बदलने जा रहा है गोरखपुर रेलवे स्टेशन का स्वरूप, दिखेगी स्थानीय संस्कृति की झलक
गोरखपुर रेलवे स्टेशन (Gorakhpur Railway Station) का सुंदरीकरण होगा और इसका नया स्वरूप भव्य देखने को मिलेगा. नए रेलवे स्टेशन में स्थानीय संस्कृति की झलक…
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गोरखपुर रेलवे स्टेशन (Gorakhpur Railway Station) का सुंदरीकरण होगा और इसका नया स्वरूप भव्य देखने को मिलेगा. नए रेलवे स्टेशन में स्थानीय संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. आगामी 50 सालों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर गोरखपुर रेलवे स्टेशन को नया स्वरूप दिया जाएगा.
पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक चंद्रवीर रमन ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर की पहचान आज किसी से छुपा नहीं है. लेकिन पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर स्टेशन को एक नया स्वरूप देने के लिए 50 सालों की सोच को लेकर पुनर्विकास किया जा रहा है, जिसमें गोरखपुर जंक्शन स्टेशन के पुनर्विकास हेतु प्रस्तावित डिजाइन मे स्थानीय सांस्कृति, विरासत और वास्तुकला को समाहित किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में मुख्य स्टेशन भवन के निर्माण 5855 वर्ग मीटर वृत्ति प्रवेश द्वार का निर्माण 720 वर्ग मीटर में किया गया है. प्रस्तावित स्टेशन का निर्माण 17,900 वर्ग मीटर एवं द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण 7400 सौ वर्ग मीटर में किया जाएगा. पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने बताया कि प्रस्तावित कांकोर्स (हालनुमा परिसर) 6300 वर्ग मीटर बनाया जाएगा, जहां 35 व्यक्ति एक साथ बैठ सकते हैं. 2 व्हीलर, 3 व्हीलर की पार्किंग क्षमता 427 ईसीएस है, जबकि प्रस्तावित पार्किंग क्षमता 838 ईसीएस है.
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लगभग 1,68,000 यात्रियों के प्रतिदिन आवागमन का अनुमान
यह स्टेशन गोरखपुर जनपद की लगभग 44.5 लाख की आबादी सहित निकटवर्ती जनपदों और नेपाल क्षेत्र के लोगों को भी अपनी सेवाएं दे रहा है और प्रतिदिन लगभग 93,000 यात्रियों का आवागमन होता है. गोरखपुर जंक्शन स्टेशन का पुनर्विकास आगामी 50 सालों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जाएगा. उस समय गोरखपुर जंक्शन स्टेशन पर लगभग 1,68,000 यात्रियों के प्रतिदिन आवागमन का अनुमान जताया गया है.
वर्तमान में गोरखपुर जंक्शन स्टेशन के उत्तरी छोर पर मेडिकल कॉलेज, पादरी बाजार आदि क्षेत्र है. दक्षिणी छोर पर नगर का बड़ा भाग, पूर्वी छोर पर नन्दानगर, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और पश्चिमी छोर पर सूरजकुण्ड, तिवारीपुर एवं श्री गोरक्षनाथ मंदिर क्षेत्र आदि स्थित है.
ऐसा होगा रेलवे स्टेशन का नया स्वरूप
- रूफ प्लाजा फूड आउटलेट, वेटिंग हॉल, ए.टी.एम. एवं किड्स प्ले एरिया का प्रावधान
- 6 मीटर चौड़े दो अतिरिक्त पैदल उपरिगामी पुल (एफ.ओ. बी.)
- आगमन / प्रस्थान के लिये अलग व्यवस्था
- मल्टी फंक्शनल कॉम्प्लेक्स का प्रावधान
- .होटल का प्रस्ताव
- वाणिज्यिक केन्द्र / शॉपिंग मॉल का प्रावधान
- सेन्ट्रल मॉल
- सर्कुलेटिंग एरिया में ग्रीन पैच
- कामर्शियल ब्लॉक / बजट होटल
- पैदल आवागमन के लिये छाजनयुक्त पाथ-वे.
- फ्यूचर मेट्रो स्टेशन एवं बस स्टेशन से कनेक्टिविटी
गोरखपुर रेलवे स्टेशन का ये है इतिहास
15 जनवरी, 1885 को सोनपुर से मनकापुर एक मीटर गेज रेल लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आया. साल 1886 में गोरखपुर से उसका बाजार लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर जंक्शन स्टेशन बना. साल 1981 में छपरा से मल्हौर तक का आमान परिवर्तन पूर्ण हुआ और गोरखपुर जंक्शनबड़ी लाइन से देश के अन्य महानगरों से जुड़ा.
साल 2004 में गोरखपुर जंक्शन स्टेशन पर प्लेटफार्म की संख्या में वृद्धि हुई और स्टेशन के यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य जरूरी हो गया. गोरखपुर जंक्शन स्टेशन यार्ड रिमॉडलिंग 6 अक्टूबर, 2013 को पूरा हुआ. इसी के साथ गोरखपुर जंक्शन स्टेशन का प्लेटफॉर्म विश्व का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म बना था.
इस प्लेटफॉर्म की लम्बाई 1355.40 मीटर है और रैंप के साथ इसकी लम्बाई 1366.33 मीटर है. इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के विश्व रिकॉर्ड में स्थान मिला था. फिलहाल गोरखपुर जंक्शन स्टेशन पर कुल 10 प्लेटफॉर्म हैं.