DIG Vaibhav Krishna: 29 जनवरी यानी मौनी अमावस्य के मची प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ में कितनी भगदड़ हुई? कितने लोगों की मौत हुई और क्या मृतकों के शव नदी में फेंके गए? ये सवाल लगातार उठ रहे हैं. विपक्ष का आरोप है कि मेला प्रशासन और सरकार ने मृतकों का आंकड़ा छुपाया है. इसी के साथ ये भी आरोप लग रहे हैं कि पुलिस-प्रशासन ने मृतकों की संख्या कम दिखाने के लिए मृतकों के शव गंगा में ही फेंक दिए. बता दें कि अब इन्हीं आरोपों पर महाकुंभ डीआईजी वैभव कृष्ण का रिएक्शन सामने आया है.
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इन आरोपों पर ये बोले डीआईजी वैभव कृष्ण
मौनी अमावस्या ( Mauni Amavasya) के दिन मची महाकुंभ भगदड़ की घटना में पुलिस द्वारा शवों को नदी में फेंकने के आरोपों पर डीआईजी वैभव कृष्णा ने कहा, ये फ और गैर जिम्मेदाराना आरोप हैं. उन्होंने आगे कहा, क्या आप लोगों ने कहीं देखा कि पुलिस ने कोई शव नदी में फेंक हो? यह पूरी तरह से नॉनसेंस है.
सिर्फ 1 शव की पहचान नहीं हो सकी- वैभव
महाकुंभ डीआईजी वैभव कृष्ण ने आगे कहा, जो घटना हुई, वह बेहद दुखद है. मगर जो बाते की जा रही हैं, वह सरासर गलत हैं. जिनकी मृत्यु हुईं, उनके शवों को परिवारों को दिया गया है. सिर्फ 1 शव की पहचान नहीं हो पाई है. बाकी सारे शव उनके परिवारों को दे दिए गए हैं.
भगदड़ में क्या हुआ था?
29 जनवरी की सुबह तड़के 2 बजे प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ मच गई थी. संगम नोज पर मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत का प्रशासन ने दावा किया था. इसी के साथ इस भगदड़ में 60 लोग घायल भी हो गए थे. दावा ये भी किया गया कि 29 जनवरी की रात प्रयागराज महाकुंभ (Prayagraj) में सिर्फ 1 ही भगदड़ नहीं मची थी. प्रयागराज के झूंसी में भी भगदड़ का दावा किया गया था. मगर प्रशासन ने अभी तक इसपर कुछ नहीं बोला है और सिर्फ जांच की बात कही है.
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