बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की जीत में भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार पवन सिंह का योगदान अहम माना जा रहा है. चुनावी प्रचार से लेकर जनसभाओं और सोशल मीडिया कैंपेन तक पवन सिंह ने जिस तरह एनडीए के पक्ष में माहौल बनाया उसने पार्टी को खासा फायदा पहुंचाया. अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी उनके इस योगदान का राजनीतिक गिफ्ट दे सकती है और उन्हें राज्यसभा भेजने की तैयारी है. बता दें कि विधानसभा के दौरान ऐसी चर्चा थी पवन सिंह चुनाव लड़ेंगे हालांकि इस बीच पवन सिंह का उनकी पत्नी के साथ विवाद ने इसे अलग मोड़ दे दिया जिसके बाद सुपरस्टार एक्टर ने खुद कैमरे पर आकर चुनाव ना लड़ने की घोषणा कर दी. ऐसे में जब अप्रैल में राज्यसभा की सीटें खाली हो रही हैं तो ऐसी चर्चा है कि पार्टी पवन सिंह पर भरोसा जता सकती है.
ADVERTISEMENT
विधानसभा चुनाव के बाद बिहार की राजनीति अब राज्यसभा की खाली होने वाली सीटों पर टिक गई है. अप्रैल 2026 में बिहार से राज्यसभा की पांच सीटें खाली होनी है और इन्हीं सीटों को लेकर एनडीए खेमे में रणनीति तेज कर दी गई है. सत्ता पक्ष का लक्ष्य साफ है. एक भी सीट महागठबंधन के खाते में ना जाने दी जाए और सभी पांच सीटों पर एनडीए के उम्मीदवार जीत दर्ज करें. विधानसभा की मौजूद अंकगणित के लिहाज से एनडीए की स्थिति मजबूत मानी जा रही है. राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए करीब 41 विधायकों का समर्थन जरूरी होता है. मौजूदा संख्या बल के आधार पर महागठबंधन के लिए एक भी सीट सुरक्षित कर पाना आसान नहीं दिख रहा. यही वजह है कि राजनीतिक विश्लेषक भी यह मानते हैं कि इस बार राज्यसभा चुनाव में भी तेजस्वी यादव को बड़ा राजनीतिक झटका लग सकता है.
एनडीए के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर लगातार मंथन चल रहा है. सूत्र यह बताते हैं कि जेडीयू को दो सीटें मिल सकती हैं. जबकि बीजेपी भी दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है. सीट लोजपा (आर) रामविलास को दी जाने की अटकलें हैं. हालांकि इसके लिए चिराग पासवान को एनडीए नेतृत्व और सहयोगी दलों की सहमति लेनी होगी. बीजेपी खेमे में राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है. पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बने नितिन नवीन का राज्यसभा जाना लगभग तय माना जा रहा है. भाजपा एक ऐसे चेहरे को भी आगे लाने की तैयारी में है जो राजनीति के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक समीकरण साध सके. इस कड़ी में पवन सिंह का नाम भी तेजी से उभर रहा है. जानकार यह बताते हैं कि अगर बीजेपी पवन सिंह को राज्यसभा भेजती है तो यह उनके चुनावी योगदान का सम्मान तो होगा ही साथ ही इससे पूर्वांचल युवा और भोजपुरी भाषी मतदाताओं को एक बड़ा संदेश मिलेगा. बिहार से राज्यसभा की पांच सीटें 9 अप्रैल 2026 को खाली हो रही हैं. इसमें आरजेडी के प्रेमचंद गुप्ता, एडी सिंह, जेडीयू के हरिवंश नारायण, रामनाथ ठाकुर और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का कार्यकाल पूरा हो रहा है. अब सबकी नजर टिकी है कि क्या बीजेपी पवन सिंह को पॉलिटिकल गिफ्ट देकर राज्यसभा भेजती है और एनडीए अपनी सभी पांचों सीटें जीतने की रणनीति में कितनी सफल होती है.
ये भी पढ़ें: भोजपुरी के हिट मशीन खेसारी लाल यादव का बॉलीवुड में धमाका, मस्ती 4 में सुनने को मिलेगा उनका 480 मिलियन व्यूज वाला गाना
ADVERTISEMENT









