Mahakumbh Stampede News: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या स्नान (Amavasya snan) के मौके पर एक बड़ा हादसा हो गया. हादसा भगदड़ था. यह भगदड़ संगम नोज के पास हुई. दरअसल मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात 1 से 2 बजे के बीच भीड़ बेकाबू हुई और भगदड़ मच गई. सरकारी आंकड़े के अनुसार, इस दुखद हादसे में 30 लोगों ने अपनी जान गंवा दी जबकि 60 घायल हैं. इस बीच मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ में कितनी भीड़ थी, इसकी सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं. आपको यह भी बता दें कि सैटेलाइट की ये तस्वीरें भगदड़ के वक्त की नहीं हैं.
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भगदड़ कैसी हुई थी?
DIG महाकुंभ मेला वैभव कृष्ण ने बताया, "मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त से पहले देर रात एक से दो बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना. उस दबाव के कारण दूसरी ओर के अवरोधक टूट गए और भीड़ के लोगों ने अवरोधक लांघ कर दूसरी तरफ ब्रह्म मुहूर्त के स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को अनजाने में कुचलना शुरू कर दिया. इसी वजह से यह घटना हुई."
क्या है संगम नोज?
संगम नोज प्रयागराज का वह पवित्र स्थल है, जहां गंगा, यमुना और मिथकीय नदी सरस्वती का मिलन होता है. इस स्थान को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जाता है. साधु-संतों और श्रद्धालुओं के लिए संगम नोज पर स्नान करना सबसे पवित्र और पुण्यदायक माना जाता है. संगम नोज का नाम इसके आकार के कारण पड़ा. यह क्षेत्र हर बार महाकुंभ के दौरान बढ़ाया जाता है, ताकि अधिक श्रद्धालुओं को स्नान की सुविधा दी जा सके. इस बार संगम नोज के क्षेत्र को इतना बड़ा किया गया था कि हर घंटे दो लाख लोगों के स्नान की व्यवस्था की गई थी, जबकि 2019 के महाकुंभ में यह क्षमता 50 हजार लोगों प्रति घंटे तक सीमित थी.
संगम नोज पर प्रबंधन के सवाल
इस हादसे ने महाकुंभ के प्रबंधन पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि हर बार प्रशासन इस क्षेत्र को बड़ा करता है और भीड़ प्रबंधन की तैयारियां करता है, लेकिन संगम नोज पर उमड़ने वाली भारी भीड़ बार-बार स्थितियों को बेकाबू कर देती है. इस बार भी संगम नोज की क्षमता बढ़ाई गई थी, लेकिन दो लाख लोगों को हर घंटे संभालने की व्यवस्था में कमी दिखाई दी. प्रशासन और पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद यह हादसा हुआ, जो स्पष्ट रूप से बताता है कि योजना और प्रबंधन में चूक हुई.
मौनी अमावस्या पर 7.64 करोड़ लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी
महाकुंभ मेले में भगदड़ जैसी घटना के बाद ही पूरे दिन श्रद्धालुओं का हुजूम गंगा और संगम तट पर आता रहा. मेला प्रशासन के मुताबिक, बुधवार को मौनी अमावस्या के अवसर पर शाम आठ बजे तक 7.64 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई. मेला प्रशासन के मुताबिक, 13 जनवरी को शुरू हुए महाकुंभ मेले में अभी तक 19.94 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं.
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