उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में तीन चरणों का का मतदान सपन्न हो चुका है. चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी को होगा. ऐसे में राज्य का सियासी पारा काफी बढ़ गया है. इस बीच, हम आपको प्रदेश के अलग-अलग विधानसभा सीटों का सियासी हाल बता रहे हैं.
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इसी क्रम में आज हम आपको लखनऊ की सरोजनी नगर विधानसभा सीट का सियासी समीकरण बताने जा रहे हैं. यह सीट चौथे चरण में हॉट सीटों में से एक मानी जा रही है.
सरोजनी नगर सीट से सीटिंग एमएलए और योगी सरकार में महिला कल्याण व बाल विकास मंत्री स्वाती सिंह को बीजेपी ने टिकट काट दिया है. यहां से बीजेपी ने पूर्व आईपीएस ऑफिसर राजेश्वर सिंह अपना उम्मीदवार बनाया है. उनके सामने समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मण चेहरे और पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा को उतारा है.
किसके फेवर में इस बार का चुनाव नजर आ रहा है, उसको जनाने की कोशिश हम कर रहे हैं तो उसके लिए सबसे पहले हमें यहां के जातिगत समीकरणों पर एक नजर डालनी होगी.
इस सीट पर सबसे ज्यादा ब्राह्मण वोटर-1 लाख 10 हजार हैं, दूसरे नंबर पर 1 लाख के लगभग जाटव वोटर हैं, करीब 70 हजार क्षत्रिय वोटर और 70 हजार ही यादव वोटर हैं. मुस्लिम वोटरों की संख्या 40 हजार के आसपास है, राजपूत वोट बैंक भी 40 हजार है.
इस सीट का सियासी इतिहास क्या है? जरा उसे भी पिछले चुनावों के जरिए समझते हैं. 2017 में बीजेपी की स्वाति सिंह जीती थीं, तो उससे पहले के चुनाव में 2012 एसपी का इस सीट पर कब्जा था, एसपी के शारदा प्रताप शुक्ल जीते थे. 2007 में ये सीट बसपा के खाते में गई थी. बीएसपी के मो. इरशाद खान विधायक चुने गए थे.
आंकड़ों का अपना गणित है, लेकिन चुनाव में लोकल ही वोकल है. मतलब लोकल महौल क्या है ये समझने के लिए हमारी सहयोगी शिल्पी सेन ने वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गोस्वामी से बात की, जो बताते हैं कि मुकाबला रोचक है और इस बार यहां बीजेपी के लिए भीतरघात की स्थिति बनती दिख रही है.
प्रमोद के मुताबिक, वैसे तो बीजेपी के लिए इस सीट के समीकरण मुफीद हैं, लेकिन बाहर से कैंडिडेट लाकर उतारना और स्वाति सिंह का टिकट काटा जाना, कहीं ना कहीं भीकरघात को बढ़ावा देता है और मुश्किल खड़ी करता है, तो टक्कर जोरदार है.
इस बार यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सीट से किसके हाथ में जीत की बाजी लगती है. इस सीट पर चौथे फेज यानी 23 फरवरी को वोटिंग होगी और नतीजे 10 मार्च को आएंगे.
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