मिहिर भोज के ‘वंशज’ ने बताई सम्राट की जाति, कहा- ‘हम सबूत देने को तैयार’

योगितारा दूसरे

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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सम्राट मिहिर भोज की पहचान को लेकर घमासान मचा हुआ है. राजपूत और गुर्जर समाज दोनों ही सम्राट को अपना-अपना पूर्वज बता रहे हैं, इसे लेकर यूपी की सियासत भी तेज हो चुकी है.

इस बीच, खुद को सम्राट मिहिर भोज का ‘वंशज’ बताने वाले अरुणोदय सिंह ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इतिहास से खिलवाड़ न किए जाने की गुजारिश की है. नागौद राजघराने की चौथी पीढ़ी से ताल्लुक रखने वाले अरुणोदय सिंह ने कहा है कि सम्राट मिहिर भोज की मूर्तियां बनाने से कोई गुरेज नहीं, मगर न तो उनकी जाति बदली जाए और न ही इतिहास के साथ छेड़छाड़ की जाए.

दरअसल यूपी के दादरी स्थित मिहिर भोज डिग्री कॉलेज में लगी सम्राट म‍िहिर भोज की प्रतिमा राजनीतिक विवाद के केंद्र में है. सम्राट मिहिर भोज की जाति को लेकर यूपी में उठा बवंडर अब मध्य प्रदेश तक पहुंच गया है. यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ था जब शिलालेख पर अंकित ‘गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज’ पर कथित तौर पर किसी ने ‘गुर्जर’ शब्द के ऊपर कालिख पोत दी थी. अब सम्राट मिहिर भोज के ‘वंशज’ अरुणोदय सिंह ने इस मामले पर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है. आइए जानते हैं कि अरुणोदय ने इस पूरे मामले पर क्या कहा है.

लेटर को लेकर अरुणोदय सिंह ने बताया,

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”मांग ये है कि जहां-जहां उनकी (मिहिर भोज की) मूर्तियां लगी हैं और जहां-जहां भी आगे उनकी मूर्तियां लगेंगी वो क्षत्रिय सम्राट मिहिर भोज के नाम से लगें. अगर आप लोगों को इस चीज से आपत्ति है तो सम्राट मिहिर भोज के नाम से लिखा जाए. अगर आप कहते हैं कि राजा मिहिर भोज की कोई जाति नहीं है… महापुरुषों की कोई जाति नहीं है… बहुत अच्छी बात है… नहीं भी है, क्योंकि राजा, सबका राजा होता है.”

अरुणोदय सिंह

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि किसी भी जाति का मूर्ति लगाने वाला मूर्ति को (किसी भी) जाति से जोड़कर लगाए.

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अरुणोदय ने कहा, ”वह क्षत्रिय राजपूत हैं तो इसके प्रमाण सबके पास हैं. ग्वालियर के फोर्ट में ले लीजिए, वहां हैं… मंडोर के किले में लिखा हुआ है. आप जोधपुर जाइए वहां पर भी लिखा हुआ है. सब जगह… जहां-जहां जाएंगे शिलालेख मिलेगी आपको. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया में भी सब जगह प्रतिहार राजपूत ही कहा गया है उनको.”

इसके अलावा उन्होंने कहा, ”अगर सरकार हमसे डॉक्युमेंट्स मांग रही है तो हम देंगे. सरकार का यह भी कहना है कि हमने कहा हुआ है कि सम्राट मिहिर भोज क्षत्रिय हैं. उन्होंने अपने एग्जाम में ही घोषित किया हुआ है. सरकार एक बार लोगों को इत्तला कर दे कि राजा मिहिर भोज क्षत्रिय हैं. ये उन्होंने खुद लिखा हुआ है… राजपूत सम्राट हैं… तो कुछ कन्फ्यूजन के चक्कर में… कुछ लोग अपने पॉलिटिक्स के करियर के चक्कर में… और कुछ लोगों को आगे बिना हिस्ट्री जाने, बिना तथ्य जाने बस बोलना है… ये तो सरासर गलत है. अभी तो ये लेटर जारी किया है फिर संगठन मिलकर कोर्ट में जाएगा.”

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