UP News: यूपी में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अयोध्या-काशी पर फोकस बरकरार है. अब यहां स्पेशलाइज्ड इलेक्ट्रिक बोट्स चलाई जाएंगी. इन अत्याधुनिक बोट्स की डॉकिंग, चार्जिंग समेत विभिन्न प्रक्रियाओं को भी संबंधित घाटों पर ही पूरा किया जाएगा. 10 साल के लीज पर इनका संचालन कराया जाएगा.
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अयोध्य और काशी के इन घाटों पर होगा बोट्स का संचालन
हाल के समय में उत्तर प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है. खासतौर पर अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और उससे पहले काशी कॉरिडोर के निर्माण के बाद वाराणसी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को संख्या बहुत बढ़ी है. ऐसे में वॉटर एडवेंचर स्पोर्ट्स और ऐक्टिविटीज को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने दोनों शहरों में स्पेशलाइज्ड इलेक्ट्रिक बोट्स चलाने की तैयारी की है. रामनगरी अयोध्या में 50 सीटिंग कैपेसिटी वाली एक बोट और 30 सीटर 2 बोट्स चलाई जाएंगी. नयाघाट से इन बोट्स का संचालन होगा. पिछले कुछ समय से सरयू नदी कर बने नयाघाट के सौंदर्यीकरण के साथ वॉटर ऐक्टिविटीज के लिए इसको तैयार किया का रहा है. दीपोत्सव पर भी यहीं भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इस बार रिकॉर्ड 25 लाख दीये जलाने का लक्ष्य रखा गया है.
वहीं, वाराणसी में 50 सीटर एसी इलेक्ट्रिक बोट चलाई जाएगी. रविदास घाट पर पर्यटकों के लिए ई-बोट का संचालन होगा. काशी कॉरिडोर बनने के बाद से लगातार वाराणसी आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. ऐसे में बनारस की विष प्रसिद्ध गंगा आरती के अलावा गंगा पर अलग अलग वॉटर ऐक्टिविटीज के जरिए पर्यटकों को आकर्षित करने की पहल की जा रही है.
10 सालों की लीज पर दोनों शहरों में होगा इन बोट्स का संचालन:
10 वर्षों की लीज पर दोनों शहरों में इन बोट्स का संचालन होगा. इन अत्याधुनिक बोट्स की डॉकिंग, चार्जिंग समेत विभिन्न प्रक्रियाओं को भी संबंधित घाटों पर ही पूरा किया जाएगा. बोट सर्विसेस के संचालन में अंतर्राष्ट्रीय मानकों समेत इनलैंड वेसल एक्ट के अंतर्गत निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा. अयोध्या और वाराणसी में इलेक्ट्रिक बेस्ड एडवेंचर वॉटर ऐक्टिविटीज (electric based adventure water actvities) और बोट राइड फैसिलिटी को बढ़ाने के लिए नई योजना बन कर तैयार है. मुख्यमंत्री ने समीक्षा के बाद इसको मंजूरी दे दी है. यूपी स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ( UPSTDC) ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. जल्द ही ये गंगा और सरयू पर ये बोट्स दिखाई देंगे.
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