आगरा के जिस लाल किले में औरंगजेब ने किया था छत्रपति शिवाजी का अपमान, उसमें हुआ अब ये बड़ा काम

अरविंद शर्मा

Agra News: उत्तर प्रदेश में आगरा की विश्वदाय स्मारक लाल किले में छत्रपति शिवाजी का 393वां जन्मोत्सव धूमधाम तरीके से मनाया गया. यह वही आगरा…

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Agra News: उत्तर प्रदेश में आगरा की विश्वदाय स्मारक लाल किले में छत्रपति शिवाजी का 393वां जन्मोत्सव धूमधाम तरीके से मनाया गया. यह वही आगरा किला है, जहां सन 1666 में मुगल शासक औरंगजेब ने छत्रपति शिवाजी को पुरंदर संधि पर वार्ता के लिए छल से आगरा किले के दीवाने खास में बुलाकर अपमान किया था और कैद करने का फरमान सुनाया था. लेकिन मिर्जा राजा जयसिंह के तर्क सम्मत अनुरोध पर औरंगजेब ने छत्रपति शिवाजी को मिर्जा राजा जयसिंह को सौंप दिया था और कह दिया था कि अपनी हवेली में इन्हें नजरबंद रखना.

 

मुख्यमंत्री शिंदे बोले- शिवाजी महाराज का सिपाही बनकर यहां आया हूं

छत्रपति शिवाजी के अपमानित होने के 357 साल बाद समय के पहिए ने करवट बदली और रविवार को उसी किले में शिवाजी की शौर्य गाथाएं शान से गूंजी. आगरा किले का जर्रा-जर्रा शिवाजी के जयघोष से कंपित हो गया. कार्यक्रम उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया. कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शामिल होकर उपस्थिति दर्ज कराई और कहा ‘मैं मुख्य्मंत्री बनकर नहीं शिवाजी महाराज का सिपाही बनकर यहां आया हूं. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी को बधाई दी.

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सीएम योगी ने कही ये बात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने वीडियो संदेश में छत्रपति शिवाजी के अदम्य साहस और पराक्रम का वर्णन किया. उन्होंने कहा कि शिवाजी ने जिस तरह मुगल आक्रांता के प्रतापगढ़, सूरत और कोल्हार के युद्ध लड़े वह अविस्मरणीय है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा रचित पुस्तक शिवाजी उत्सव के बारे में भी लोगों को जानकारी दी.

वीर शिवाजी के जन्मोत्सव के मौके पर आगरा किले के दीवान-ए-आम में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में महाराष्ट्र से आए अतिथियों ने बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. कार्यक्रम में वीर शिवाजी के पराक्रम और अदम्य साहस का वर्णन किया गया.

बता दें कि छत्रपति शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के पुणे के शिवनेरी किले में हुआ था.  शिवाजी अपनी गुरिल्ला युद्ध नीति से दुश्मनों के छक्के छुड़ा देते थे. शिवाजी की गुरिल्ला पद्धति युद्ध को आज भी याद किया जाता है. आपको बता दें कि आगरा किले में शिवाजी के जन्मोत्सव पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में महाराष्ट्र के लोग आए थे. लेकिन सुरक्षा कारणों से सभी को आगरा किले में प्रवेश नहीं मिल पाया. इस कारण कुछ लोग किले के सामने धरने पर बैठ गए.

पुलिस को भीड़ को हटाने में बल का प्रयोग भी करना पड़ा. पुलिस ने लाठियां फटकार कर हंगामा कर रहे लोगों को मौके से खदेड़ दिया. वीर शिवाजी के जन्मोत्सव पर आगरा में आयोजित कार्यक्रम के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी और आभार जताया. उन्होंने कहा कि शिवाजी के पराक्रम को कभी भुलाया नही जा सकता.

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