पीएम मोदी के जन्मदिन पर ट्रेंड हो रहा ‘राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस’, जानें क्या है पूरी कहानी
17 सितंबर यानी आज के दिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भव्य तरीके से मना रही है. इसके लिए बीजेपी 20…
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17 सितंबर यानी आज के दिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भव्य तरीके से मना रही है. इसके लिए बीजेपी 20 दिन तक एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाएगी. जिसे ‘सेवा और समर्पण अभियान’ का नाम दिया गया है. वहीं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर देशभर में पीएम मोदी के जन्मदिन को राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस के रूप में भी मनाया जा रहा है. इसके लिए बकायदा कुछ हैशटैग भी ट्रेंड करवाए जा रहे हैं, जिसमें प्रमुख रूप से #राष्ट्रीयबेरोजगारदिवस , #NationalUnemploymentDay , #मोदीरोजगारदो , #JumlaDiwas.
ऐसे ट्रेंडिंग हैशटैग के पीछे हैं बेरोजगारी के मुद्दे पर आवाज बुंलद करनी वाली ‘युवा हल्ला बोल’ टीम. आखिर आज ही के दिन क्यों मनाया जा रहा है राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस? और कौन है ‘युवा हल्ला बोल’?
‘युवा हल्ला बोल’ के संस्थापक अनुपम का कहना है कि पीएम मोदी की सरकार बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों के जरिए बेरोजगारी और महंगाई पर खूब बातें कीं. अलग-अलग नारे दिए थे, लेकिन सरकार बनने के बाद भी पीएम मोदी ने ना तो युवाओं की बेरोजगारी का हाल जाना और ना ही महंगाई का.
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इसी क्रम में उन्होने यूपी में बढ़ रही रोजगार की मांग और एग्जाम करवाने की पादर्शिता पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि यूपी की राजधानी लखनऊ में हमने देखा कि कई भर्ती के युवा धरने पर बैठे थे, वे यूपी सरकार से अपनी भर्तियों में आ रही अड़चनों को दूर करने की मांग कर रहे थे.
अनुपम ने कहा, “यूपी सरकार सिर्फ और सिर्फ फर्जी आंकड़ों पर अपना प्रचार कर रही है.” इतना ही नहीं अनुपम ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “बताइए क्या करे देश का बेरोज़गार युवा? बताइए क्यों ना मनाए #जुमला_दिवस?”
बताइए क्या करे देश का बेरोज़गार युवा? बताइए क्यों ना मनाए #जुमला_दिवस?#राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस #मोदी_रोजगार_दो pic.twitter.com/1mPaSsYvks
— Anupam | अनुपम (@AnupamConnects) September 17, 2021
कैसे मनाया जा रहा है राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस
अनुपम ने कहा है, “इस बार प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए सोशल मीडिया पर ‘जुमला दिवस’ मना रहे हैं.”
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युवा हल्ला बोल के कार्यकारी अध्यक्ष गोविंद मिश्रा ने जानकारी दी कि आज यूपी के अलग-अलग जिलों में युवा हल्ला बोल टीम के साथी बेरोजगारों के साथ मिलकर पहले मार्च निकाले, उसके बाद “जुमला केक” काटे.
आपको बता दें कि पिछले साल भी बेरोजगार युवाओं ने इस दिन को ‘जुमला दिवस’ की तरह मनाया था.
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इस बार का कार्यक्रम इसलिए खास है क्योंकि इसमें सिर्फ बेरोजगार युवा ही नहीं, बल्कि निजीकरण से परेशान बैंककर्मी और महंगाई से त्रस्त नागरिकों ने भी हिस्सा लिया हैं.
अनुपम, संस्थापक, युवा हल्ला बोल
महाराजगंज में राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस मना रहे गोविंद ने ट्वीट कर लिखा, “जुमला दिवस पर #महराजगंज में हो रहे कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ. यहां के युवाओं ने जबरदस्त तरीके से जुमलेबाज प्रधानमंत्री जी का जन्मदिन मनाया. जुमलों का केक काटकर युवाओं ने बेरोजगारी, निजीकरण और महंगाई का विरोध किया.
जुमला दिवस पर #महराजगंज में हो रहे कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ। यहां के युवाओं ने जबरदस्त तरीके से जुमलेबाज प्रधानमंत्री जी का जन्मदिन मनाया।
जुमलों का केक काटकर युवाओं ने बेरोजगारी, निजीकरण और महंगाई का विरोध किया।#JumlaDiwas #जुमला_दिवस#मोदी_रोजगार_दो#NationalUnemploymentDay pic.twitter.com/npeLR0yhBv
— Govind Mishra (@_govindmishra) September 17, 2021
इसके अलावा अनुपम अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पीएम मोदी पर हमला करते दिखे. उन्होने कहा,“चौ. चरण सिंह की जयंती पर किसान दिवस, पंडित नेहरू के लिए बाल दिवस, राधाकृष्णन शिक्षक दिवस और विवेकानंद के लिए युवा दिवस मनाया जाता है। क्योंकि ये सब इनके प्रतीक थे।पीएम मोदी के जीवन और राजनीति का प्रतीक है ‘जुमला’। बेरोजगार युवाओं, सरकारी कर्मचारियों से लेकर किसानों तक को जुमला!”
चौ. चरण सिंह की जयंती पर किसान दिवस, पंडित नेहरू के लिए बाल दिवस, राधाकृष्णन शिक्षक दिवस और विवेकानंद के लिए युवा दिवस मनाया जाता है। क्योंकि ये सब इनके प्रतीक थे।
पीएम मोदी के जीवन और राजनीति का प्रतीक है 'जुमला'। बेरोजगार युवाओं, सरकारी कर्मचारियों से लेकर किसानों तक को जुमला! pic.twitter.com/UJlZaGRYhA
— Anupam | अनुपम (@AnupamConnects) September 16, 2021
कौन है ‘युवा हल्ला बोल’ टीम
गोविंद मिश्रा का कहना है, “युवा हल्ला बोल देश में बेरोजगारी के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी युवा आंदोलन है. युवाओं के लिए नौकरी के अवसरों और भर्ती प्रक्रिया में निष्पक्ष चयन पर ध्यान देने के साथ, इस टीम का उद्देश्य है कि ये सभी युवा को सरकार से मिल रहे रोजगार और अपने अधिकार दिला सके.”
आपको बता दें की हाल ही में योगी सरकार के 4 लाख नौकरी के दावे वाले पोस्टर पर इसी टीम ने गंभीर सवाल खड़े किए थे. इस टीम ने दावा किया था की आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक नौकरी के दावे करने वाली सरकार झूठा प्रचार कर रही है.
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