बाथरूम में लगा गैस गीजर भी ले सकता है आपकी जान, गाजियाबाद की इस घटना से लीजिए ये सीख

हर्ष वर्धन

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Ghaziabad News: 8 मार्च, बुधवार को होली वाले दिन गाजियाबाद के मुरादनगर से एक बेहद ही दर्दनाक हादसा सामने आया. आपको बता दें कि होली खेलने के बाद बाथरूम में नहाने गए एक दंपति की अंदर ही मौत हो गई. आशंका जताई गई कि पति-पत्नी बाथरूम में लगे गैस गीजर से निकलने वाली गैस की चपेट में आ गए थे. बाथरूम का दरवाजा बंद होने और सही वेंटिलेशन ना होने से उनकी मौत हो गई. आखिर दंपति की मौत कैसे हुई, क्या कारण रहा इसे जानने के लिए यूपी तक की टीम ने एक्सपर्ट से खास बातचीत की है. एक्सपर्ट डॉक्टर अमित गुप्ता ने आशंका जताई है कि गैस गीजर से जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकली होगी, जिससे दंपति की मौत हो गई. साथ ही डॉक्टर अमित ने इस हादसे से बचने के उपाए भी बताए हैं. रिपोर्ट में आगे जानिए डॉक्टर अमित ने क्या-क्या बताया?

आखिर दंपति की मौत क्यों हुई?

बाथरूम में लगे गैस गीजर से आखिर दंपति की मौत कैसे हो गई, इसे जानने के लिए हमने डेप्युटी चीफ, हेल्थ सर्विसिस (यारा, बबराला) डॉक्टर अमित गुप्ता से खास बातचीत की. उन्होंने हमें बताया, “ज्यादातर मिडिल क्लास लोग पैसे बचाने के लिए अपने बाथरूम में गैस गीजर लगा लेते हैं. इसके फायदे और नुकसान दोनों होते हैं. फायदा इसका ये है कि बिजली की खपत कम होती है और पानी जल्द गर्म हो जाता है. ज्यादातर लोगों के घरों के बाथरूम में वेंटिलेशन नहीं होता है. हम इस गेज गीजर को अपने बाथरूम के अंदर ही लगा लेते हैं. जो खतरनाक साबित हो सकता है.”

क्या होता है गैस गीजर का प्रोसेस?

डॉक्टर अमित ने बताया, “इसमें प्रोसेस यह होता है कि गैस गीजर में LPG जलती है, जलने के बाद वह हीट पैदा करती है. उसको जलने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है. जब बाथरूम ने वेंटिलेशन नहीं है, जगह कम है तो ऑक्सीजन की कमी और जलने की प्रक्रिया अधूरी हो जाती है. जब कोई चीज अधूरी जलती है तो कार्बन डाइऑक्ससाइड की जगह कार्बन मोनोऑक्साइड बनती है. कार्बन मोनोऑक्साइड की यह खासियत होती है कि न तो वो हमें दिखाई देती है और न ही उसे हम सूंघ सकते हैं. वह हवा से भारी होती है और नीचे से जमा होना शुरू हो जाती है. जो अंदर नहा रहा होता है, उसे पता ही नहीं चलता कि गैस लीक होनी शुरू हो गई है.”

ये होते हैं प्रारंभिक लक्षण

डॉक्टर गुप्ता के अनुसार, “इसके प्रारंभिक लक्षण सिर में दर्द, उल्टी जैसा लगेगा, चक्कर आने जैसा लगेगा, बेहोशी आएगी और आगे दौरे पड़ सकते हैं या कार्डियक अरेस्ट आ सकता है.”

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गाजियाबाद के दंपति के साथ क्या हुआ होगा?

डॉक्टर अमित के मुताबिक, “इन्होंने गीजर चला रखा होगा, कार्बन मोनोऑक्साइड बनी होगी, पता नहीं चल पाया होगा. इनको शुरू में हल्का का सर में दर्द लगा होगा, उसको इग्नोर किया होगा, उल्टी जैसा लगा होगा उसे भी नजरअंदाज किया होगा. हो सकता है बाद में कार्बन मोनोऑक्साइड ने दिमाग पर असर कर दिया हो. कार्बन मोनोऑक्साइड की ऑक्सीजन से 200 से 300 गुना ज्यादा क्षमता होती है हीमोग्लोबिन से बाइंड होने की. इसलिए फिर पूरे शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड फैल जाती है, जो जानलेवा है. हो सकता है इस केस में यही हुआ हो.”

इससे बचने के उपाए क्या हैं?

डॉक्टर अमित गुप्ता ने बताया,

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  • “गैस गीजर को बाथरूम से बाहर लगाना चाहिए. अंदर केवल आप नल या उसके आउटलेट ले सकते हैं. “
  • “बाथरूम में खिड़की होनी चाहिए, नहीं है तो एग्जॉस्ट होना चाहिए.”
  • “सबसे सही तरीका है कि आप गैस गीजर चलाकर पहले पानी बाल्टी में भर लीजिए, फिर नहाने जाइए. मतलब की नहाने के दौरन गीजर को बंद रखिए.”

गौरतलब है कि अग्रसेन मार्केट में दीपक गोयल (40 वर्ष) अपनी पत्नी शिल्पी (35 वर्)ष और दो छोटे बच्चों के साथ रहते थे. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों पति-पत्नी होली खेलने के बाद शाम करीब चार बजे बाथरूम में नहाने के लिए चले गए. घंटों तक भी जब वे बाहर नहीं निकले तो बच्चों ने शोर मचाया. परिवार के लोग भी वहां पहुंच गए. अंदर से कोई आवाज नहीं आने पर परिवार के लोगों ने दरवाजा तोड़कर दोनों को बेहोशी की हालत में बाहर निकाला. देखने पर पता चला कि गैस गीजर चल रहा था. बाथरूम में वेंटिलेशन की व्यवस्था नहीं की गई थी. परिवार के लोगों ने आनन-फानन में दोनों पति पत्नी को गाजियाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उनको मृत घोषित कर दिया गया.

घटना की सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. दोनों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम को भेज दिया गया. उधर, होली के दिन हुई इस घटना से परिवार में कोहराम मचा है. दोनों के छोटे बच्चे हैं. उनका रो-रो कर बुरा हाल है.

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