लखनऊ और कानपुर के बाद अब आगरा में भी ऑटोमेटिक मोड में चलेगी मेट्रो, जानें पूरी डिटेल्स

अरविंद शर्मा

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उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ और कानपुर जिले में मेट्रो का संचालन हो रहा है. अब आगरा में भी मेट्रो का संचालन करने की तैयारी चल रही है. यहां ऑटोमेटिक मोड में मेट्रो का संचालन किया जाएगा, जिसे एटीओ (ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन मोड) भी कहा जाता है. शहर में मेट्रो सेवा शुरू होने के बाद यात्री सेवाओं के दौरान ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन मोड में आगरा मेट्रो का संचालन किया जाएगा.

बता दें कि यूपी मेट्रो द्वारा एटीओ प्रणाली के जरिए लखनऊ और कानपुर मेट्रो का संचालन किया जा रहा है. मेट्रो संचालन के क्षेत्र में ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन मोड सबसे सुरक्षित और कुशल तरीकों में से एक माना जाता है. हालांकि, यात्री सेवाओं के दौरान ट्रेन में हमेशा ट्रेन ऑपरेटर मौजूद रहेगा.

एटीओ मोड में ट्रेन अपनी डिजाइन गति से चलेगी. एक बार स्टेशन पर पहुंचने के बाद, ट्रेन ऑपरेटर यात्रियों के सुरक्षित निकास के लिए बटन दबाकर गेट खुलेगा. स्टेशन से ट्रेन में सवार होने वाले यात्रियों के आगमन को सुनिश्चित करने के बाद गेट बंद करेगा. गेट बंद होने के बाद ट्रेन पुन: एटीओ मोड में अगले स्टेशन की ओर बढ़ेगी.

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बता दें कि विश्वभर में संचालित मेट्रो सेवाओं को संचालन तकनीक के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में बांटा जाता है, जिसे ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन (GoA) श्रेणी कहा जाता है. अत्याधुनिक और नवीनतम तकनीक से लैस आगरा मेट्रो ट्रेन ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन 3 श्रेणी (GoA 3) की ट्रेन है. इस श्रेणी की ट्रेनें ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन मोड में कम्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (सीबीटीसी) के जरिए बिना ट्रेन ऑपरेटर के चल सकती हैं.

कम्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम मेट्रो संचालन हेतु प्रयोग किया जाने वाला उन्नत सिग्लिंग सिस्टम है. कम्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम मेट्रो कॉरिडोर में यातायात प्रबंधन एवं बुनियादी ढांचे के नियंत्रण के लिए ट्रेन और ट्रैक उपकरण के बीच दूरसंचार का उपयोग करती है. पारंपरिक सिग्नलिंग सिस्टम की तुलना में सीबीटीसी प्रणाली के जरिए ट्रेन की सटीक स्थिति पता चलती है. सीबीटीसी प्रणाली में मेन लाइन पर चल रही ट्रेनों के बीच भी संचार होता है.

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मेन लाइन पर अप-डाउन लाइन पर चल रही प्रत्येक ट्रेन ट्रैक पर लगे उपकरण की मदद से ऑपरेशन कमांड सेंटर के संपर्क में रहती हैं. इसके साथ ही ट्रेन अपने आगे और पीछे चल रही ट्रेन को जानकारी देती है. इसी प्रक्रिया की मदद से मेन लाइन पर मेट्रो ट्रेनें एक दूसरे से उचित दूरी बनाकर रखती हैं.

गौरतलब है कि ताजनगरी आगरा में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे. ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किलोमीटर लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा, जिसमें 6 एलीवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे. इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है. इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 किलोमीटर लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे.

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