नेताजी के नाम से लोगों के दिलों में रहने वाले मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) अब नहीं रहे, लेकिन उनके लिए दीवानगी का अंदाजा इस बात से लगाइए कि एक 10 साल का बच्चा श्यामलाल यादव अपने घर से 550 किलो मीटर दूर बिना बताए निकलता है लेकिन इटावा तक आकर रास्ता भटक जाता है और कानपुर पहुंच जाता है.
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मामले का खुलासा तब हुआ जब कानपुर रेलवे स्टेशन पर बच्चे को जीआरपी ने रोका जहां बच्चा खुद को समाजवादी पार्टी का स्टार प्रचारक बताता है, जिसके बाद इस बात की जानकारी जैसे ही अखिलेश यादव को दी जाती है, तो अखिलेश श्याम लाल को सैफई बुलाकर मुलाकात करते हैं और खाना भी खिलाते हैं.
बता दें कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद आखिरी बार देखने के लिए खुद बिना किसी को बताए सैफई के लिए निकल पड़ा. वह इटावा तक पहुंच चुका था लेकिन वहां बच्चे ने गलत ट्रेन पकड़ ली जिससे वह सैफई की जगह कानपुर आ पहुंचा.
जीआरपी की मदद से जानकारी मिलने के बाद सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी श्याम लाल को सैफई ले जाते हैं, जहां पर मुलायम सिंह यादव की अंत्येष्टि स्थल पर श्याम लाल पहुंचता है और सपा संरक्षक को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता है.
वहीं जब यूपी तक ने श्याम लाल से इस मुद्दे पर सैफई पहुंचने से पहले बात की थी तो सुनिए उसने क्या कहा था…
(श्याम लाल को सुनने के लिए इस खबर की शुरुआत में शेयर किए गए वीडियो पर क्लिक करें.)
सैफई में चाचा शिवपाल के साथ मिल पिता मुलायम सिंह की अस्थियां एकत्र करते दिखे अखिलेश यादव
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