किसान परेशान नहीं, लेकिन किसानों के नाम पर दलाली करने वाले परेशान हैं: योगी आदित्यनाथ

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कुछ लोग किसानों को मोहरा बनाकर उनको गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा सीएम योगी ने यह भी कहा है कि किसान परेशान नहीं है, लेकिन किसानों के नाम पर दलाली करने वाले लोग परेशान जरूर हैं.

5 सितंबर, रविवार को हिंदुस्तान पूर्वांचल सम्मान समारोह में योगी आदित्यनाथ से पूछा गया था – आज मुजफ्फरनगर में किसानों का बड़ा भारी मजमा लगा हुआ था और उनके बड़े आरोप हैं आपके ऊपर, तो कुछ कहना चाहेंगे आप उन लोगों से? इसके जवाब में सीएम योगी ने कहा, ”मेरे पास इतना समय नहीं था कि मैं उनका भाषण सुन सकूं…पिछले 7 साल में किसानों के लिए देश में जितने कार्यक्रम घोषित हुए हैं, आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है.”

इसके आगे सीएम योगी ने कहा, ”मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि सॉइल हेल्थ कार्ड की बात हो, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की बात हो, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की बात हो, या फिर लागत का डेढ़ गुना दाम किसान को मिले, एमएसपी ईमानदारी के साथ देने की बात हो या प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, खेती किसानी के क्षेत्र में जो तकनीक अपनाई गई, जिन्हें ये सब चीजें पसंद नहीं, वे लोग कुछ किसानों को मोहरा बनाकर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं. उनको ये अच्छा नहीं लगता कि लोग कुछ नया कर सकें.”

राकेश टिकैत को लेकर क्या बोले योगी आदित्यनाथ?

कार्यक्रम के दौरान गन्ना किसानों को लेकर सीएम योगी से पूछा गया – (भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता) राकेश टिकैत का आप पर आरोप है कि आप न तो बकाया पैसा दिलवा पाए न ठीक से मूल्य वृद्धि हुई, इसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”मुझे लगता है कि वास्तविकता की जानकारी होती और किसानों के सच्चे हितैषी होते तो उन्हें यह भी बोलना चाहिए था कि हमारी सरकार ने अब तक एक लाख तैंतालीस हजार करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है, पिछले साढ़े साल वर्ष के दौरान, अभी साढ़े साल वर्ष हमारी सरकार के नहीं हुए हैं, लेकिन हमने कराया है. अगर 2007 से 2017 के बीच गन्ना मूल्य का आप देखेंगे तो मात्र 95 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ था. अब मुझे ये बताइए कि कौन किसानों का हितैषी है, तब ये लोग कहां बोल रहे थे. तब तो नहीं आवाज उठा रहे थे.”

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सीएम योगी ने कहा, ”चौधरी चरण सिंह जी किसानों के सबसे बड़े नेता माने जाते थे. उनकी कर्मभूमि बागपत का रमाला क्षेत्र थी और रमाला का चीनी मिल बंदी की कगार पर था. रमाला में नया चीनी मिल हमारी सरकार ने लगाया है. हमने बंद चीनी मिलों को चलवाने का काम किया है…किसान परेशान नहीं है, किसान खुश है, लेकिन किसानों के नाम पर दलाली करने वाले लोग परेशान जरूर हैं.”

योगी बोले- ‘जब किसान आत्महत्या कर रहे थे, तब ये लोग कहां थे’

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश के अंदर किसान आत्महत्या कर रहे थे और 2014 से पहले देश के अंदर भी किसान आत्महत्या कर रहे थे, 2014 के बाद देश के अंदर और 2017 के बाद उत्तर प्रदेश के अंदर इस प्रकार के समाचार नहीं हैं. प्रदर्शनकारी किसान नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ”ये लोग उस वक्त कहां गए थे, जब किसान आत्महत्या कर रहे थे.”

योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”2017 में जब हम लोग आए तो हमने कहा कि आत्महत्या का कारण क्या है? पता लगा कि किसान कर्ज के तले दबा हुआ है. कई सालों से उसका गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं हुआ है. धान और गेहूं की परंपरागत खेती करता है. उसमें उसकी लागत नहीं बैठ रही क्योंकि क्रय केंद्र संचालित नहीं हो रहे. सबसे पहला काम हमारी सरकार ने उस समय किसानों के कर्जमाफी कार्यक्रम का किया. हमारी अर्थव्यवस्था उसकी अनुमति नहीं दे रही थी. हमारा कोई अधिकारी तैयार नहीं था.”

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये का किसान कर्ज माफी का कार्यक्रम हमारी सरकार लेकर आई थी, इससे पहले कोई सरकार इस प्रकार का कार्यक्रम लागू नहीं कर पाई थी.

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