Noida News: दिल्ली-एनसीआर का एक प्रमुख रियल एस्टेट हब नोएडा, पिछले कुछ सालों में नौकरीपेशा लोगों और निवेशकों के लिए पसंदीदा जगह बन गया है. बेहतर कनेक्टिविटी, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और तेजी से बढ़ते रोजगार के अवसरों के कारण यहां प्रॉपर्टी की मांग लगातार बढ़ रही है. लेकिन अगर आपकी सैलरी 1 लाख रुपये महीना है, तो सवाल यह उठता है कि क्या नोएडा में घर खरीदना चाहिए या किराए पर रहना बेहतर विकल्प है? आइए, इस सवाल का जवाब हाल के आंकड़ों और व्यावहारिक विश्लेषण के आधार पर ढूंढते हैं.
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नोएडा में प्रॉपर्टी की कीमतें और किराया
नोएडा में घर की कीमतें इलाके और सुविधाओं के आधार पर अलग-अलग हैं. सेंट्रल नोएडा (सेक्टर 15, 27, 50) में 2BHK फ्लैट की कीमत आमतौर पर 50 लाख से 1 करोड़ रुपये के बीच है, जबकि ग्रेटर नोएडा या नोएडा एक्सटेंशन जैसे इलाकों में यह 30-50 लाख रुपये तक हो सकती है. हाल ही में नोएडा अथॉरिटी ने सेंट्रल नोएडा में 800 वर्ग फीट के 2BHK फ्लैट्स 45 लाख रुपये में पेश किए हैं, जो प्राइवेट डेवलपर्स की तुलना में काफी किफायती हैं.
वहीं, किराए की बात करें तो सेंट्रल नोएडा में 1BHK का किराया 12,000-20,000 रुपये और 2BHK का 20,000-35,000 रुपये महीना है. नोएडा के बाहरी इलाकों जैसे सेक्टर 137 या ग्रेटर नोएडा में यह किराया 10,000-20,000 रुपये तक कम हो सकता है.
आर्थिक विश्लेषण: घर खरीदना बनाम किराए पर रहना
घर खरीदने का खर्चा:
वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आपकी सैलरी 1 लाख रुपये महीना है, तो होम लोन की EMI आपकी आय का 25-30% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. यानी 25,000-30,000 रुपये महीने की EMI आदर्श है. 8% ब्याज दर और 20 साल के लोन टेन्योर पर, आप 35-40 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं. इसमें 10-15 लाख रुपये का डाउन पेमेंट जोड़ें, तो आप 50 लाख रुपये तक का घर खरीद सकते हैं.
उदाहरण: नोएडा में 45 लाख रुपये का 2BHK फ्लैट लेने के लिए 10 लाख डाउन पेमेंट और 35 लाख का लोन चाहिए. EMI करीब 29,000 रुपये महीना होगी.
अतिरिक्त खर्च: रजिस्ट्री, मेंटेनेंस (1,000-3,000 रुपये/महीना), और प्रॉपर्टी टैक्स.
किराए पर रहने का खर्चा:
अगर आप 20,000 रुपये महीने के किराए पर 2BHK लेते हैं, तो आपकी सैलरी का 20% ही खर्च होगा. किराया हर साल 5-10% बढ़ सकता है, लेकिन इसमें कोई बड़ा निवेश या लंबी वित्तीय प्रतिबद्धता नहीं है. बाकी पैसा आप बचत या निवेश में लगा सकते हैं.
फायदे और नुकसान
घर खरीदने के फायदे:
संपत्ति में बढ़ोतरी: नोएडा में प्रॉपर्टी की कीमतें पिछले 5 सालों में 8-10% सालाना बढ़ी हैं. लंबे समय में यह निवेश फायदेमंद हो सकता है.
स्थायित्व: खुद का घर होने से किराएदारों की तरह बार-बार जगह बदलने की चिंता नहीं रहती.
भावनात्मक संतुष्टि: भारतीय संस्कृति में घर खरीदना एक बड़ा सपना माना जाता है.
घर खरीदने के नुकसान:
बड़ा निवेश: डाउन पेमेंट और EMI के लिए आपको अपनी बचत का बड़ा हिस्सा लगाना होगा.
कम लचीलापन: नौकरी बदलने या शहर छोड़ने पर घर बेचना या किराए पर देना मुश्किल हो सकता है.
किराए पर रहने के फायदे:
लचीलापन: नौकरी या जीवनशैली बदलने पर आसानी से दूसरी जगह शिफ्ट कर सकते हैं.
कम जोखिम: प्रॉपर्टी मार्केट में उतार-चढ़ाव का असर नहीं पड़ता.
बचत का मौका: किराए पर खर्च होने वाला पैसा कम होने से आप म्यूचुअल फंड या स्टॉक में निवेश कर सकते हैं.
किराए पर रहने के नुकसान:
कोई रिटर्न नहीं: किराया देना एक खर्च है, जो आपको कोई संपत्ति नहीं देता.
किराया बढ़ोतरी: लंबे समय में किराया आपकी सैलरी के बड़े हिस्से पर कब्जा कर सकता है.
आपके लिए क्या सही है?
घर खरीदें अगर: आपके पास 10-15 लाख रुपये की बचत है, आप नोएडा में लंबे समय तक रहना चाहते हैं, और EMI के साथ जीवनशैली में समझौता करने को तैयार हैं.
किराए पर रहें अगर: आप नौकरी में लचीलापन चाहते हैं, अभी बड़ा निवेश करने की स्थिति में नहीं हैं, या प्रॉपर्टी के बजाय अन्य निवेश विकल्पों को प्राथमिकता देते हैं.
आखिरकार, यह निर्णय आपकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं, वित्तीय स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर निर्भर करता है. नोएडा जैसे शहर में दोनों विकल्पों के अपने फायदे हैं. सही योजना के साथ आप अपने 1 लाख रुपये महीने के बजट को स्मार्टली इस्तेमाल कर सकते हैं.
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