स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- BJP में ‘बेचारा’ बनकर समय काट रहे केशव प्रसाद मौर्य
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल से 11 जनवरी को इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को दावा किया कि मंत्री…
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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल से 11 जनवरी को इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को दावा किया कि मंत्री पद से उनके इस्तीफे के बाद राज्य में सत्तारूढ़ दल (बीजेपी) में भूचाल आ गया है.
मौर्य ने वापसी के सवाल पर कहा, ”मेरे इस्तीफे के बाद दर्जनों नेताओं के मुझे फोन आए लेकिन अब उस टेलीफोन का कोई मतलब नहीं रह जाता, इसलिए मैं किसी से बात नहीं कर रहा हूं. कमान से निकला तीर वापस कभी नहीं आता.”
उन्होंने दावा किया कि उनके इस्तीफे के बाद बीजेपी में भूचाल आ गया है. उन्होंने कहा, ”पहले जो मंत्रियों से सीधे बात नहीं करते थे, आज उनकी आरती उतारते नजर आ रहे हैं. आज एक-एक विधायक, सांसद और मंत्री की घेराबंदी हो रही है. जिन विधायकों का टिकट कटने वाला था, मेरे इस्तीफे से उनका टिकट बचने जा रहा है लेकिन इसके बावजूद इनकी सरकार बचने वाली नहीं है.”
न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, मौर्य ने आगामी 14 जनवरी को समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होने का संकेत दिया. उनके साथ और कौन-कौन एसपी में शामिल होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा ”14 जनवरी को सब कुछ साफ हो जाएगा.” हालांकि न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मौर्य ने कहा है, ”मैं 14 जनवरी को समाजवादी पार्टी में शामिल हूंगा.”
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मौर्य ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ”आज इनको अपनी हैसियत का पता लगा और स्वामी प्रसाद मौर्य कौन सी बला है, इसका भी एहसास आज इनको हो गया है. पहले अगर एहसास हो गया होता तो न इनकी मनमानी चलती, न दलितों और पिछड़ों की अनदेखी होती और न वे मदांध होकर जनता के हितों के साथ खिलवाड़ करते. उत्तर प्रदेश को चारागाह समझने वाले लोग सावधान रहें. उत्तर प्रदेश अगर किसी को आमंत्रित करता है तो उसकी विदाई भी सम्मान के साथ करता है.”
अपनी बेटी और बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य के अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर मौर्य ने कहा कि वह अपना फैसला खुद लेंगी.
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उन्होंने कहा कि पूरे पांच वर्षों तक वह दलितों, पिछड़ों और अन्य वंचित वर्गों के मुद्दे उठाते रहे, मगर बीजेपी सरकार कुम्भकर्ण की नींद सोती रही.
इस सवाल पर कि क्या बीजेपी ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को उनकी वापसी की मुहिम पर लगाया है, स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि केशव उनके छोटे भाई हैं मगर वह खुद भी बीजेपी में बेचारा बनकर समय काट रहे हैं.
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स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ गिरफ्तारी का वॉरंट जारी, क्या है मामला?
मंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद बुधवार को सुलतानपुर की एक अदालत ने देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के एक मामले में मौर्य के खिलाफ गिरफ्तारी का वॉरंट जारी किया.
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अनिल तिवारी ने बताया कि साल 2014 में देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में मौर्य के खिलाफ साल 2016 में गिरफ्तारी का वॉरंट जारी किया गया था, लेकिन मौर्य ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था.
उन्होंने बताया कि छह माह की अवधि पूरी हो जाने पर अदालत में बुधवार 12 जनवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य को हाजिर होना था, मगर उनके उपस्थित नहीं होने पर न्यायाधीश योगेश कुमार यादव की अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी कर दिया. मामले की अगली सुनवाई अब 24 जनवरी को होगी.
अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रभावशाली नेता माने जाने वाले मौर्य का पूर्वांचल के कई क्षेत्रों में दबदबा माना जाता है. वह साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे और कुशीनगर की पडरौना सीट से चुनाव जीतकर श्रम मंत्री बने थे.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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