फिरोजाबाद: शहर से 7 Km दूर गांवों में सैकड़ों बच्चे बीमार, 5 की मौत के दावे, कोई राहत नहीं

सुधीर शर्मा

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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में डेंगू और वायरल फीवर का कहर बढ़ने से स्थिति बेकाबू होती जा रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक फिरोजाबाद में 55 मौतें हो चुकी हैं. 432 बच्चे अभी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं. वहीं वायरल बुखार से पीड़ित 100 के करीब वयस्क भी अलग-अलग वार्डो में भर्ती हैं.

यूपी तक की टीम फिरोजाबाद जनपद से 7 किलोमीटर दूर गांव नगला गोकुल और मुस्ताबाद में पहुंची. वहां हमने सरकार की तैयारियां व जमीनी स्थितियों का जायजा लिया.

पढ़िए ये खास ग्राउंड रिपोर्ट-

स्वास्थ्य महकमे की बेहतर चिकित्सा दावों के हकीकत की सत्यता जानने के लिए हम जा पहुंचे फिरोजाबाद जनपद से 7 किलोमीटर दूर नगला गोकुल और मुस्ताबाद गांव में. ग्रामीणों की मानें तो इन दोनों गांव में पिछले 12 दिन में 5 बच्चों की वायरल बुखार से मौतें चुकी हैं. गांव में सैकड़ों लोग अभी भी बीमार हैं.

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जब हम गांव नगला गोकुल मैं पहुंचे तो पता चला कि वहां आज ही एक 6 साल के बच्चे शिवांक की मौत हो गई. शिवांक को सरकारी मेडिकल कॉलेज के 100 सैयां हॉस्पिटल में एक दिन पहले भर्ती किया गया था. जब उसकी हालत बिगड़ी तो उसे आगरा रेफर कर दिया गया. आगरा के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई. इसी तरह इसी गांव में 10 दिन पहले एक साल के बच्चे हिमांशु की भी मौत बुखार से हो चुकी है.

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वहीं गांव वालों का कहना है कि पास के गांव मुस्ताबाद में अभी 3 बच्चे काल के गाल में समा चुके हैं. मासूम बच्चों की मौत के बाद उनके परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है, लेकिन इनकी इस बदहाली और इस दर्द की आवाज ना तो जिला अधिकारी के कानों में पहुंची और ना ही स्वास्थ्य विभाग की टीम के कानों में, क्योंकि 18 अगस्त से अब तक चल रहे इस वायरल बुखार के दौरान स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम नहीं पहुंची.

इसी गांव में कई लोगों के घर-घर में बच्चे बीमार हैं. गांव वालों का कहना है कि करीब 100 से ज्यादा बच्चे बीमार हैं और इतने ही बड़े ही बीमार हैं. सभी का इलाज अलग-अलग हॉस्पिटलों में चल रहा है.

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जब हमने गांव के कई घरों में जाकर देखा तो पता लगा कि ग्रामीण राजवीर सिंह के घर में 6 बच्चे बीमार हैं. यही हालत पिंटू यादव के घर में भी थे उनके बच्चे भी बीमार थे, सुजान सिंह के घर में भी दो बच्चे बीमार थे, दर्शन सिंह के यहां भी उनके बच्चे बीमार थे, रणवीर सिंह के बच्चे भी बीमार थे और रामेश्वर के परिवार में भी बच्चे बीमार थे. ऐसे तमाम नाम हैं जिनके घर में बच्चे बीमार थे, लेकिन इन सभी का बस एक ही दर्द है कि उनके गांव में अभी तक स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम उनका सुध लेने तक नहीं पहुंची.

जलभराव और कीचड़ से हैं लोग परेशान

गांव में वायरल बुखार फैलने का कारण भी गांव में ही देखने को मिला. गांव में जिस रास्ते से प्रवेश करते हैं वहां बहुत ज्यादा जलभराव और कीचड़ है. गंदगी का अंबार होने की वजह से लोगों को इस रास्ते से निकलने में बहुत परेशानी होती है. गंदगी की वजह से मच्छर पनप रहे हैं, लेकिन आज तक यहां कोई सफाई करने नहीं आया.

गांव वालों ने प्रधान मनोज से शिकायत भी की है, लेकिन मनोज ने भी कुछ नही किया. स्थिति इस डेंगू काल में भी वही की वही है. अब सभी गांव वाले अपने बच्चों को लेकर परेशान हैं कि अगर यहां साफ-सफाई और बच्चों के लिए दवाइयों का कैंप लग जाए, तो उनके बच्चे भी ठीक हो सकते हैं.

राजकीय मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल संगीता अनेजा ने यूपी तक को बताया कि जो लोग गांव में बीमार हैं वह बहुत सावधानी बरतें और अगर उन्हें दिक्कत है तो वह मेडिकल कॉलेज में आए, उनको यहां भर्ती किया जाएगा. उन्हें अच्छा इलाज दिया जाएगा, लेकिन मैं यही कहूंगी कि उन्हें सावधानी बरतनी होगी.

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