अंबेडकर जयंती पर दलितों को गेस्‍ट हाउस कांड के बारे में बताने का अभियान शुरू करेगी बीजेपी

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उत्तर प्रदेश में सत्‍तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) साल 1995 के चर्चित गेस्‍ट हाउस कांड मामले को लेकर दलितों को लुभाने के एक नये मंसूबे पर काम कर रही है.

प्रदेश भाजपा अनुसूचित जाति/जनजाति मोर्चा आगामी 14 अप्रैल को अम्‍बेडकर जंयती के मौके पर एक प्रदेशव्‍यापी अभियान चलाकर दलितों को बतायेगा कि भाजपा नेता ब्रह्मदत्‍त द्विवेदी ने गेस्‍ट हाउस कांड के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) कार्यकर्ताओं से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मौजूदा मुखिया मायावती की जान कैसे बचायी थी.

विपक्ष ने बताया राजनीतिक हथकंडा

हालांकि, विपक्ष ने इसे भाजपा का हथकंडा करार देते हुए कहा है कि सत्‍तारूढ़ दल को यह आंदोलन चलाने के बजाय प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्‍याचार को रोकने के लिये काम करना चाहिए.

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प्रदेश भाजपा अनुसूचित जाति/जनजाति मोर्चा के अध्‍यक्ष राम चंद्र कनौजिया ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ”हम आगामी 14 अप्रैल को बाबा साहब डॉक्‍टर भीमराव अम्‍बेडकर की जयंती के अवसर पर एक अभियान शुरू करके दलितों को बतायेंगे कि भाजपा ने किस तरह से गेस्‍ट हाउस कांड के दौरान मायावती को सपा कार्यकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाकर उनकी जान बचायी थी. यह अभियान पांच मई तक चलेगा.”

उन्‍होंने कहा, ”वर्ष 1995 में जब गेस्‍ट हाउस कांड हुआ था, तब हमारे नेता ब्रह्मदत्‍त द्विवेदी मौके पर पहुंचे थे और मायावती की जान बचाई थी और आज वह बोल रही हैं कि अगर वह कांड नहीं हुआ होता तो सपा और बसपा का गठबंधन आज भी कायम रहता.”

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भाजपा का यह ऐलान गत दो-तीन अप्रैल को लखनऊ में हुई बसपा की अहम बैठक और सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव द्वारा सोमवार को रायबरेली में बसपा संस्‍थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद उपजे हालात के मद्देनजर महत्‍वपूर्ण माना जा सकता है.

क्या था गेस्ट हाउस कांड?

गौरतलब है कि वर्ष 1995 में गठबंधन सरकार से बसपा के समर्थन वापस ले लेने से उत्तर प्रदेश में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के नेतृत्‍व वाली सरकार अल्‍पमत में आ गई थी.

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इसी दौरान दो जून 1995 को मायावती अपने विधायकों के साथ लखनऊ के मीराबाई मार्ग स्थित स्‍टेट गेस्‍ट हाउस के एक कमरे में अपने विधायकों से बात कर रही थीं.

आरोप है कि तभी सपा कार्यकर्ताओं की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था और इस घटना में मायावती की जान बमुश्किल बच सकी थी.

सपा ने बीजेपी के इस अभियान पर साधा निशाना

इस बीच, सपा के राष्‍ट्रीय महासचिव स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा अनुसूचति जाति/जनजाति मोर्चा के प्रस्‍तावित अभियान पर तंज करते हुए कहा, ”भाजपा चाहे जो अभियान चलाये मगर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने पिछली सारी बातों को भुलाकर गठबंधन किया था. भाजपा अब ‘गड़े मुर्दे’ उखाड़कर क्‍या हासिल करना चाहती है.”

मौर्य ने कहा कि कोई अभियान शुरू करने से पहले भाजपा को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि आखिर उसने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्‍य पिछड़े वर्गों का आरक्षण क्‍यों खत्‍म कर दिया है.

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उन्‍होंने कहा, ”आज जो भी भर्तियां निकल रही हैं उनमें शून्‍य आरक्षण है. अगर भाजपा दलितों और पिछड़ों की इतनी ही बड़ी हितैषी है तो वह आरक्षण के साथ खिलवाड़ क्‍यों कर रही है.”

‘दलितों पर हो रहे अत्‍याचार को रोकना चाहिए’

कांग्रेस प्रवक्‍ता सुरेन्‍द्र राजपूत ने कहा कि भाजपा सत्‍ता में है और गेस्‍ट हाउस कांड की याद दिलाने वाले अभियान चलाने के बजाय उसे दलितों पर हो रहे अत्‍याचार को रोकना चाहिये.

राजपूत ने कहा कि हाथरस में एक दलित लड़की से बलात्‍कार किया गया और मौत के बाद उसके शव को प्रशासन ने जबरन जलवा दिया। इसके अलावा लखीमपुर खीरी, गोंडा और बांदा में दलितों पर जुल्‍म की अनेक घटनाएं हुई हैं लेकिन भाजपा उनके बारे में कभी बात नहीं करती.

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