बनारस को मिलने जा रहा ये नया 9 मंजिला मेडिकल कॉलेज है खास, ‘सोवा रिग्पा’ पद्धत्ति से होगा इलाज, क्या होती है ये सब जानिए

Varanasi Sowa-Rigpa Medical College Opening Date: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अगस्त को वाराणसी के सारनाथ में 93 करोड़ रुपये की लागत से बने 9 मंजिला 'सोवा रिग्पा' मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करेंगे. यह 100 बेड का अस्पताल प्राचीन तिब्बती चिकित्सा और आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा.

Varanasi Sowa-Rigpa Medical College

यूपी तक

23 Jul 2025 (अपडेटेड: 23 Jul 2025, 02:05 PM)

follow google news

यह भी पढ़ें...

Varanasi Sowa-Rigpa Medical College Opening Date: धर्म और संस्कृति की नगरी काशी अब चिकित्सा के क्षेत्र में भी एक नया अध्याय लिखने जा रही है. अब यहां जल्द ही प्राचीन तिब्बती चिकित्सा पद्धति 'सोवा रिग्पा' पर आधारित अत्याधुनिक 9 मंजिला मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का लोकार्पण होने वाला है. यह पनी तरह का ऐसा अनोखा सेंटर होगा, जो तीन हजार साल पुरानी इस आयुर्वेद-सदृश पद्धति को आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से जोड़ेगा. जानकारी मिली है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 2 अगस्त को अपने काशी दौरे के दौरान सारनाथ में 93 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुए इस भव्य मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करेंगे.

क्या है इस अस्पताल की खासियत?

काशी का यह अस्पताल 1617 स्क्वायर मीटर में फैला हुआ है और इसे 93 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. यह अस्पताल मरीजों के इलाज के लिए 100 बिस्तरों की क्षमता से लैस है. इसके अलावा, इसमें एक आधुनिक ऑडिटोरियम भी है, जहां 500 लोग एक साथ बैठ सकते हैं. अस्पताल में एक टीचिंग व रिसर्च सेंटर भी होगा, जो सेमिनार, शिक्षण और मरीजों के इलाज- तीनों गतिविधियों को एक साथ संचालित करेगा. मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल परिसर में एक हेलीपैड भी है.

ये भी पढ़ें: 4 गाय गोद लेने पर शेल्टर और बायोगैस यूनिट बनाने का मिलेगा पैसा! घर बैठे कमाई करने की कमाल की योजना

 

कितनी पुरानी है 'सोवा रिग्पा' चिकित्सा पद्धति?

इस सवाल का जवाब हासिल करने के लिए यूपी Tak ने इस कॉलेज में फैकल्टी ऑफ सोवा रिग्पा और भोत ज्योतिष के डीन दोरजी दमदूल से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि सोवा रिग्पा तिब्बती चिकित्सा पद्धति करीब एक हजार साल पुरानी है. उन्होंने बताया कि इस पद्धति से अर्थराइटिस, ब्लड प्रेशर, डायबटीज, इंडायजेशन समेत अन्य बीमारियों का इलाज होता है.

मेडिकल कॉलेज में कितनी सीटें होंगी और कैसे होगा एडमिशन 

डीन दोरजी दमदूल ने बताया कि कॉलेज में एडमिशन नीट के जरिए होगा. उन्होंने आगे बताया कि वाराणसी वाले कॉलेज में इस बार छात्रों के लिए 15 सीटें होंगी. बकौल दोरजी दमदूल, इस अस्पताल में इलाज फ्री में होगा जबकि मरीज को सिर्फ दवाइयों के पैसे चुकाने होंगे.

क्या है तिब्बती चिकित्सा 'सोवा रिग्पा' का महत्व?

'सोवा रिग्पा' आयुर्वेद से काफी मिलती-जुलती है. माना जाता है कि इससे असाध्य रोगों का इलाज भी संभव है. केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार ने इस पद्धति को बढ़ावा देने के लिए इस अस्पताल का निर्माण कराया है. केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान के कुलसचिव डॉ. सुनीता चंद्रा ने बताया कि सोवा रिग्पा चीन, मंगोलिया, रूस, भारत सहित कई देशों में प्रचलित है. यह पारंपरिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव दोनों में समृद्ध है और क्लिनिकल पद्धति पर आधारित है.

हर्बल गार्डन और अन्य सुविधाएं

इस चिकित्सा पद्धति में इलाज के लिए हिमालयी क्षेत्र से विशेष जड़ी-बूटियां मंगवाई जाती हैं. अरुणाचल प्रदेश के तमांग में करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर पहले से ही एक हर्बल गार्डन मौजूद है और इसी तरह का एक हर्बल गार्डन वाराणसी में भी बनाने की योजना है. अस्पताल में ओपीडी, अत्याधुनिक इमरजेंसी कक्ष, इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU), ऑपरेशन थिएटर, इनडोर पेशेंट रूम, थेरेपी रूम, क्लास रूम, हरचेरियम (जड़ी-बूटियों का संग्रह) और नक्षत्र शाला जैसी सुविधाएं होंगी. इसके अलावा, कई सहायक विभाग और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी. इस अस्पताल के माध्यम से लगभग 250 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से और हजारों लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें: यूपी में अब गोसेवा कर हर महीने कमा सकते हैं 6000 रुपये... बस आपको इन शर्तों को पूरा करना होगा

    follow whatsapp