संभल- होली-शब-ए-बारात एक ही दिन, प्रशासन अर्लट, मस्जिदों को तिरपाल से ढकवाया गया

अभिनव माथुर

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Sambhal News: होली और शब-ए-बारात को लेकर पश्चिमी यूपी के अतिसंवेदनशील जिलों में शामिल संभल की सुरक्षा का ब्लू प्रिंट तैयार है. सुरक्षा को देखते हुए और किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए प्रशासन ने मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पड़ने वाली मस्जिदों को पन्नी और तिरपाल से ढक दिया है, जिससे कोई भी असामाजिक तत्व त्योहार पर माहौल खराब न कर पाए. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने प्रशासन के इस कदम की सराहना भी की है. इसी के साथ प्रशासन ने जिले में 20 संवेदनशील केंद्रों की भी पहचान की है. प्रशासन द्वारा वहां आरएएफ और पीएसी के जवानों की तैनाती की जाएगी.

अति संवेदनशील समझा जाता है संभल

बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल जिले को कानून व्यवस्था की दृष्टि से बेहद अति संवेदनशील समझा जाता है. यहां पहले भी कई बार होली पर रंग डालने को लेकर विवाद हो चुका है. इस बार होली और शब ए बारात एक ही दिन हैं. तो पुलिस भी अलर्ट हो गई है.

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पुलिस ने असामाजिक तत्वों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए मिक्स आबादी में पड़ने वाली मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया है, जिससे होली के जुलूस के दौरान किसी भी तरह का विवाद न हो. इस तरह से संभल की एक दर्जन से अधिक मस्जिदों को पन्नी और तिरपाल से कवर कर दिया गया है.

क्या बोले मुस्लिम धर्मगुरु

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मुस्लिम धर्मगुरु हाजी एहतेशाम ने कहा है कि पिछले सालों में मस्जिदों पर रंग डालने के बाद जिस तरह से विवाद हुए हैं, उसको देखते हुए ये कदम संभल प्रशासन का एक बड़ा और अच्छा कदम है. संभल हमेशा से बदनाम रहा है. मगर अब आगे कोई धब्बा न लगे, उसी की वजह से कुछ मस्जिदों को ढका गया है. इससे शहर में अमन शांति बनी रहेगी.

‘रंग पढ़ने पर जहन्नुम में नहीं जलेगा’

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मुस्लिम धर्मगुरु का यह भी कहना है कि यह केवल एक अफवाह है कि अगर किसी पर होली का रंग पड़ जाए तो वह जहन्नुम में जलेगा. मगर ऐसा कुछ भी नहीं है. यह कोई धर्म का मसला नहीं है और अगर धोखे से किसी के ऊपर रंग पड़ भी गया है तो उसमें उसका कोई दोष नहीं है. इसलिए उसको सजा दिए जाने का भी कोई कारण नहीं है.रंग पढ़ने से वह जहन्नुम में जलेगा यह केवल एक अफवाह है.

इस मामले पर डीएम मनीष बंसल ने कहा, “ संभल जिले को तीन जोन में बांटा गया है, जिसमें जिले के 15 थानों पर दो-दो मजिस्ट्रेट की तैनाती की है. इसके अलावा जिले में जुलूस निकाले जाने वाले और रंग खेलने वाले 20 संवेदनशील जगहो की भी पहचान की गई है. उन जगहों पर अलग से भी मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है.”

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