यूपी में 45 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड बांटे गए, क्या होता है ये और इसे कैसे बनवाएं? सबकुछ जानिए

SVAMITVA Scheme: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामित्व योजना के तहत देश के विभिन्न राज्यों में संपत्ति मालिकों को जो संपत्ति कार्ड बांटे उनमें उत्तर प्रदेश में 45 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड (घरौनियों) का वितरण किया गया.

यूपी में 45 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड बांटे गए

यूपी तक

19 Jan 2025 (अपडेटेड: 19 Jan 2025, 07:08 PM)

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UP ownership scheme: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने SVAMITVA Scheme के तहत देश के विभिन्न राज्यों में संपत्ति मालिकों को जो संपत्ति कार्ड बांटे उनमें उत्तर प्रदेश में 45 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड (घरौनियों) का वितरण किया गया. एक सरकारी बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 10 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 230 से अधिक जिलों के 50,000 से अधिक गांवों में संपत्ति मालिकों को स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड (घरौनी) वितरित किए. 

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इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बाराबंकी जिले में आयोजित संपत्ति कार्ड वितरण कार्यक्रम में सम्मिलित हुईं. प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाराबंकी में योजना के लाभार्थियों से संवाद भी किया. वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को अपने सरकारी आवास पर प्रधानमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामित्व योजना के तहत घरौनी वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए.

 

आधिकारिक बयान में सीएम योगी के हवाले से कहा गया कि देशभर में दो करोड़ 23 लाख से अधिक घरौनियां बनायी गयी हैं, जबकि अकेले उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 50 हजार से अधिक घरौनियां बनायी गयीं. इनमें से 37 हजार से अधिक गांव की 55 लाख 14 हजार से अधिक घरौनियों को पहले ही वितरण किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि शनिवार को 29 हजार से अधिक गांव की 45 लाख 35 हजार से अधिक घरौनियों का वितरण किया गया. 

गांवों में संपत्ति को लेकर विवादों में कमी आई: CM योगी

मुख्यमंत्री ने कहा, “इससे गांवों में संपत्ति को लेकर होने वाले विवादों में कमी आयी है. पहले दबंग लोग कमजोर व्यक्ति की जमीन पर कब्जा कर लेता था, लेकिन पहली बार तकनीक का उपयोग करते हुए ड्रोन सर्वेक्षण के माध्यम से गांवों में घरौनी (कानूनी दस्तावेज) के जरिये घर का मालिकाना हक दिया जा रहा है, जिसे अब कोई भी दबंग नहीं छीन सकेगा.”

क्या होता है SVAMITVA Card?

संपत्ति कार्ड सरकार की एक पहल है, जिसके तहत ग्रामीण और शहरी संपत्तियों का डिजिटलीकरण और रिकॉर्ड प्रबंधन किया जाता है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘स्वामित्व योजना’ (SVAMITVA- Survey of Villages and Mapping with Improvised Technology in Village Areas) का हिस्सा है.

संपत्ति कार्ड क्या है?

संपत्ति कार्ड एक दस्तावेज है जो आपकी संपत्ति (जमीन, मकान आदि) पर आपके स्वामित्व का प्रमाण देता है. इसे एक कानूनी दस्तावेज माना जाता है. यह कार्ड यह सुनिश्चित करता है कि जिस संपत्ति पर आपका नाम दर्ज है, वह आपकी है, और किसी प्रकार का विवाद होने पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इस कार्ड का उपयोग संपत्ति पर ऋण लेने के लिए किया जा सकता है, क्योंकि यह एक मान्य संपत्ति दस्तावेज होता है.

संपत्ति कार्ड कैसे बनाया जाता है?

  1. ड्रोन सर्वेक्षण के माध्यम से संपत्ति की मैपिंग: स्वामित्व योजना के तहत, सरकार ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग कर गांवों और शहरी क्षेत्रों में संपत्तियों की मैपिंग करती है. यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और सटीक है.
  2. संपत्ति का रिकॉर्ड तैयार करना: सर्वेक्षण के दौरान प्रत्येक संपत्ति की जानकारी जुटाई जाती है, जैसे कि:
  • मालिक का नाम
  • संपत्ति का आकार
  • संपत्ति का स्थान
  • अन्य कानूनी विवरण

ग्राम पंचायत और राजस्व विभाग का सत्यापन: सर्वेक्षण के बाद, तैयार किए गए रिकॉर्ड को ग्राम पंचायत और राजस्व विभाग द्वारा सत्यापित किया जाता है.

संपत्ति कार्ड का वितरण: सत्यापन के बाद संपत्ति मालिकों को डिजिटल और भौतिक रूप में संपत्ति कार्ड जारी किए जाते हैं.

कैसे पाएं संपत्ति कार्ड?

अगर आपके क्षेत्र में स्वामित्व योजना लागू हो चुकी है, तो:

  1. स्थानीय ग्राम पंचायत या तहसील कार्यालय से संपर्क करें.
  2. संपत्ति से जुड़े दस्तावेज़ (खसरा, खतौनी, बिजली बिल, आदि) जमा करें.
  3. सत्यापन और सर्वेक्षण के बाद आपको संपत्ति कार्ड जारी किया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को स्वामित्व योजना की शुरुआत की, जो ग्रामीण भूमि प्रशासन में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक बनी. इस योजना के तहत, उन्नत ड्रोन तकनीक का उपयोग करते हुए अब तक 3.17 लाख से अधिक गांवों का सटीक मानचित्रण किया गया है. इसमें 67,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली ग्रामीण आवासीय भूमि शामिल है, जिसकी कुल अनुमानित मूल्य 132 लाख करोड़ रुपये है.

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