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लखीमपुर खीरी कांड: यहां जानिए वायरल हो रहे वीडियो की कहानी, जिनपर मचा है बवाल

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लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को हुए बवाल ने यूपी संग पूरे देश को हिला कर रख दिया है. यहां आंदोलकारियों संग हुई हिंसक झड़प में 8 लोगों की मौत हुई है. इसमें 4 किसान, 3 बीजेपी से जुड़े लोग और एक पत्रकार शामिल हैं. संयुक्त किसान मोर्चा का आरोप है कि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के काफिले ने किसानों को रौंदा. उधर मंत्री और उनके बेटे आरोपों का खंडन करते हुए कह रहे हैं कि किसानों के समूह में घुस आए अराजक तत्वों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की जान ली. आशीष मिश्रा के खिलाफ इस मामले में केस भी दर्ज हो चुका है और अब गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे संग उनके बेटे की गिरफ्तारी की मांग हो रही है.

उधर, इस घटना के बाद एक-एक करके इंटरनेट पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. इन वीडियो के अलग-अलग दावे हैं. हालांकि अब यह मामला सब-ज्यूडिश है और वीडियो की समय प्रासंगिकता और प्रामाणिकता की जांच सरकारी एजेंसियों के जिम्मे है. यूपी तक वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन हम इस वीडियो के रूप में बिखरे पूरे घटनाक्रम को समेट कर आपके सामने एक तस्वीर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर उस दिन तिकुनिया में क्या हुआ था. पढ़िए ये खास रिपोर्ट…

जगह: तिकुनिया. बनवीरपुर से वाया तिकुनिया होते हुए निघासन जाने वाली सड़क समय: दोपहर करीब 3:30 बजे. सीन: सड़क के दोनों तरफ करीब 500 मीटर तक किसान प्रदर्शनकारी हाथ में काले झंडे लेकर खड़े थे. साथ ही पुलिस फ़ोर्स भी भारी संख्या में था. क्यों खड़े थे प्रदर्शनकारी?: अजय मिश्रा टेनी और केशव प्रसाद मौर्या को काले झंडे दिखाने के लिए. इसी सड़क से इन्हें बनवीरपुर दंगल कार्यक्रम में जाना था. चूंकि वीआईपी मूवमेंट था इसलिए पुलिस भी खड़ी थी.

वायरल वीडियो जो सामने आए उनसे समझते हैं कि क्या, कैसे और कब हुआ?

पहला वीडियो: तीन गाड़ियों का काफिला (सबसे आगे ग्रे थार, बीच में काली फॉर्च्यूनर, सबसे पीछे सफ़ेद स्कॉर्पियो) पहले सामान्य रफ़्तार से प्रदर्शनकारियों से घिरी सड़क में एंट्री करता है. लेकिन कुछ सेकंड्स बाद आगे जाकर कुछ होता है और गाड़ियों की रफ़्तार अचानक से तेज हो जाती है और धूल उड़ती हुई दिखती है. इस वीडियो में हेलमेट और जैकेट पहने हुए भारी संख्या में पुलिसकर्मी भी खड़े दिखाई पड़ते हैं

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दूसरा वीडियो: प्रदर्शनकारियों से घिरी सड़क पर एंट्री के बाद का और दुर्घटना के ठीक पहले का सीन. काले झंडे लहराते और चिल्लाते प्रदर्शनकारियों के बीच से एक-एक करके थार, फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो निकलती हैं और झंडों के डंडे गाड़ी से टकराने की आवाज आती है. इसी स्पॉट से रफ़्तार तेज होती है और आगे जाकर लोग कुचले जाते हैं.

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तीसरा वीडियो: यह वो वीडियो है जिसमें थार गाड़ी प्रदर्शनकारियों से घिरी सड़क के दूसरे छोर के पास आगे चल रहे प्रदर्शनकारियों को पीछे से उनकी पीठ पर टक्कर मारते हुए और कुचलते हुए आगे बढ़ती है. इसके पीछे इसी क्रम में फॉर्च्यूनर गाड़ी तेजी से आगे बढ़ती है.

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चौथा वीडियो: किसानों को कुचलने के बाद करीब आधा किलोमीटर आगे जाकर सड़क किनारे थार गाड़ी रुकती है. इस वीडियो में सड़क किनारे थार खड़ी हुई दिखती है और गाड़ी से एक युवक (नीले कुर्ते सफ़ेद पैजामे में) तेजी से उतर कर भागता है. इस वीडियो की पड़ताल में हमने पता लगाया की युवक का नाम सुमित जायसवाल है और यह स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता और मोनू मिश्रा का ख़ास है. इसी वीडियो में गाड़ी के पहिये के पास जख्मी शख्स जमीन पर पड़ा हुआ दिखता है.

पांचवां वीडियो: सड़क किनारे खड़ी हुई थार गाड़ी दिखती है. किसानों के कुचले जाने के बाद प्रदर्शनकारियों का आक्रोश चरम पर दिखाई पड़ता है. इस वीडियो में दो चीजें हैं, कुछ लोग एक व्यक्ति को लाठी डंडों से पीट रहे हैं, जो की थार गाड़ी का ड्राइवर हरिओम बताया जाता है. और दूसरी तरफ कुछ लोग थार गाड़ी पर लाठी डंडे बरसा रहे हैं और पीछे से किसी की बार बार गाड़ी पलटाने के लिए उकसाने की आवाज आती है. इसी सीन में गाड़ी के पास से नीचे उतरता हुआ लाल टीशर्ट वाला युवक दिखता है जिसके हाथ में तलवार है.

छठा वीडियो: इस वीडियो में प्रदर्शनकारी किसान फॉर्च्यूनर गाड़ी को सड़क से पलटते हुए दिखाई देते हैं. आक्रोश इतना चरम पर होता है कि लगातार बहुत देर तक बार-बार लोग लाठी डंडे गाड़ी पर बरसाते रहते हैं.

सातवां वीडियो: कुछ देर बाद प्रदर्शनकारी थार गाड़ी को धक्का देकर सड़क से नीचे ढलान पर पलटा देते हैं और उसके बाद आग के हवाले कर देते हैं. इस वीडियो में सड़क के एक तरफ थार और कुछ दूरी पर आगे एक बस के पास दूसरी तरफ फॉर्च्यूनर गाड़ी जलते हुए दिखाई देती है.

आठवां वीडियो: अब तक चरम आक्रोश पर होता है. प्रदर्शकारी आ चुके होते हैं और गाड़ियों में आग लगा देते हैं. फॉर्च्यूनर को पलटने के बाद इस वीडियो में जलती हुई गाड़ी के विज़ुअल्स दिखाई देते हैं.

दो वीडियो और सामने आये हैं:

1) पवन गुप्ता का वीडियो: दंगल कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे पवन गुप्ता का वीडियो है. इसमें काली स्कॉर्पियो में सफ़ेद कुर्ता पहने एक नेता को प्रदर्शनकारी घेर कर खड़े हैं और नारेबाजी हो रही है. कार में बैठे नेता पूर्व ब्लाक प्रमुख पवन गुप्ता हैं, जो आढ़ती भी हैं और सदर विधानसभा सीट से दावेदार भी हैं. इसी के बाद केशव प्रसाद मौर्य का निघाशन पहुँचने के बाद रुट बदला गया था.

2) कथित तौर पर आशीष मिश्रा उर्फ़ मोनू भैया का बंदूक वाला वीडियो: यह वीडियो कब और कहाँ का है, इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है लेकिन जब हमने इस वीडियो को लेकर मोनू के पिता अजय मिश्रा टेनी से पूछा तो उन्होंने बताया कि मोनू के पास लाइसेंसी पिस्तौल है और यह पुराना वीडियो है, इसका इस घटना से कोई संबंध नहीं है.

अबतक लखीमपुर खीरी कांड से जुड़े कई वायरल वीडियो सामने आ चुके हैं. लखीमपुर खीरी कांड की तपिश अभी आने वाले वक्त में ठंडी हो, इसके आसार नजर नहीं आ रहे. इस मामले में न्यायिक जांच कमेटी के गठन की तैयारी है. बताया जा रहा है कि 48 घंटे में न्यायिक जांच कमेटी इसकी जांच शुरू करेगी. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा आरोपी हैं. हालांकि मुकदमा दोनों (किसान पक्ष, मंत्री पक्ष) तरफ से लिखवाया गया है. फिलहाल स्थानीय स्तर पर 6 सदस्यीय एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है.

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