सात साल पुराने इस केस में आजम खान को मिली राहत, सुनवाई से पहले बंदी वाहन में बैठने से कर दिया था इनकार

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को रामपुर की MP-MLA कोर्ट से राहत मिली है. 2018 के अपमानजनक भाषा मामले में सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया है. इस केस की सुनवाई के दौरान आज सपा नेता आजम खान ने बंदी वाहन में बैठने से इनकार कर दिया था जिसके बाद जमकर हंगामा देखने को मिला.

Azam Khan

आमिर खान

28 Nov 2025 (अपडेटेड: 28 Nov 2025, 07:39 PM)

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रामपुर जिला जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को रामपुर की MP-MLA कोर्ट से राहत मिली है. 2018 के अपमानजनक भाषा मामले में सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया है. दरअसल यह मामला 2018 का है जब समाजवादी पार्टी के महासचिव अमर सिंह ने आजम खान के खिलाफ लखनऊ के गोमती नगर थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस दौरान आरोप लगा कि आजम खान द्वारा उनकी बेटियों को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अपमानजनक भाषा बोली गई हैं. इस केस की सुनवाई के दौरान आज सपा नेता आजम खान ने बंदी वाहन में बैठने से इनकार कर दिया था. इसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए अदालत में सुनवाई हुई और उन्हें बरी कर दिया गया.

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बंदी वाहन में बैठने से किया इनकार

आजम खान के खिलाफ समाजवादी पार्टी के महासचिव अमर सिंह की बेटियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने की शिकायत साल 2018 में लखनऊ के गोमती नगर थाने में दर्ज कराई गई थी. लेकिन बाद में इस केस को रामपुर में स्थानांतरित कर दिया गया. अब इस मामले में सबूते की कमी के कारण अदालत ने तकनीकी आधार पर आजम खान को बरी कर दिया. लेकिन इस केस की सुनवाई से पहले आजम खान ने बंदी वाहन में बैठने से इनकार कर दिया था जिसके बाद वहां जमकर हंगामा देखने को मिला था. दरअसल आजम को अदालत में पेश करने के लिए भारी सुरक्षा के बीच बंदी वाहन जेल पहुंचा था. लेकिन उन्होंने वाहन में सवार होने से इनकार कर दिया और वह मुड़कर वापस जेल के अंदर चले गए. इस दौरान अधिकारियों के समझाने पर भी नहीं माने. इसलिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई हुई और अदालत नें इस मामले में उनको बरी कर दिया.

आजम खान के वकील ने क्या बताया

आजम खान के वकील विनोद शर्मा ने बताया कि यह मामला अमर सिंह द्वारा दर्ज कराया गया था जिसमें आजम खान पर एक टीवी इंटरव्यू आपत्तिजनक भाषा बोलने का आरोप था. लेकिन अभियोजन इसको साबित करने में असफल रहा जिसके चलते अदालत नें सबूत के और तकनीकी कर्म के अभाव में आजम खान को बरी कर दिया.

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