UP News: इस समय इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव चर्चाओं में बने हुए हैं. जज जस्टिस शेखर यादव ने विश्व हिंदू परिषद यानी VHP के कार्यक्रम में शामिल होकर समुदाय विशेष को लेकर जो टिप्पणी की है, उसपर विवाद छिड़ गया है. ऐसे में अब जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी पत्र लिखा जा रहा है. सीपीएम नेता वृंदा करात ने जस्टिस यादव के भाषण को संविधान पर हमला करने वाला और घिनौना बताया है.
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आपको बता दें कि ये पहला मौका नहीं है, जब जस्टिस शेखर यादव चर्चाओं में रहे हो. इससे पहले भी उनके कई बयान या टिप्पणी चर्चाओं में आती रही हैं. अब हम आपको बताते हैं कि आखिर इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव हैं कौन?
कौन हैं जज जस्टिस शेखर यादव?
जस्टिस शेखर कुमार यादव का जन्म 16 अप्रैल 1964 को हुआ था. जस्टिस शेखर कुमार यादव ने साल 1988 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से लॉ में ग्रेजुएट किया. इसके बाद 8 सितंबर 1990 को एक वकील के रूप में पंजीकृत हुए.
इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में सिविल और संवैधानिक मामलों में प्रैक्टिस शुरू कर दी. शेखर कुमार यादव ने हाई कोर्ट में राज्य सरकार के अपर शासकीय अधिवक्ता और स्थायी अधिवक्ता के पद पर भी काम किया. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार के स्थायी अधिवक्ता और रेलवे के वरिष्ठ अधिवक्ता के पद पर काम किया. जज शेखर कुमार यादव हिंदी में निर्णय देने के साथ ही गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने वाले निर्णय के बाद चर्चा में आ गए थे.
ये हैं चर्चित टिप्पणियां
जस्टिस शेखर कुमार यादव इससे पहले भी अपनी कई टिप्पणियां को लेकर चर्चाओं में रह चुके हैं. उन्होंने गाय को लेकर भी एक बयान दिया था, जो काफी चर्चाओं में आया था. उन्होंने कहा था कि, वैज्ञानिकों का मानना है कि गाय एकमात्र ऐसा जानवर है जो ऑक्सीजन लेता और छोड़ता है. यह (गाय का दूध) सूर्य की किरणों को विशेष ऊर्जा देता है, जो आखिर में बारिश का कारण बनती है. गाय के दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर से बने पंचगव्य से कई असाध्य रोगों के उपचार में मदद मिलती है. इसी के साथ उन्होंने कहा था कि भारत तभी समृद्ध होगा जब गायों का सम्मान किया जाएगा.
इसी के साथ उन्होंने कहा था कि वह भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण और इसके रचयिता वाल्मीकि के अलावा गीता और इसके रचयिता महर्षि वेद व्यास को राष्ट्रीय सम्मान देने के लिए संसद में कानून लाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि ये सभी देश की संस्कृति और विरासत हैं.
VHP के कार्यक्रम में ये कहा था
प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में शामिल हुए जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा, मुझे ये कहने में कोई झिझक नहीं है कि ये देश यहां रहने वाले बहुसंख्यकों के हिसाब से चलेगा. उन्होंने कहा, ये कानून है और कानून यकीनन बहुसंख्यकों के अनुसार काम करता है. इसे परिवार और समाज के संदर्भ में भी देखा जा सकता है. केवल वही स्वीकार किया जाएगा, जो बहुसंख्यकों के कल्याण और खुशी के लिए फायदेमंद हो.
इस मौके पर जस्टिस शेखर यादव ने समान नागरिक संहिता पर बोलते हुए समुदाय विशेष पर भी विवादित बयान दिया था. इसके बाद से जस्टिस शेखर यादव चर्चाओं में बने हुए हैं.
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