UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में 3 अहम फैसले लिए गए हैं. ये तीनों फैसले यूपी की राजनीति और विकास के लिए अहम माने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि इसका प्रभाव आपकी जिंदगी पर भी पड़ेगा.
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योगी आदित्यनाथ सरकार ने लिए ये 3 बड़े फैसले
योगी सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने का फैसला लिया है. इसके तहत 49.96 किलोमीटर के लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट में 4776 करोड़ खर्च होंगे. योगी सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
सरकार के इस फैसले का सीधा असर सीधा तौर पर जनता को मिलेगा. इस लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से लखनऊ, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गाजीपुर आपस में जुड़ जाएंगे और आवागमन काफी आसान हो जाएगा. लखनऊ के लोगों को भी इस परियोजना से काफी लाभ होगा. माना जा रहा है कि महानगर में जाम से काफी हद तक मुक्ति मिलेगी.
नोएडा की तर्ज पर बुंदेलखंड के विकास की पहल
बुंदेलखंड के विकास को लेकर योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. योगी सरकार ने नोएडा की तर्ज पर बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (BIDA) के तहत न्यू इंडस्ट्रियल टाउनशिप योजना प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस प्रोजेक्ट के लिए 4 हज़ार 700 करोड़ से अधिक करोड़ रुपये खर्च होंगे.
योगी सरकार इस योजना के माध्यम से BIDA को मजबूरी प्रदान करना चह रही है. BIDA को विकसित करने के लिए सरकार ने भूमि की मंजूरी दे दी है. बता दें कि बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास और यहां रहने वाले लाखों-करोड़ों लोगों के लिए बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (BIDA) काफी महत्वपूर्ण है. सरकार की कोशिश है कि नोएडा की तर्ज पर बुंदेलखंड का विकास किया जाए और यहां उद्योग को बढ़ावा समेत उद्योग विकसित किए जाए. यहां निवेश आए और यहां रोजगार और आर्थिक उन्नति का रास्ता मजबूत हो जाए. ऐसे में योगी सरकार का ये फैसला काफी अहम माना जा रहा है.
जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र परियोजना (JPNIC) को लेकर लिया बड़ा फैसला
योगी सरकार ने जनपद लखनऊ में स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र परियोजना (JPNIC) को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने JPNIC सोसाइटी को भंग कर, इस परियोजना को लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को दे दिया है. अब इस परियोजना की बागडोर लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के हाथों में आ गई है.
बता दें कि JPNIC परियोजना पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट था. मगर साल 2017 में जब यूपी में भाजपा की सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी थी. सरकार ने इस परियोजना में कथित भ्रष्टाचार की जांच का आदेश भी दिया गया था. तभी से ये परियोजना लटकी हुई थी.
आपको बता दें कि जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र परियोजना लखनऊ के विकास के लिए काफी अहम है. इस परियोजना के तहत एक राज्य-स्तरीय सभागार का निर्माण होना है. इसके साथ ही यहां एक कन्वेंशन सेंटर भी बनना है. खेलों को बढ़ावा देने के लिए यहां एक आधुनिक खेल परिसर और बहुदेशीय खेल मैदान का भी निर्माण होना है. इसके साथ ही यहां 750 चार-पहिया वाहनों के लिए एक बहु-स्तरीय पार्किंग सुविधा का भी निर्माण शामिल है. माना जा रहा है कि योगी सरकार के इस फैसले से अब इस परियोजना को रफ्तार मिलेगी.
बता दें कि योगी कैबिनेट ने बैठक में 30 प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दी है. इसमें उत्तरप्रदेश में औद्योगिक निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति अंतर्गत कंपनियों को सब्सिडी व लेटर ऑफ कंफर्ट जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी, उत्तरप्रदेश रोजगार मिशन के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी शामिल है. रोजगार मिशन के तहत अगले 1 साल के अंदर 25 से 30 हजार बेरोजगारों को देश के बाहर व 1 लाख बेरोजगारों को प्रदेश-देश के अंदर निजी क्षेत्र में रोजगार देना का लक्ष्य रखा गया है.
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