भाई को देख यूपी की इस महिला क्रिकेटर ने शुरू किया था खेलना, अब चीन में टीम के साथ मिली बड़ी कामयाबी
एशियन गेम्स 2023 के फाइनल मुकाबले में भारतीय महिला टीम ने गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया है. भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने श्रीलंका को 19…
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एशियन गेम्स 2023 के फाइनल मुकाबले में भारतीय महिला टीम ने गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया है. भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने श्रीलंका को 19 रन से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम करने में कामयाबी हासिल की है. चीन के हांग्जो में आयोजित एशियन गेम्स 2023 के फाइनल मुकाबले में भारतीय महिला टीम में यूपी की एक खिलाड़ी में शामिल रहीं, जिनका नाम दीप्ति शर्मा है. दीप्ति शर्मा के शानदार परफॉर्मेंस से भारतीय महिला टीम को गोल्ड जीतने में सफलता हुई है. आइए आपको दीप्ति शर्मा की कहानी बताते हैं.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी दीप्ति शर्मा की आज उसे हकीकत से आपको रूबरू कराते हैं, जो शायद ही किसी को मालूम हो.
दीप्ति शर्मा के अंदर क्रिकेट की कला को सबसे पहले देश की जानी-मानी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी रहीं हेमलता ने पहचानी थी. अपने भाई बाला के साथ दीप्ति क्रिकेट के मैदान में गई थीं और वहां पर एक गेंद को पड़कर उन्होंने थ्रो किया था, जो सीधा विकेटकीपर के हाथों में पहुंच गया था.
बस इस थ्रो ने हेमलता की निगाहें दीप्ति की तरफ खींच लीं और हेमलता ने पूछा यह कौन है? जानकारी ली और जानकारी लेने के बाद पता चला कि वह क्रिकेटर बाला की बहन है, जिसकी उम्र महज 8 साल है. बाला के मुताबिक, उस समय हेमलता ने उनसे कहा था कि बाला तुम राष्ट्रीय टीम में आओगे या नहीं, यह मुझे नहीं मालूम है, लेकिन यह लड़की जरूर राष्ट्रीय टीम में आएगी. इसको क्रिकेट खिलाओ. भाई बाला के जेहन में हेमलता की यह बात गहरे तक उतर गई और अपनी क्रिकेट को किनारे कर बाला ने दीप्ति शर्मा के हाथ में बला थमा दिया.
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दीप्ति शर्मा दिन में क्रिकेट की बारीकियां को मैदान पर सिखाती रहे और सिर्फ 12 साल की उम्र में दीप्ति उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम की सदस्य बन गई. दीप्ति 14 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश महिला क्रिकेट टीम की कप्तान बन गई.
महज 8 साल की उम्र से दीप्ति ने प्रत्येक दिन सफलता का सोपान प्राप्त करना शुरू कर दिया, लेकिन इस सफलता के पीछे 24 घंटे की अटूट क्रिकेट के लिए निष्ठा लगन और जुनून का समावेश था, जिसने आज दीप्ति शर्मा को सफलता के शिखर पर ले जाकर खड़ा कर दिया है.
दीप्ति शर्मा भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार आलराउंडर हैं. उनका जन्म 24 अगस्त 1997 को आगरा में हुआ था. 28 नवंबर, 2014 को दीप्ति शर्मा ने दक्षिण अफ्रीका टीम के खिलाफ पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में पदार्पण किया था. दीप्ति शर्मा बाएं हाथ की बल्लेबाज हैं और राइट आर्म मीडियम पेस गेंदबाज से अपना करियर शुरू करने के बाद इस समय ऑफ ब्रेक गेंदबाजी कर रही हैं.
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दीप्ति शर्मा भारत के लिए अच्छा प्रदर्शन करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर की लीग महिला बिग बैश लीग जोकि ऑस्ट्रेलिया की एक क्रिकेट लीग है, मैं भी अपना शानदार प्रदर्शन किया है. वह अपने हरफनमौला खेल के लिए पूरे विश्व में जानी जाती है.
दीप्ति शर्मा वनडे क्रिकेट में 188 रन का व्यक्गित स्कोर बनाने वाली तीसरी महिला खिलाड़ी हैं. उन्हें जून 2018 में बीसीसीआई द्वारा सर्वश्रेष्ठ घरेलू वरिष्ठ महिला क्रिकेटर के लिए जगमोहन डालमिया पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उनके पिता का नाम भगवान शर्मा है. माता का नाम सुशील शर्मा है. दीप्ति के पिता रेलवे के रिटायर कर्मचारी हैं. दीप्ति बेहद कम उम्र में ही अपने भाई के साथ क्रिकेट खेलने जाती थीं. क्रिकेट के प्रति दीप्ति की रुचि को देखते हुए परिवार ने प्रोत्साहन किया और दीप्ति इस मुकाम तक पहुंच गई है.
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