लखीमपुर खीरी हिंसा: जानिए SIT और आशीष मिश्रा के वकील ने कोर्ट में क्या-क्या दलीलें दीं?

आशुतोष मिश्रा

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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सीजेएम कोर्ट ने एसआईटी को आरोपी आशीष मिश्रा की 3 दिन की रिमांड दी है. हालांकि एसआईटी ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी.

रिमांड की मांग पर सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा के वकील ने कहा,

  • ”उन्होंने (SIT ने) कहा कि पूछताछ के लिए कस्टडी की जरूरत है. उन्होंने 12 घंटे तक पूछताछ की. आपको कितनी पूछताछ करनी है. अगर वे कहते कि रिकवरी की जरूरत है, तो यह वैध होता.”

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  • ”क्या वे आरोपी पर थर्ड डिग्री इस्तेमाल करना चाहते हैं? आप उनको पीटकर बयान नहीं ले सकते. उन्होंने कोई वजह नहीं बताई कि उन्हें रिमांड क्यों चाहिए.”

  • इस पर पब्लिक प्रोसीक्यूटर ने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स के मुताबिक, टॉर्चर की अनुमति नहीं है. कस्टडी जांच के बारे में है, जो जांच अधिकारी और आरोपी के बीच में मायने रखती है. 15 दिन के अंदर कभी भी कस्टडी की मांग की जा सकती है. 12 घंटों में उन्होंने जवाब नहीं दिए, यह पूरी तरह असहयोग था.”

    आशीष मिश्रा के वकील ने दलील दी,

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    • ”जांच अधिकारी समेत 8 अधिकारी मौजूद थे. उनके पास पूछने के लिए सिर्फ 40 सवाल थे. DIG, SP, IO सभी ने उनसे पूछताछ की.”

  • ”उन्होंने मोबाइल मांगा, जो मुहैया करा दिया गया. उनकी याचिका कहती है कि उन्होंने (आशीष ने) सहयोग नहीं किया, लेकिन कैसे?”

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  • ”बिना आराम किए उन्होंने सिर्फ एक गिलास पानी पिया. 12 घंटे बिना रुके पूछताछ हुई. वह किसी भी सवाल पर चुप नहीं थे.

  • ”वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे.”

  • पब्लिक प्रोसीक्यूटर ने कहा कि जांच अधिकारी तय करेंगे कि कस्टडी में क्या पूछताछ होगी, हम इस बात का खुलासा कैसे कर सकते हैं कि क्या जांच होगी, उनका गवाहों से आमना-सामना कराया जाएगा.

    वहीं आशीष मिश्रा के वकील ने कहा, ”अगर वे पूछताछ करना चाहते हैं, तो वे जेल जाकर पूछताछ कर सकते हैं.”

    इस मामले में यूपी पुलिस ने बताया था कि आशीष मिश्रा 9 अक्टूबर को ‘विवेचनाधिकारी के सामने पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच लखीमपुर खीरी में उपस्थित हुए, जिनसे विवचक द्वारा लगातार पूछताछ की गई, पूछताछ के दौरान पाया गया कि उनके जवाब संतोषजनक नहीं हैं, (वह) विवेचना में सहयोग नहीं कर रहे हैं और सवालों से बचने का प्रयास कर रहे हैं, इस कारण विवेचक ने उनको अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करना उचित समझा और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.’

    गिरफ्तारी के बाद आशीष को ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में डिस्ट्रिक्ट जेल भेज दिया गया था.

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