाई छोड़कर सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी.


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साल 2015 में उन्होंने पहली बार UPSC परीक्षा दी और ऑल इंडिया रैंक 4 प्राप्त की. उनके साथ ही टीना डाबी (AIR 1), अथर आमिर (AIR 2) और जसनीत सिंह (AIR 3) भी चयनित हुए.
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शुरुआत में अर्तिका को AGMUT कैडर मिला था, लेकिन शादी के बाद उनका ट्रांसफर राजस्थान कैडर में हो गया. अब वे अलवर ज़िले की डीएम और जिला मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत हैं.


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अर्तिका शुक्ला की कहानी उन लाखों छात्रों के लिए एक उदाहरण है, जो सीमित संसाधनों में भी बड़ा सपना देखते हैं. उन्होंने यह साबित कर दिया कि केवल मेहनत, अनुशासन और सही मार्गदर्शन से बिना कोचिंग भी IAS बना जा सकता है.
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