मुख्यमंत्री योगी ने महानवमी पर किया कन्‍या पूजन, पांव पखारकर अपने हाथों से कराया भोजन

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शारदीय नवरात्रि की महानवमी पर गोरखनाथ मंदिर में 9 कन्‍याओं का विधि-विधान के साथ पूजन किया और उनके पांव पखारे. शारदीय…

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शारदीय नवरात्रि की महानवमी पर गोरखनाथ मंदिर में 9 कन्‍याओं का विधि-विधान के साथ पूजन किया और उनके पांव पखारे. शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर सदियों से गोरखनाथ मंदिर में विधि-विधान के साथ गोरक्षपीठाधीश्‍वर के द्वारा पांव पखार कर पूजन की परम्‍परा का निर्वहन होता चला आ रहा है.

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योगी आदित्‍यनाथ ने गोरक्षपीठ स्थित भवन में विधि-विधान के साथ परंपरागत कन्या पूजन किया. उन्होंने मां भगवती के नौ स्वरूपों की प्रतीक नौ कन्याओं, एक बटुक भैरव के पांव पखारकर पहले पूजा-अर्चना की. उसके बाद अपने हाथों से भोजन कराकर दक्षिणा के साथ उनकी विदाई की.

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रदेशवासियों को नवरात्र व विजयादशमी की बधाई दी. कहा कि सदी की सबसे बड़ी महामारी के ढाई साल बाद उल्‍लास के साथ शारदीय नवरात्र का पर्व मनाया जा रहा है. इसमें उल्‍लास के साथ सावधानी बरतते हुए पंडालों में सुरक्षा के उपाय का करें.

मातृशक्ति की आराधना हमारी संस्कृति- योगी

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति की आराधना हमारे देश की संस्कृति है. नवरात्रि के नौवें दिन कन्या पूजन का विधान है. सनातन हिन्‍दू धर्म की परम्‍परा में पर्व और त्‍योहारों के महत्‍व को रेखांकित करने वाला यह आयोजन मातृशक्ति के सम्‍मान से जुड़ा हुआ बहुत महत्‍वपूर्ण है. स्‍वाभाविक रूप से सनानत हिन्‍दू धर्म की परम्‍परा में इसे सर्वोच्‍च महत्‍ता दी गई है. किसी भी वर्ष में दो बार वासंतीय और शारदीय नवरात्रि के रूप में सभी हिन्‍दू धर्मावलंबी मातृ शक्ति के प्रति सर्वोच्‍च सम्‍मान व्‍यक्‍त करने के लिए इन आयोजनों के साथ जुड़ता है.

सीएम योगी ने कहा- वे पूरे प्रदेश वासियों को शारदीय नवरात्रि की इस पावन तिथि पर अपनी मंगलमय शुभकामनाएं देते हैं. सनातन काल से ही सभी धर्मावलंबी अपनी इस प्रतिबद्धता के साथ जुड़कर इन कार्यक्रमों को सफल बनाने में लगते हैं. दुर्गा पूजा के पंडाल भी लगते हैं. लोग पूरे परिवार के साथ इस अनुष्‍ठान से जुड़ते हैं. विगत नौ दिनों से पूजन का कार्यक्रम दुर्गा सप्‍तशती के पाठ के साथ प्रारम्‍भ हुए थे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- आज कुंवारी कन्‍याओं के पूजन के साथ जगत जननी मां दुर्गा स्‍वरूपा के पूजन के साथ सम्‍पन्‍न हुआ है. हमें इसे धार्मिक और आध्‍यात्मिक आयोजन तक सीमित न रखकर मातृ शक्ति के प्रति एक आदर का भाव रखें. इसीलिए भारतीय परम्‍परा में वर्ष में दो बार वासंतीय और शारदीय नवरात्रि के रूप में महत्‍व दिया है.

सीएम ने कहा- आज अपराह्न विजयदशमी का पूण्‍य पर्व और विजयदशमी के कार्यक्रम भी प्रारम्‍भ हो जाएंगे. वासंतीय नवरात्रि के पावन पर्व के रूप में नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्‍तम भगवान श्रीराम के जन्‍मदिन और शारदीय नवरात्रि पर नौ दिन जगतजननी के अनुष्‍ठान के उपरांत दशमी की तिथि विजयादशमी की तिथि धर्म, सत्‍य और न्‍याय पर चलने वालों की सदैव विजय होती है. अधर्म, असत्‍य और अन्‍याय कभी भी शाश्‍वत नहीं हो सकता है. कभी भी अंतिम विजय प्राप्‍त नहीं कर सकता है. विजयादशमी का पर्व भी आज अपराह्न से शुरू हो जाएगा. कल तक इसका मुहूर्त होगा. इस अवसर पर वे शारदीय नव‍रात्रि के साथ विजयादशमी की भी बधाई और शुभकामनाएं देते हैं. पर्व और त्‍यौहार विगत ढाई वर्ष से कोरोना जैसी महामारी के बाद सामूहिक रूप से इस कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर प्राप्‍त हो रहा है.

सीएम योगी ने अपील करते हुए कहा- मां के आशीर्वाद से कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए कार्यक्रम हुए थे. पूजा पंडालों और मंदिरों में काफी भीड़-भाड़ है. उनकी अपील है कि स्‍वच्‍छता, सुरक्षा और सद्भावना को ध्‍यान देकर उत्‍साह और उमंग के साथ पर्व को आयोजित करें, तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. इस आयोजन को इसी तरह से रखें कि जहां भी आयोजन हो रहे हैं. शासन और प्रशासन के साथ स्‍वयं भी मंदिर प्रबंधन सुरक्षा, स्‍वच्‍छता और अग्नि सुरक्षा का पालन करें.

ये भी सुनिश्चित करें कि भगदड़ और आस्‍था के साथ खिलवाड़ और अव्‍यवस्‍था न हो. किसी के उत्‍साह और उमंग में खलल न पड़े. ये आयोजकों और प्रशासन की जिम्‍मेदारी बनती है. धर्म, सत्‍य और न्‍याय का ये पर्व सभी के जीवन में खुशहाली, उत्‍साह और उमंग का कारण बनेगा और लोगों की आस्‍था प्रबल होगी. वे सकारात्‍मक सोच के साथ विकास और निर्माण के कार्यक्रम में अपना योगदान दे पाएंगे.

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