जुर्म से राजनीति में आने का सफर… जानें अतीक अहमद की पूरी कहानी

पंकज श्रीवास्तव

• 05:28 PM • 05 Mar 2023

प्रयागराज में पिछले दिनों हुए उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और उसके परिवार पर आरोप लगे हैं. बता दें कि अपराध की दुनिया में…

उमेश पाल हत्या केस: 'पुलिस के हाथ लगे अहम सबूत', गुजरात जाकर अतीक से पूछताछ करेगी UPSTF

उमेश पाल हत्या केस: 'पुलिस के हाथ लगे अहम सबूत', गुजरात जाकर अतीक से पूछताछ करेगी UPSTF

follow google news

प्रयागराज में पिछले दिनों हुए उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और उसके परिवार पर आरोप लगे हैं. बता दें कि अपराध की दुनिया में एक समय था कि प्रयागराज में अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की तूती बोलती थी. प्रयागराज का नाम आते ही अतीक अहमद का नाम दिमाग में कौंध जाता है. लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने पर अतीक अहमद के बुरे दिन शुरू हो गए. उनके खिलाफ दर्ज मामलों में कार्रवाई शुरू हो गई. उनकी अवैध संपत्तियों और निर्माण को जमींदोज कर दिया.

यह भी पढ़ें...
जुर्म से राजनीति में आने का सफर

अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 को श्रावस्ती में हुआ था. इसके पिता का नाम फ़िरोज़ अहमद है. अतीक अहमद के परिवार की बात करें तो पत्नी शाइस्ता परवीन, बड़ा बेटा उमर, दूसरा बेटा अली,तीसरा बेटा असद चौथा बेटा अहज़म और पांचवा अबान है. फ़िरोज़ अहमद रोजी-रोटी के लिए इलाहाबाद यानी प्रयागराज आ गए और यहां तांगा चलाने लगा. फिर फ़िरोज़ अहमद को यहां फ़िरोज़ तांगेवाला के नाम से जानने लगे. फ़िरोज़ अहमद अपने बेटे अतीक अहमद को पढ़ा लिखा कर बड़ा और अच्छा इंसान बनाना चाहते थे लेकिन अतीक का पढ़ाई में मन नही लगा और उसने 10वी में फेल होने के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ दी. अतीक अब कम उम्र में ही अपराध की दुनिया मे कदम बढ़ाने लगा. सन 1979 में महज़ सत्रह साल की उम्र में अतीक पर कत्ल का पहला इल्जाम लगा,धीरे धीरे अतीक अपराध और जरायम की दुनिया का बादशाह बन गया.

अतीक के गिरोह में शामिल थे 120 शूटर

जहां अतीक के गिरोह में लोग बढ़ते गए वही इसका वर्चश्व भी बढ़ने लगा. अतीक अहमद पर 1986 में गैंगस्टर एक्ट का पहला केस दर्ज हुआ. कहा जाता है कि अतीक ने सन 1889 में अपने उस्ताद चांद बाबा की भी हत्या कर जुर्म की दुनिया मे अपना नाम कर लिया. अतीक अहमद के गिरोह में करीब 120 शूटर शामिल थे. अतीक अहमद का नाम अब सीमित नही रहा उसका नाम जिले से बाहर भी लोग जानने लगे थे. वहीं अतीक अहमद का बड़े नेताओ के बीच उठना बैठना शुरू हुआ. अब अतीक जान चुका था की पैसे के साथ पॉवर की भी ज़रूरत है. तो उसने 1889 में चांद बाबा के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा और अतीक को जीत मिली.

अतीक ने तीन बार निर्दलीय चुनाव जीता और 1996 में सपा के टिकट से टिकट मिला और फिर जीत हासिल की. अतीक का राजनीति में तो कद बढ़ ही रहा था, वहीं जरायम की दुनिया मे भी तेजी से नाम हो रहा था.

अतीक अहमद में 2004 में सोनेलाल की अपनादल ज्वाइन की और अपनादल से फूलपुर संसदीय सीट का चुनाव जीत कर सांसद बन गया. अब सांसद बनने के बाद उसकी विधानसभा सीट खाली हो गई. तो उसने अपने भाई खालिद अज़ीम उर्फ अशरफ को सपा से चुनाव लड़वाया. लेकिन बसपा के राजूपाल ने शहर पश्चिमी से चुनाव जीत लिया और विधायक बन गए. अतीक और अशरफ इस हार को बर्दाश्त नहीं कर पाया और 25 जनवरी 2005 को विधायक राजूपाल की दिन दहाड़े हत्या करवा दी. फिर अशरफ ने चुनाव लड़ा और जीत मिली. हत्या के 10 दिन पहले ही राजूपाल शादी हुई थी. पत्नी पूजा पाल ने अतीक अशरफ के अलावा और लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया.

2007 में यूपी मे बसपा की सरकार बनी. मायावती, सीएम बनी तो पूजा पाल को विधायकी का टिकट दिया और पूजा पाल ने जीत हासिल की और विधायक बन गई. अतीक को मोस्टवांटेड अपराधी के साथ इनाम भी घोषित कर दिया गया था. अतीक को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. इसके बाद 2014 में अखिलेश सरकार के बाद अतीक को जमानत मिल गई, सपा के टिकट से श्रावस्ती से चुनाव लड़ा लेकिन हार का मुंह देखना पड़ा.

वहीं जब यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तो अतीक अहमद के बुरे दिन शुरू हो गए. एक व्यापारी को जेल में धमकी देने और पिटाई का वीडियो वायरल हुआ तो अतीक फिर गिरफ्तार हुआ और उसे गुजरात के साबरमती जेल में भेज दिया गया. अतीक अहमद का भाई अशरफ बरेली जेल में बंद है.

अतीक के दो बेटों पर चल रहे मुकदमें

अतीक का बड़ा बेटा दिल्ली में कानून की पढ़ाई कर रहा था जेल में मारपीट के आरोप में उमर का भी नाम आया एफआईआर हुई और सीबीआई कोर्ट ने उमर पर दो लाख का ईनाम रख दिया उमर ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. उमर लखनऊ जेल में बंद है. वहीं अली पर पांच करोड़ की रंगदारी का आरोप लगा और पुलिस ने 50 हज़ार का इनाम रखा अली ने भी कोर्ट में सरेंडर किया. अली प्रयागराज के नैनी जेल में बंद है. बांकी बचे तीन बेटो पर तो कोई मामला नहीं था. लेकिन उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक के पूरे परिवार को नामजद किया गया है. अतीक गुजरात के साबरमती जेल में बंद है वहीं अशरफ बरेली जेल में बंद है.

पुलिस रिकार्ड में अतीक अहमद इंटर स्टेट (आइएस) 227 गैंग का लीडर है. इस गैंग में अतीक का भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ भी शामिल है. गिरोह में 141 सदस्य हैं.अतीक का नाम भू माफिया, टॉप टेन सूची में भी शामिल है. पुलिस प्रशासन ने शाशन के आदेश पर अतीक अहमद की अपराध से अर्जित अरबों रुपये की अवैध संपत्तियों को ध्वस्त किया और जप्त किया और लगातार अतीक अहमद के वर्चस्व और उसकी कमर तोड़ने की कोशिश की.

    follow whatsapp
    Main news