CBI ने सत्यपाल मालिक के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, उधर उनके गंभीर रूप से बीमार होने की आई खबर, हुआ क्या?

सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खिलाफ कीरू जलविद्युत परियोजना भ्रष्टाचार मामले में चार्जशीट दाखिल की. जानें ₹2,200 करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट में गड़बड़ी और रिश्वत के आरोपों से जुड़ा पूरा मामला.

Former Jammu and Kashmir Governor Satya Pal Malik. (File photo)

यूपी तक

• 07:51 PM • 22 May 2025

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Satya Pal Malik News: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. बता दें कि सत्यपाल मालिक के खिलाफ CBI ने कीरू जलविद्युत परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में चार्जशीट दाखिल की है. यह मामला लगभग 2200 रुपए करोड़ की सिविल वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट की अवैध मंजूरी से जुड़ा है. मगर, दूसरी तरफ सत्यपाल मालिक की ओर से उनके आधिकारिक X अकाउंट पर उनकी खराब स्वास्थ्य हालत की जानकारी दी गई है. सत्यपाल मालिक की ओर से बताया गया है कि उनकी स्थिति बहुत गंभीर है और पिछले तीन दिनों से किडनी डायलिसिस की जा रही है. 

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सत्यपाल मालिक के X पोस्ट में उनकी तबीयत को लेकर कहा गया है, "नमस्कार साथियों. मेरे बहुत से शुभचिंतकों के फ़ोन आ रहे हैं, जिन्हें उठाने में मैं असमर्थ हूं. अभी मेरी हालत बहुत खराब है. मैं  किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं. 11 मई से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हूं. संक्रमण की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था. अब  स्थिति बहुत गंभीर है और पिछले तीन दिनों से  किडनी डायलिसिस की जा रही है."

आपको बता दें कि सीबीआई की ओर से सत्यपाल मालिक के खिलाफ ये कार्रवाई तब हुई है, जब वह गंभीर रूप से बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं. हालांकि सीबीआई के इस एक्शन को लेकर मालिक की ओर से कोई बयान अभी सामने नहीं आया है. 

क्या है सत्यपाल मालिक के खिलाफ केस?

बता दें कि यह मामला जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में स्थित कीरू जलविद्युत परियोजना की टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ियों से संबंधित है. सत्यपाल मलिक 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे. उन्होंने पहले यह दावा किया था कि उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए ₹300 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की गई थी, जिनमें से एक यह परियोजना भी थी. 

फरवरी 2024 में सीबीआई ने दिल्ली स्थित मलिक के आवासों और जम्मू-कश्मीर में कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. यह छापे सत्यपाल मलिक के करीबी सहयोगियों और चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (CVPPPL) के अधिकारियों के ठिकानों पर भी पड़े थे, जो इस परियोजना को क्रियान्वित कर रही एजेंसी है. 

सीबीआई की जांच के दायरे में आए कई लोग 

सीबीआई की जांच के दायरे में कई लोग आए, जिनमें CVPPPL के पूर्व चेयरमैन नवीन कुमार चौधरी, पूर्व अधिकारी एम एस बाबू, एम के मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा के अलावा वह कंपनी पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड भी शामिल है, जिसे यह ठेका दिया गया था. सीबीआई के मुताबिक, CVPPPL की 47वीं बोर्ड बैठक में ई-टेंडरिंग और रिवर्स ऑक्शन के जरिए पुनः टेंडर निकालने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया और अंततः ठेका पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दे दिया गया. 

मलिक ने इन आरोपों को नकारते हुए सीबीआई की छापेमारी की आलोचना की थी और इसे उन्हें डराने की कोशिश बताया था. सीबीआई ने अप्रैल 2022 में यह मामला तब दर्ज किया जब मलिक ने सार्वजनिक रूप से रिश्वत की पेशकश का दावा किया था.  जांच के दौरान कई साक्ष्य मिले, जिससे यह संकेत मिला कि ठेके में गड़बड़ी हुई थी. इसी के आधार पर अब चार्जशीट दाखिल की गई है. 

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